बुधवार, 2 जुलाई 2008

सुबह बहुत महंगी हो गयी है.....

अपनी सुबह तो बहुत महंगी हो गयी है भाई लोगो । महंगाई के असर का दायरा बढ़ रहा है, बाथरूम में घुसने पर ही मंहगाई का एहसास होने लगा है । टूथपेस्ट का दाम तीन - पांच रूपये बढ़ गया है । साबुन की टिकिया जल्दी घिसने लगी है । कीमत वहीहै लेकिन वज़न कम हो गया है । जिसका वज़न नहीं बदला उसका भाव एक - तीन रूपये बढ़ गया है । बाथ लेकर बहार निकले तो चार रूपये महंगी हो गयी क्रीम मूंह चिढाती है उसके बाद सौ एम एल पर तीन रूपये महंगा हुआ तेल ।
नाश्ते की मेज़ पर करीब ६ रूपये महंगा हो चूका दूध दिखने के बाद दूध पीने की इच्छा नहीं होती है वहीँ महंगे हुए ब्रेड पर महंगा हुआ मक्खन ढंग से लग भी नहीं पाताकापसे धोने वाला २५० ग्राम का साबुन २२ रूपये का हो गया है । कपड़ो को कड़क बनाये रखना चार रूपये महंगा हो गया है तो उसमे चमक बनाये रखना तीन रूपये । महंगाई के बोझ टेल आम आदमी पिसता जा रहा है ।
हर जगह महंगाई थोडी - थोडी बढ़ी है लेकिन मिलकर ज्यादा बढ़ी हो गयी है । वहीँ अनाज की कीमतों में तेजी रुकी नहीं बढ़ी है । अरहर दाल महारानी ४६ -४८ रूपये पर पहुच गयी है तो फूल दाल ४४ के भाव पर है । चावल को मानो पंख लग गए हो, रत्ना परमल फूटकर में १८ रूपये किलो के भाव पर आ गया है । मंहगाई ने बजट बिगाड़ दिया है ।

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काशिफ आरिफ

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