tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post5965435050541035670..comments2024-02-18T13:41:34.117+05:30Comments on "हमारा हिन्दुस्तान"...: नवरात्रों में देवी के भेंट चढें मेरे साथ २००-२५० लैंडलाईन कनेक्शन... 200-250 Landline Connection Was Destroyed On Navratraकाशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-77852032708584427982009-11-06T23:26:45.669+05:302009-11-06T23:26:45.669+05:30सही कहा...!!! कट्टरता किसी की भी सही नही हैसही कहा...!!! कट्टरता किसी की भी सही नही हैप्रिया शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09223017402161548363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-61415567060616154792009-10-09T21:48:18.375+05:302009-10-09T21:48:18.375+05:30शेखावत जी,
आप मेरे ब्लोग पर आये और अपने बहुमुल्य ...शेखावत जी,<br /><br />आप मेरे ब्लोग पर आये और अपने बहुमुल्य विचार रखें उसका बहुत-बहुत शुक्रिया!! <b>वैधानिक चेतावनी मैने इसलिये लगाई थी क्यौंकी मैं कोई विवाद पैदा नही करना चाहता था...जब से मैने हिन्दी ब्लोगिंग शुरु की है तब से मेरे लेखों का असली मर्म किसी ने नही समझा है---मैं जो कहता हूं उसका लोग उल्टा मतलब निकालते है.....मेरे पास वक्त की कमी रह्ती है और ऊपर से यहां बिजली और इंन्ट्र्नेट की परेशानी भी है.....मैं नही चाहता की कोई विवाद पैदा हो और मैं सही वक्त पर लोगों को अपनी बात नही समझा सकूं और मेरे ऊपर इल्ज़ाम लगें की "हिन्दुओं को गाली देकर भाग गया....अब जवाब नही दे रहा है"<br /><br />मैं सिवाय अल्लाह के किसी से नही डरता--ना इन्सान से ना जानवर से---मुझे अपने ऊपर गलत इल्ज़ाम बर्दाश्त नही है......मेरा दोस्त समीर...जिसे प्यार से हम सैम कहते है.... एक शेर कहता है.........."बेवजह किसी को छेड़ते नही, जो हमें छेड़े उसे छोड़ते नही. गर गलती हमारी हो तो हर सज़ा मंज़ूर, वरना उंगली उठाना बर्दाश्त करते नही"</b><br /><br /><br />आपकी बात मुझे सही लगी मैं विवाद पैदा नही करना चाहता था लेकिन लगता है जिस तरह से आप कहते है मुझे उस तरह से लिखना होगा.....<br /><br />आपने कुरआन को गलत लिखा है सही अल्फ़ाज़ <b>"कुरआन"</b> है कुरान नही।<br /><br />आप कुरआन और गीता को मिला नही सकते है.....कुरआन इंसान की लिखी हुई किताब नही है वो <b>"अल्लाह का कलाम"</b> है। मेरें जिस ब्लोग की आप बात कर रहे है ये मैनें कुरआन को सही साबित करने के लिये नही बनाया है क्यौंकि कुरआन को सही साबित करने की कोई ज़रुरत नही है| मैनें ये ब्लोग गैर-मुस्लिमों और मुस्लमानों के दिल में जो गलतफ़हमियां है उनको दुर करने और सबके सामने सही इस्लाम रखने के लिये बनाया है.....आप देख सकते है की मेरे ब्लोग का एक भी लेख हिन्दुओं या किसी और धर्म पर केन्द्रित नही सारे लेख मुस्लमानों पर केन्द्रित है क्यौंकि मैं इस बात में विश्वास रखता हूं कि <b>"पहले अपना घर साफ़ करो--फ़िर गली और मौहल्ले की फ़िक्र करना"</b><br /><br /><br />कुरआन में जो बताना था अल्लाह ने बता दिया.....और उन बातों को विस्तार से अल्लाह के रसुल ने बता दिया.... अब कुछ नही बचा बताने के लिये.... AK-47, Computer, Internet, Mobile, Radio, रेफ़्रीजरेटर ये सब इंसान की बनाई हुई चीज़े है...........T.V. में रिकार्डिड टेप देखने के ताल्लुक से कुछ जगह ज़िक्र है लेकिन उसके बारे मैं मुझे पुरे सबुतों के साथ जानकारी नही है इसलिये मैं उस पर अभी कुछ नही कहुंगा.......<br /><br />रही बात टिप्पणी करने या ना करने की तो उसकी वजह मैं आपको ऊपर बता चुका हूं.....काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttps://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-61961657173758892712009-10-06T01:54:47.538+05:302009-10-06T01:54:47.538+05:30आजकल सभी ने पूजा भक्ति का असली मतलब तो भुला ही दिय...<b>आजकल सभी ने पूजा भक्ति का असली मतलब तो भुला ही दिया है और अंहकार प्रदर्शन करने में ही लगे रहते हैं |</b> और ये BSNL के कर्मचारी भी इतने सेवाभावी कैसे हो गए शायद 200-250 आदमियों का दबाव ज्यादा रहा होगा | वरना सिंगल आदमी की क्या बिसात इनके आगे |<br />------------<br /><b>और ये वैधानिक चेतावनी का क्या मतलब है, आपको गलत लगता है तो लिखिए ना, इसमें कोई सफाई या सर्टिफिकेट दिखाने की जरुरत नहीं है कि फलां कारण से लिख रहे हैं साहब नहीं तो नहीं लिखते |</b> मैंने पहले भी एक टिपण्णी पर आपसे कहा है यदि आप कबीर वाला विद्रोह दिखायेंगे तो कम से कम मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है |<br /><br /><b>जब आप खुद ही मन में ही इतने आश्वस्त नहीं की ठीक लिख रहा हूँ या गलत, कोई क्या सोचेगा की देखो साला मुस्लिम होकर हिन्दू धर्म की कितनी बुराई कर रहा है | जब आप खुद ही अपने लेख की सच्चाई के प्रति आश्वस्त नहीं हैं तो दूसरा पढने वाला आदमी कैसे होगा |</b>आपको निर्भय होकर ही लिखना चाहिए, इस तरह की बात लिखकर आप एक तरह का Back Up बनाने की कोशिश कर रहे हैं, कि देखों मैं तो इसलिए लिख रहा हूँ, वरना नहीं लिखता, मेरी कोई गलती नहीं है | <b>और इससे एक और बात झलकती है कि आप किसी ख़ास लेख का बदला लेने के लिए भी लिख रहे हों |</b><br /><br />मतलब आप क्या वाकई नहीं लिखते ? क्यों ? अगर कहीं भी उपजे पाखंड का विरोध नहीं कर सकते तो फिर कम से कम <b>"धर्म, जात - पात को एक तरफ़ रख कर हिन्दुस्तान को एक सूत्र के पिरोने की कोशिश...."</b> ये वाली लाईन अपने टाइटल से हटा दीजिये | जब वाकई धर्म, जात-पात से ऊपर उठ चुके हो तो डर किस बात का है | दूसरे धर्मों कि बुराई सिर्फ इसलिए न करना कि वो दूसरो का मामला है उसमे टांग क्यों लगानी | ऐसा करना मेरी नज़र में तो गलत है | <b>गुरु नानक ने काबा की और पैर पसार दिए बिना डर के कि मुस्लिम क्या सोचेंगे | भाई काशिफ, <b>उसको</b> जानने वाला सच्चा विद्रोही धर्मों के झूठे आदर कि परवाह नहीं करता |</b><br /><br />लेकिन आपको तो कुरान से ही फुर्सत नहीं आप खुद भी कुछ दिमाग लगाते हैं या हर बात का उत्तर कुरान कि आयतों में ही ढूंढते रहते हैं | इसका मतलब आपने मान लिया है कि कुरान में आपको कोई उत्तर गलत नहीं मिलने वाला और और ये भी कि हर प्रश्न का उत्तर भी वहां मिलेगा | गीता पर आज तक हजारों बार टीका लिखी जा चुकी हैं, और लिखनी जारी है, इसका मतलब अभी कुछ बाकी रह गया है | अरे भाई 5000 साल में जिसका ठीक से अनुवाद नहीं कर सके क्या गारंटी है कि वो अब सही कर लेंगे | हर बात के लिए किताब पर निर्भर रहना ठीक नहीं है | हर आदमी अपने हिसाब से interpret करता है, तो आपको अगर कुरान को सही सिद्ध करना होगा तो आप सही सिद्ध करके ही छोडोगे और किसी को कुरान को गलत सिद्ध करना है तो वो गलत भी सिद्ध कर देगा | इसलिए जरूरी नहीं की आप हर बात के लिए एक किताब पर निर्भर रहो | अब आप से पूछूँ कि कुरान में ब्लॉग्गिंग के सम्बन्ध में क्या लिखा है, ब्लॉग्गिंग करना जायज़ है या हराम, तो आप तो सच में कुछ आयतें निकाल ही लाओगे लगता है | मुस्लिम समाज सारे दिन ये करता रहता हैं कि फलां चीज़ का तो कुरान या हदीस में कोई परमिशन नहीं है कोई जिक्र नहीं है इसलिए ये काम नहीं करना है वो काम नहीं करना है | भाई साहब मैंने कुरान नहीं पढ़ी है इसलिए मुझे जानकारी दीजिये कि उसमे कहीं AK-47, Computer, Internet, Mobile, Radio, T.V. और रेफ्रिज़रेटर के इस्तेमाल कि कोई इजाज़त है या नहीं, इडली, चो-मीन खा सकते है या नहीं | ये सब यूज़ करने से पहले आपने कुरान कि इजाज़त तो ले ली ना | क्योंकि सभी मुस्लिम भाई इन सब चीज़ों का प्रयोग कर रहे हैं बिना ये जाने की कुरान में क्या लिखा है और इस तरह वो कुफ्र कर रहे है | आपने तो पूरा अलग से ब्लॉग लिखा है सिर्फ ये बताने के लिए कुरान से ज्यादा सही कुछ नहीं |<br /><br />मसलन मलेशिया में योग पर पाबन्दी | अब अगर आप किसी पद्धति से ठीक होते हो तो अपनाने में बुराई क्या है | अगर मुझे मुस्लिम हकीम अपनी दवा से ठीक कर रहा तो मुझे तो कोई आपत्ति नहीं होगी | मलेशिया को तो एलोपेथी पर भी रोक लगा देनी चाहिए क्योंकि वो भी ईसाईयों की देन है |<br /><br /><b>शास्त्री फिलिप और आपके ब्लॉग में एक यही फर्क है की आप अपने धर्म की बुराई का भी हिम्मत से विरोध नहीं कर पाते | जबकि सारथी ब्लॉग पर काफी ताजा पानी बहता है और झरने का सोता उनके खुद के दिमाग से फूटता है |</b><br /><br /><b>टिपण्णी करना न करना तो आपकी निजी मामला है | लेकिन चूँकि आप सुरेश जी की मार्फ़त काफी बातें बोलते हैं तो सुरेश जी के हाल के YSR के लेख पर आपकी कोई टिपण्णी नहीं है |</b>योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-83841727829203918122009-10-04T19:55:41.547+05:302009-10-04T19:55:41.547+05:30इस तरह के लोगों की ज़िद की वजह से झगडें होते है.......इस तरह के लोगों की ज़िद की वजह से झगडें होते है......Kehkashanhttps://www.blogger.com/profile/12235746585399096948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-19383298755090676502009-10-03T21:21:15.876+05:302009-10-03T21:21:15.876+05:30बहुत सही बात कही है आपने....आपकी बात से पूर्ण सहमत...बहुत सही बात कही है आपने....आपकी बात से पूर्ण सहमतसमीर...सैमhttps://www.blogger.com/profile/10292137861294264982noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-75058341528626125952009-10-03T13:23:00.581+05:302009-10-03T13:23:00.581+05:30हम लोग चाहे जो कर लें एक-दुसरे से अलग नही हो सकते ...हम लोग चाहे जो कर लें एक-दुसरे से अलग नही हो सकते है, ना ही एक-दुसरे के बगैर जी सकते हैं<br /><br />बड़ी अच्छी बात की है आपने। मुसलमान की सोच ऐसी ही होती है, मुसलमान जुड़ता है कटता नहीं।Safat Alam Taimi https://www.blogger.com/profile/18294580543913457765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-27168050067648763812009-10-02T17:17:09.722+05:302009-10-02T17:17:09.722+05:30कशिश भाई आप साईट को थोडा हल्का करें बड़ी देर में ख...कशिश भाई आप साईट को थोडा हल्का करें बड़ी देर में खुलती है. मतलब की ही चीज़ें रखें. मैंने भी काफी कुछ हटाया हैSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-60882511629623291362009-10-02T17:15:10.990+05:302009-10-02T17:15:10.990+05:30भैया ई हे होत् है. भक्ति त् कम होत् है अऊर दादागिर...भैया ई हे होत् है. भक्ति त् कम होत् है अऊर दादागिरी अउरी प्रदुषण ढेर होत् है. त्यौहार अइसन ही निक लागिला जिसमें शांति रहे हुड-दंग नाहि.Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-38474843860478304422009-10-02T16:41:05.738+05:302009-10-02T16:41:05.738+05:30सही सोच्!!!
कट्टरता किसी धर्म में नहीं बल्कि लोगों...सही सोच्!!!<br />कट्टरता किसी धर्म में नहीं बल्कि लोगों की सोच में होती है!!!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-26942806842084009682009-10-01T22:31:21.327+05:302009-10-01T22:31:21.327+05:30कट्टरता बेशक किसी भी धर्म की हो...गलत हैकट्टरता बेशक किसी भी धर्म की हो...गलत हैराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.com