tag:blogger.com,1999:blog-12464280207179283222024-03-23T15:44:15.778+05:30"हमारा हिन्दुस्तान"...धर्म, जात - पात को एक तरफ़ रख कर हिन्दुस्तान को एक सूत्र के पिरोने की कोशिश....काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.comBlogger153125tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-378012331476232862011-02-02T10:38:00.005+05:302011-02-02T10:47:09.636+05:30अपनी पहचान को तलाशता आगरा......ताजनगरी.....एक विरासतों का शहर<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div style="text-align: left;"><span style="font-size: x-large;"><b>आ</b></span>गरा ये वो नाम जिसे दुनिया के अरबों लोग जानते है......क्यौकि दुनिया का पहला अजुबा <b>"ताजमहल" </b>जिसे लोग मुहब्बत की मिसाल कहते है वो आगरा में है..।। आगरा को लोग तहज़ीब और विरासतों का शहर कहते हैं, हालंकि कुछ सालों से इसकी तहज़ीब और सुकुन को किसी की नज़र लग गयी है।</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi13QmZH0OX4CnKfUbAZctxxw_etVmnyI4JOB7W74NNYlN0pnknKIg0WHWN2jXWdBF1DNmCRLcZdJ9_FhbOsKwOgb2JDpg-dfNqKiOzy6LKHwMdxWtr0MhXy5Sp02QB1cR9Vi4jU3RnHRO4/s1600/2047-taj-mahal-wallpapers.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi13QmZH0OX4CnKfUbAZctxxw_etVmnyI4JOB7W74NNYlN0pnknKIg0WHWN2jXWdBF1DNmCRLcZdJ9_FhbOsKwOgb2JDpg-dfNqKiOzy6LKHwMdxWtr0MhXy5Sp02QB1cR9Vi4jU3RnHRO4/s320/2047-taj-mahal-wallpapers.jpg" width="320" /></a></div><div style="text-align: left;">जिस शहर और इमारत की वजह से इस देश में हर साल अरबों रुपये की विदेशी मुद्रा मिलती है वो शहर आज भी अपनी पहचान और अपने अस्तित्व के लिये लड रहा है।</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">आज़ादी के बाद से इस शहर को सिर्फ़ एक फ़लाईओवर मिला है जो शहर के बाहर मथुरा-दिल्ली हाइवे पर १९९९ में बना था वो भॊ जब भगवान टाकीज़ चौराहे से दिल्ली के लिये निकलने में २-३ घन्टे लग जाते थे। इसके अलावा विकास के नाम पर कुछ भी नही मिला।</div><a name='more'></a><br />
<div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">आगरा के पूर्व सांसद राज बब्बर ने वादा किया था कि मैं एम.जी.रोड को <b>"नो हेडलाइट ज़ोन" </b>कर दुंगा वो उन्होने कर दिया लेकिन जब बिजली आयेगी तभी तो लाइट जलेगी..।</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;"><b>बदहाल, लाचार और परेशान पर्यटन समुदाय</b></div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">जिस<b> </b>शहर में दुनिया का पहला अजुबा है, और उसके अलावा २२ ऐतेहासिक इमारतें हो। जिसने देखने के लिये हर साल लाखों की तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक आते हो....उस शहर में एक भी प्राईवेट लि० पर्यटन फ़र्म नही हैं। आगरा के किसी पर्यट्न व्यवसायी के पास अपनी "वालवो" नही है जिसमें वो पर्यटकों को आगरा की सैर करा सकें। जबकि दिल्ली और जयपुर में ऐसे सैकडों फ़र्म है जो आज प्राईवेट लि० है।</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;"> बरसों हो गये आगरा के लोगों और व्यवसायी समुदाय को आगरा में एक अन्तर्राष्टीय एयरपोर्ट मांगते हुये, जो सांसद आया, जो मुख्यमंत्री आया, उसने सिर्फ़ वादे किये। सिर्फ़ एक सांसद थे राज बब्बर जिन्होने इसके लिये मेहनत की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">पर्यट्क ताजमहल देखने के लिये भारत आता है....दिल्ली या जयपुर उतरता है। वहां के व्यवसायी उन्हे बस में भरते हैं...आगरा लाते हैं और ताजमहल दिखाकर एक दिन में वापस ले जाते है। यहां के होटल वाले, व्यव्सायी सिर्फ़ उनकी शक्ल देखने के अलावा कुछ नही कर सकते.... </div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">हमारे वर्तमान भाजपा सांसद जिन्होने अपनी हर सभा में लोगों को एयरपोर्ट दिलाने का वादा किया था लेकिन उनके पास सिर्फ़ हिन्दु-मुस्लिम विवाद को हवा देने के अलावा कोई काम नहीं है। जब-जब और जहां-जहां आगरा में किसी भी तरह का विवाद हुआ जिसमें एक पक्ष हिन्दु और दुसरा पक्ष मुस्लिम है....ये हमेशा अपना टोकरा लेकर वहां पहुंचते है...और हिन्दु समुदाय से अपने प्रेम और लगाव का इज़हार करते है और उनको पुरा समर्थन देने का वादा करते है जबकि वो ये भुल जाते है कि जिस हिन्दु समुदाय के हितकारी बनने का वो ढोंग कर रहे है। पर्यटन समुदाय का बहुत बडा हिस्सा हिन्दु है....</div><div style="text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: left;">कब मिलेगा आगरा की जनता को उनका हक...</div><br />
<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
<br />
<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a></div>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-33354427403699778752010-10-29T10:07:00.011+05:302010-10-29T10:11:19.491+05:30दहशतगर्द कौन और गिरफ्तारियां किन की, अब तो सोचो......! अज़ीज़ बर्नी Rss, Terrisiom, Jihad, Aziz Burney<a href="http://azizburney.blogspot.com/2010/10/blog-post_27.html" target="_blank">पेश-ए-खिदमत है रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा के सम्पादक अज़ीज़ बर्नी जी का लेख......</a><br />
<br />
रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा केवल एक समाचारपत्र नहीं, बल्कि इस युग का इतिहास लिखने जा रहा है। हमने तो यह उसी समय तय कर लिया था, जब इस मिशन का आरंभ किया था, लेकिन प्रसन्नता तथा संतोष की बात यह है कि आज हमारे पाठक भी इस सच्चाई को महसूस करने लगे है और उनकी दुआयें हर क्षण हमारे साथ रहती हैं, हम जानते और मानते हैं कि यह उन्ही की दुआओं, प्रोत्साहन की ताकत है कि हम लगातार इस दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं और निस्तर तथ्य सामने आते चले जा रहे हैं। साथ ही एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही जा सकती है कि पूर्ण रूप से न सही, परन्तु एक हद तक तो हम उस निराशाजनक दौर से निकल आयें हैं, जब सरकारों से यह आशा ही नहीं की जा सकती थी कि उनकी जांच का रूख मुसलमानों से हटकर किसी और दिशा में भी आगे बढ़ सकता है। अगर आरंभ में ही यह कदम उठा लिये जाते तो देश को जिन आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा, शायद उनसे बच जाते। बहरहाल आज के इस संक्षिप्त लेख में मैं अपने पाठकों तथा भारत सरकार के सामने थोड़े शब्दों में वे घटनायें सामने रखना चाहता हूं , जिन से बार-बार हमारे देश को जूझना पड़ा। अभी चर्चा केवल उनकी जिनकी जांच का निष्कर्ष सामने आ गया है या आता जा रहा है। हो सकता है शेष घटनाओं की भी नये सिरे से छान बीन हो तो ऐसा ही कुछ सामने आये। यह कुछ मिसाले इसलिए कि हमारी सरकारी और खुफिया एजेंसियां अंदाजा कर सकें कि हमने उन बम धमाकों के बाद किन लोगों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और जब सच सामने आया तो किनके चेहरे सामने आये।<br />
<br />
<b>मालेगांव धमाके <a name='more'></a></b><br />
<br />
<b>(8 सितम्बर 2006)</b><br />
<br />
37 हताहत<br />
<br />
आरम्भ में जो व्यक्ति गिरफ़्तार हुए, वे सल्मान फ़ारसी, फ़ारुक़ अब्दुल्ला मख़दूमी, रईस अहमद, नूरुलहुदा, शम्सुलहुदा, शब्बीर बीड़ी वाले।<br />
<br />
<b>बाद की जांचः </b>2008 के मालेगांव बम धमाकों में हिन्दू आतंकवादियों के सामने आने के बाद अन्य मामलों में भी शक की सूई भी हिन्दू आतंकवादियों पर ही गई।<br />
<br />
<br />
<b>समझौता एक्सप्रेस बम धमाका</b><br />
<br />
<b>18 फ़रवरी 2007</b><br />
<br />
68 हताहत, अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक<br />
<br />
आरम्भिक जांच में लश्कर तथा जैश -ए -मुहम्मद पर आरोप लगाया गया और इस सिलसिले में पाकिस्तानी नागरिक अज़मत अली को गिरफ़्तार किया गया।<br />
<br />
बाद की जांच में सामने आया कि इन घटनाओं के पीछे हिन्दू आतंकवादी हो सकते हैं। इन धमाकों में जो पद्धति प्रयोग की गई है वह मक्का मस्जिद के धमाकों से मिलती हुई है। इस मामले में पुलिस को आर.एस.एस के प्रचारक संदीप डांगे तथा रामजी के नाम सामने आये।<br />
<br />
<br />
<b>मक्का मस्जिद धमाका</b><br />
<br />
<br />
<b>18 मई 2007</b><br />
<br />
14 व्यक्तियों की मृत्यु<br />
<br />
आरम्भ में स्थानीय पुलिस ने 80 मुस्लिम युवकों को गिरफ़्तार किया और उनसे पूछताछ की गई, जिनमें से 25 व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर लिया गया, कोई सबूत न मिलने पर इनमें से इब्राहीम जुनैद, शुऐब जागीरदार, इमरान खान तथा मौहम्मद अब्दुल हकीम इत्यादि को सम्मानपूर्वक बरी कर दिया गया।<br />
<br />
बाद की जांच के बाद जो परिणाम सामने आया वह इस प्रकार है। 2010 में सीबीआई ने घोषणा की कि वह इस मामले में 2 अभियुक्तों के बारे में सही सूचना देने वालों को 10 लाख रु0 का इनाम देगी। फिर इस मामले में संदीप डांगे, राम चन्द्र कालसिंगा तथा लोकेश शर्मा को गिरफ़्तार किया गया।<br />
<br />
<br />
<b>अजमेर शरीफ़ धमाका</b><br />
<br />
<b>11 अक्तूबर 2007</b><br />
<br />
3 हताहत<br />
<br />
जैसा कि अधिकांश बम धमाकों के बाद होता रहा है। आरम्भ में हूजी, लश्कर पर धमाकों का आरोप लगाया गया तथा जिन लोगों को गिरफ़्तार किया गया वह भी मुसलमान ही थे, उनमें अब्दुल हफ़ीज़, शमीम, खशीउर्रहमान, इमरान अली शामिल थे।<br />
<br />
806 पृष्ठों पर आधारित आरोप पत्र में जो राजस्थान एटीएस ने एडीश्नल चीफ़ जूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल की है इसमें 5 अभियुक्तों के नाम डाले गए हैं। अभिनव भारत के देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा और चन्द्रशेखर हैं। यह पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि संदीप डांगे तथा रामजी कालासांगा फ़रार बताये जाते हैं।<br />
<br />
<br />
<b>थाणे बम धमाका</b><br />
<br />
<b>4 जून 2008</b><br />
<br />
हिन्दू जन जागृति समिति तथा सनातन संस्था इस धमाके के पीछे बताई जाती हैं और रमेश हनुमंत गडकरी और मंगेश दिनकर निकम गिरफ़्तार किये गए थे। इन धमाकों का उद्देश्य फ़िल्म ‘जोधा अकबर’ के प्रदर्शन के विरुद्ध विरोध जताना था।<br />
<br />
<b>कानपुर तथा नांदेड़ बम धमाके</b><br />
<br />
<b>अगस्त 2008</b><br />
<br />
<br />
कानपुर में बजरंग दल के 2 सदस्यों राजीव मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह बम बनाते समय धमाका होने से मारे गए थे। अप्रैल 2006 में एन राजकोंडवार और एच पानसे नांदेड़ में बम बनाते समय मारे गए थे, वे दोनों भी बजरंग दल के थे।<br />
<br />
<br />
<b>मालेगांव-2</b><br />
<br />
<b>29 सितम्बर 2008</b><br />
<br />
<br />
7 हताहत<br />
<br />
आरम्भ में कहा गया था कि इस धमाके में इंडियन मुजाहिदीन शामिल है परन्तु बाद में अभिनव भारत तथा राष्ट्रीय जागरण मंच के लिप्त होने की बात सामने आई। उसमें प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित और स्वामी अम्बिकानंद देवतीर्थ (दयानंद पाण्डे) गिरफ़्तार हुए। यही वह बम धमाके थे जिनकी जांच शहीद हेमंत करकरे कर रहे थे और जिससे आतंकवादियों का वह चेहरा सामने आया जिसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था। लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ती गई परतें खुलती र्गइं। अगर 26/11 के आतंकवादी हमले में हेमन्त करकरे शहीद न होते तो शायद आज आतंकवाद का यह सम्पूर्ण नेटवर्क हमारे सामने होता। फिर भी उनके जाने के बाद भी यह सिलसिला रूका नहीं है। अजमेर बम धमाके की जांच के परिणाम हमारे सामने है।<br />
<br />
<br />
<b>गोवा धमाका<br />
</b><br />
<b>16 अक्तूबर 2009</b><br />
<br />
इस धमाके में जो 2 व्यक्ति मारे गए, वे सनातन संस्था के कार्यकर्ता थे, मरने वाले मालगोंडा पाटिल तथा योगेश नायक उस समय मारे गए थे जब वह विस्फ़ोटक पदार्थ लेकर स्कूटर से जा रहे थे और उसमें अचानक धमाका हो गया।<br />
<br />
जिस समय नांदेड़, कानपुर तथा गोवा में बम बनाते या ले जाते हुए यह लोग हताहत हुए, अगर उसी समय हमारी खुफिया एजेंसियों तथा एटीएस ने मुसतैदी से काम लिया होता तो सम्पूर्ण नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता था या कम से कम किस मानसिकता के लोगों का कारनामा था और किस स्तर के लोग इन षड्यंत्रों में लिप्त हैं, यह सामने आ सकता था। विषय विस्तृत है, आज के लेख में भी इसे पूरा किया जाना संभव नहीं है, इसलिए यह सिलसिला अभी और कुछ समय तक जारी रह सकता है, फिर भी मैं आज के लेख को समाप्त करने से पूर्व दरगाह अजमेर शरीफ में हुए बम धमाके के तुरंत बाद लिखा एक संक्षिप्त सम्पादकीय एक बार फिर अपने पाठकों की सेवा में प्रस्तुत करने जा रहा हूं। मैं इस बात के लिए भारत सरकार का अभारी भी हूं कि जिन बातों की ओर मैं ने अपने इस लेख <b>(12.10.2007, पृष्ठ-1) </b>में इशारा किया था, उस पर ध्यान दिया गया और आज परिणाम हमारे सामने है। बात केवल कुछ लोगों के पकड़े जाने या एक डायरी में कुछ नाम लिखे होने की नहीं है, बल्कि असल बात यह है कि आतंकवाद का यह सिलसिला थम क्यों नहीं रहा था? शायद इसलिए कि हमने इस दिशा में कभी सोचा ही नहीं था, जिस दिशा में आज न केवल सोचा जा रहा है, बल्कि कार्यन्वयन करने का प्रयास भी किया जा रहा है।<br />
<br />
निसंदेह 26 नवम्बर 2008 को हुआ आतंकवादी हमला अत्यंत विडम्बनापूर्ण तथा शर्मनाक था, लेकिन उसके बाद से अगर छोटे छोटे मामलों की चर्चा न कि जाये तो कहा जा सकता है कि लगभग पिछले दो वर्षों में देश किसी बड़े आतंकवादी हमले का शिकार नहीं हुआ। क्या इसका एक कारण यह भी है कि अब आतंकवाद में लिप्त वह चेहरे सामने आने लगे हैं जिनकी ओर हम तो लगातार इशारा करते रहे, परन्तु किसी ने इन संकेतों को समझने का प्रयास ही नहीं किया। बहरहाल मुलाहेज़ा फरमायें मेरा वह लेख जो अजमेर बम धमाका के तुरंत बाद लिखा गया और विचार करें आज के बदलते हुए परिदृश्य पर, शायद कि महसूस होने लगे कि हम निराशाजनक दौर से बाहर आते जा रहे हैं।<br />
<br />
<br />
<b>अजमेर बम धमाका</b><br />
<br />
9/11 पर आज बात नहीं, आज चर्चा अजमेर में ख्वाजा मोईनूद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाके की, जिसमें 3 व्यक्ति हताहत और कई घायल हुए। यह इतना बड़ा समाचार है कि इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हम अपने पाठकों को यह भी याद दिला देना चाहते हैं कि आज ही के समाचारपत्रों में गुजरात तथा हिमाचल में चुनावों की तारीखों की घोषणा की गई है। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और गुजरात में भारतीय जनता पार्टी अपने खूनी खेल का परिणाम पिछले चुनाव में देख चुकी है। गुजरात के राजनीतिक संकट से निकलने के लिए उसे आवश्यकता है केशु भाई पटेल के त्यागपत्र से ध्यान हटाने की और इसके लिए आसान तरीका यही हो सकता है कि जो स्थान हिन्दु तथा मुसलमान दोनों की एकता के प्रतीक के रूप में देखे जाते हों, जहां हिन्दु तथा मुसलमान दोनों समान आस्था के साथ जाते हों। वहां ठीक रोज़ा अफतार के समय बम ब्लास्ट का होना और उसकी तीव्रता जिसमें तीन हताहत तथा कई व्यक्तियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना अभी तक (लेख लिखे जाने तक) प्राप्त हो चुकी है और घटना की गंभीरता को समझे बिना इस घटना को विभिन्न दृष्टिकोणों से पेश करने का प्रयास भी शुरू हो गया है।<br />
<br />
यह भी कहा जाने लगा है कि अफ़्तार के समय की घोषणा के लिए जो गोला छोड़ा जाता है, यह उसका प्रभाव भी हो सकता है। फिर मीडिया द्वारा इसका खंडन करते हुए यह भी कहा जाता है कि इस घोषणा के लिए किये जाने वाले गोला से ऐसा नहीं हो सकता, बल्कि यह एक अतिवादी कार्रवाई भी हो सकती है। पिछले दिनों हैदराबाद की मक्का मस्जिद, गोकुल चाट भंडार तथा लुम्बिनी पार्क में हुए धमाकों की तरह यह भी आतंकवादियों का काम हो सकता है। ताज़ा तरीन सूचना के अनुसार राज्य के गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया को पूर्व सूचना दे दी गई थी कि दरगाह ख्वाजा मोईनूद्दिन चिश्ती पर किसी समय भी अप्रिय घटना घट सकती है।<br />
<br />
केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल द्वारा यह सूचना मिलने के बाद राज्य सरकार को सजग हो जाना चाहिए था और दरगाह की सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए थी। इसके अलावा दरगाह कमेटी ने भी राज्य सरकार से मांग की थी कि रमज़ान में दरगाह में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाये। हम भारतीय जनता पार्टी की सरकार से तो ऐसी आशा नहीं कर सकते क्योंकि उनका दागदार अतीत हमारे सामने है, जब कल्याण सिंह की वादा खिलाफी ने उत्तर प्रदेश में <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/Babri%20Demolition" target="_blank">बाबरी मस्जिद</a> की शहादत के हालात पैदा कर दिये थे। हम इस नाजुक मौके पर केंद्र सरकार के गृह मंत्री तथा विशेष रूप से कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी साहेबा के सलाहकार अहमद पटेल साहब से यह निवेदन करेंगे कि वह घटना की संवदेनशीलता को समझते हुए इसकी जांच करायें और अगर संभव हो सके तो घटनास्थाल पर स्वंय पहुंचकर उन परिस्थिितियों की समीक्षा करें, इसलिए कि केंद्र सरकार में निसंदेह वह मंत्री न हों, परन्तु मुसलमान आज भी आशा भरी निगाहों से उन्हीं की ओर देखता है। अगर कांग्रेस से कोई शिकायत होती है तो शिकायत भी उन्हीं से करता और अगर कोई अपेक्षा होती है तो दस्तक भी उन्हीं के दरवाजे पर देता है।<br />
<br />
साभार :- <a href="http://azizburney.blogspot.com/2010/10/blog-post_27.html" target="_blank"><b>अज़ीज़ बर्नी जी</b></a><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
<br />
<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com27tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-502758326875029572010-10-23T22:48:00.001+05:302010-10-23T22:49:05.038+05:30हिन्दुओं ने राम मन्दिर के लिये बाबरी मस्ज़िद तो तोड दी। शिव मन्दिर के लिये "ताजमहल" कब तोड रहे हैं? Ram Mandir, Shiv Temple, Babri Masjid, Ayoudya,<b><hr /><hr /></b><br />
<br />
६ दिसम्बर ’९२ को हिन्दुओं ने <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/Babri%20Demolition" target="_blank">बाबरी मस्ज़िद को शहीद</a> किया और कहा कि हमने भारत और हिन्दु धर्म के माथे से कलंक मिटा दिया। तब से हर साल ६ दिसम्बर ’९२ को सारा हिन्दु समाज "शौर्य दिवस" मनाता है। इस मसले पर हर इंसान की तर्क अलग है और राय अलग है...आप जिसे सुनेंगे उसके पास एक नई कहानी होगी। <br />
कोई कहता है कि वो मस्ज़िद इस्लाम के नाम पर कलंक थी, कोई कुछ कह्ता है। बरहाल मैं आज इस मसले पर बात नही करुंगा कि <a href="http://blog.simplycodes.com/2010/10/babri-masjid-demolition-ram-mandir.html" target="_blank">वहां बाबरी मस्ज़िद से पहले मस्ज़िद थ</a>ी या राम मन्दिर (?) था।<br />
<br />
<a name='more'></a><br />
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<br />
काफ़ी वक्त पहले <a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Purushottam_Nagesh_Oak" target="_blank">पी.एन. ओके. (P.N.Oak) </a>नामक एक सरफ़िरे लेखक ने <a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Kaaba" target="_blank">काबा</a> और <a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Taj_Mahal" target="_blank">ताजमहल </a>को शिव मंदिर कहा था और कहा था कि ईसाई धर्म और इस्लाम दोनों हिन्दु धर्म से अलग हुये है। इस सरफ़िरे कि बातों पर यकीन करके हमारे हिन्दी ब्लोग जगत के <b>एक महान (?) कथित पत्रकार (?) जो सिर्फ़ <br />
सिक्के का एक पहलू देखना जानते हैं </b>ने इनकी रिसर्च पर एक साल पहले अगस्त में दो लेख लिखे थे। इन्हे यहां पढे...<a href="http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2009/08/kaaba-hindu-temple.html" target="_blank">भाग-1,</a> <a href="http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2009/08/kaaba-hindu-temple.html" target="_blank">भाग-2 </a>। ये भी पुरी तरह से सहमत थे की काबा एक शिव मंदिर (?) है। बरहाल मैनें अल्लाह के करम से मैंने अपने तर्कों और सबुतों से साबित किया कि<b> "काबा शिव मन्दिर नही है" । </b>उनकी ऎसी फ़जीहत हुई कि इस सीरीज़ का तीसरा भाग आज तक नही छपा है । <b>मैं अब भी इन्तज़ार कर रहा हूं</b> ।<br />
<br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjYs01ujxbW6QGeeLRiW9Zv3mbIzVdsAfQNgK2bSeLYfARf1IHYBfL6HC5wt-jC6FfWTfx5sIxayOp8FSwIYcvmL0_CfPXPeCWHVM4Hr0jSHq5OQlTOiXtc4uPBQo1Zn14P7Frp12iLzOp9/s1600/kaaba_art.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="273" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjYs01ujxbW6QGeeLRiW9Zv3mbIzVdsAfQNgK2bSeLYfARf1IHYBfL6HC5wt-jC6FfWTfx5sIxayOp8FSwIYcvmL0_CfPXPeCWHVM4Hr0jSHq5OQlTOiXtc4uPBQo1Zn14P7Frp12iLzOp9/s320/kaaba_art.jpg" width="320" /></a></div><br />
<br />
<br />
चलिये मुद्दे की बात करते है...... पी. एन. ओके साहब के अनुसार "ताजमहल" एक शिव मन्दिर (?) है और उसका नाम तेजोमहल (?) है। इस बात को आधार मानकर हर साल शिव रात्री पर शिव भक्त और शिव सेना के कार्यकर्ता ताजमहल पर पुजा करने पहुंच जाते है लेकिन कभी उन्हे अन्दर नहीं घुसने दिया गया....क्यौं? <br />
<br />
<b>जब आस्था, मान्यता और विश्वास के लिये <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/Babri%20Demolition" target="_blank">बाबरी मस्ज़िद</a> में घुसने दिया जा सकता है तो ताजमहल में क्यौं नही??</b><br />
<br />
<b>जब आस्था, मान्यता और विश्वास के लिये <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/Babri%20Demolition" target="_blank">बाबरी मस्ज़िद</a> को तोडा जा सकता है तो ताजमहल को क्यौं नही??</b><br />
<br />
<b>जब हाईकोर्ट आस्था, मान्यता और विश्वास के लिये <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/Babri%20Demolition" target="_blank">बाबरी मस्ज़िद</a> को राम मन्दिर घोषित कर सकती है तो ताजमहल को क्यौं नही??</b><br />
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<b>ताजमहल की जगह शिव मन्दिर बनाने के लिये रथ यात्रा क्यौं नहीं निकाली जाती है??</b><br />
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<b>नारे क्यौं नही लगाये जाते हैं? क्यौं साधु-संतो को कारसेवक जमा करने की ज़िम्मेदारी नही दी गयी??? </b><br />
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<b>क्यौं अब तक हज़ारो कुल्हाडी और सब्बल बनाने का हुक्म नही दिया गया है???</b><br />
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<b>क्यौं अब तक कारसेवकों को टेर्निंग कोर्से नहीं कराये गये???</b><br />
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अगर आप लोगों के पास इसके जवाब हो तो मुझे बतायें वर्ना मैं फ़िर बताऊंगा...॥॥॥॥॥<br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com13tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-58084192230437993762010-10-20T20:14:00.001+05:302010-10-20T20:18:38.560+05:30बाबरी मस्जिद से पहले भी वहां मस्जिद ही थी - डा. सूरजभान Babri Masjid Demolition, Ram Mandir, Ayoudhya<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4t1L7SlOxeyzXY-s9yMsPy5A46aBvCXjxnPbl-dUwUCWfZk9hHUh1V0UPc40dVpc9WTzZIHZHSVGak9uqxsAfcLaJqUCKqGXgNMC1MlZkyJE7hUzai61dQ3-QGdwifCZPBHS-jqIeJdZ9/s1600/1992_Babri_Masjid.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="222" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4t1L7SlOxeyzXY-s9yMsPy5A46aBvCXjxnPbl-dUwUCWfZk9hHUh1V0UPc40dVpc9WTzZIHZHSVGak9uqxsAfcLaJqUCKqGXgNMC1MlZkyJE7hUzai61dQ3-QGdwifCZPBHS-jqIeJdZ9/s320/1992_Babri_Masjid.jpg" width="320" /></a></div><br />
<div class="date-posts"><div class="post-outer"><div class="post hentry"><div class="post-header"></div><div class="post-body entry-content">रामजन्मभूमि -बाबरी मस्जिद विवाद, काफी समय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ पीठ) के सामने विचाराधीन है। उच्च न्यायालय फिलहाल इस प्रश्न पर साक्ष्यों की सुनवाई कर रहा है कि 1528 में बाबरी मस्जिद के बनाए जाने से पहले, वहां कोई हिंदू मंदिर था या नहीं? हालांकि दोनों पक्षों के गवाहों से काफी मात्रा में साक्ष्य दर्ज कराए जा चुके थे, उच्च न्यायालय ने यह तय किया कि विवादित स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से खुदाई कराई जाए। इस खुदाई के लिए आदेश जारी करने से पहले अदालत ने, संबंधित स्थल का भू-भौतिकी सर्वेक्षण भी कराया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ही आमंत्रण पर, तोजो विकास इंटरनेशनल प्राइवेट लि. नामक कंपनी ने, जिसका कार्यालय नई दिल्ली में कालकाजी में है, रिमोट सेसिंग की पद्धति से भूगर्भ सर्वेक्षण किया था। <br />
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उक्त सर्वेक्षण की रिपोर्ट में संबंधित स्थल पर सतह के नीचे भूमिगत असंगतियां दर्ज की गयीं थीं। इस रिपोर्ट के ही अंशों में से असंगंतियां, ``प्राचीन या समकालीन निर्माणों जैसे खंभों, नींव की दीवारों, संबंधित स्थल के बड़े हिस्स् में फैले पत्थर के फर्श से संबंद्ध`` हो सकती थीं। <br />
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इस तरह, तोजो विकास कंपनी के भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट के ही आधार पर, उच्च न्यायालय ने 5 मार्च 2003 के अपने आदेश जारी किए थे, जिनमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कहा गया था कि विवादित स्थल पर खुदाई करे और इसका पता लगाए कि वहां कोई मंदिर बना हुआ था या नहीं? <br />
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दल ने 12 मार्च 2003 से वहां खुदाई का काम शुरू किया। मैं 10 से 12 जून तक खुदाई स्थल पर था। टीले के एक छोटे से हिस्से को छोड़कर जिस पर रामलला का अस्थायी मंदिर बना हुआ है, 80 मीटर गुणा 60 मीटर के विवादित क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वे के विशेषज्ञों ने विस्तृत रूप से खुदाई की है। <br />
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जे-3 खाई में 10 मीटर से भी ज्यादा गहराई तक गहरी खुदाई की गई है। इससे पहले 1969-70 में ए. के. नारायण (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) द्वारा और बी. बी. लाल (इंडियन इंस्टिट्यूट आफ एडवांस्ट स्टडीज़, शिमला) तथा के. वी. सुंदरराजन (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) द्वारा की गई खुदाइयों में उजागर किए गए स्स्कृतियों के क्रम की ही, मौजूदा खुदाई ने पुष्टि है। इसके हिसाब से अयोध्या में रामजन्मभूमि कहलाने वाले स्थल को सबसे पहले 600 ईस्वीपूर्व आबाद किया गया था। लेकिन, इसके बाद, कुषाण काल के आखिरी दौर में या गुप्त काल में, पांचवी सदी ईस्वी तक यह इलाका उजड़ चुका था। <br />
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<b>आरंभिक मध्य काल में आबादी के साक्ष्य नहीं</b> </div><div class="post-body entry-content"><br />
मौजूदा खुदाई में आरंभिक मध्यकाल (600 ईस्वीपूर्व से 1200 ईस्वी) से संबद्ध बसावट का कोई संस्तर नहीं मिला है। मस्जिद की बाउंड्री वाल के नजदीक खुदाई में बी. बी. लाल ने जो चूने के फर्श ताथा `स्तंभ आधार` खोजे थे (इंडियन आर्कियोलजी - एक रिव्यू, 1976-77) और ग्यारहवीं सदी के बिताए थे, अब स्पष्ट हो गया है कि सल्तनत काल (13 वीं सदी ईस्वी) पहले के नहीं हो सकते हैं। जो भी नक्काशीदार काले पत्थर के खंभों, दरवाजे के कब्जे व अन्य नक्काशीदार पत्थर, विवादित स्थल पर या उसके निकट मिले थे, जिसके संबंध में हिस्टोरियन्स फोरम ने न्यू आर्कियोलोजिकल डिस्कवरीज (1992) में बताया था या जिनके मस्जिद के मलबे से मिलने के बारे में बताया गया था, उनका बाबरी मस्जिद के नीचे के संस्तरों से कोई भूसंस्तरीय संबंध नहीं बनता है। मौजूदा खुदाई में एफ-3 खाई में मिला काले पत्थर का खंभा, मस्जिद के मलबे से आया है। जे-3 खाई में मिला आलेखदार पत्थर, गढ़े के भरत में कंकड़ियों के साथ औंधा पड़ा पाया गया है। उसकी लिपि भी उन्नीसवीं सदी से पुरानी नहीं है। <br />
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खुदाई में सामने आए सबसे महत्वपूर्ण मध्ययुगीन निर्माण, वास्तव में विभिन्न कालखंडों की दो मस्जिदों के अवशेष हैं। ये अवशेष टीले के तो उपरले संस्तरों पर हैं, लेकिन बाबरी मस्जिद के मलबे के नीचे हैं, जबकि मलबे के ऊपर अस्थायी मंदिर खड़ा हुआ है। <br />
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<b>सल्तनत काल की मस्जिद</b> </div><div class="post-body entry-content"><br />
बाबरी मस्जिद से पहले की मस्जिद के सबसे अच्छे साक्ष्य खाई संख्याः डी-6, ई-6, एफ-6 तथा उत्तर व दक्षिण की कुछ और खाइयों में मिले हैं। उसकी पश्चिमी दीवार, बाहरी दीवार (बाउंड्री वाल) का भी काम करती होंगी। उसकी नींव में कुछ नक्काशीदार पत्थर लगे थे, जो कहीं अन्य पुराने निर्माणों से रहे होंगे। इसकी ऊपर की दीवारें सांचे की (मोल्टेड) ईंटों से बनी हैं, जो आस-पास में किन्हीं पुराने मध्यकालीन निर्माणों के मलबे से आयी होंगी। उपरोक्त खाइयों में एक हाल की दक्षिणी, पूर्वी तथा उत्तरी दीवारें देखी जा सकती हैं। दीवारों की अंदरूनी सतह पर चूने का पलस्तर है और ये दीवारें चूने और सुर्खी के फर्श से जुड़ती हैं, जो उत्खनन के करीब-करीब पूरे ही क्षेत्र में फैला हुआ है। इस फर्श के नीचे मिट्टी का भरत किया हुआ है, ताकि मस्जिद के फर्श को ऊपर उठाया जा सके। फर्श बनाने में चूने और सुर्खी के प्रयोग, दीवारों पर पलास्तर किया जाना और इन दीवारों पर बाबरी मस्जिद (निर्माण 1528 ईस्वी) की दीवारों का बनाया जाना, यह सब बाबरी मस्जिद से पहले के इस निर्माण के सल्तनत काल का होने को साबित करता है। <br />
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<b>बाबरी मस्जिद</b> </div><div class="post-body entry-content"><br />
संबंधित मस्जिद पर जिस दूसरी मस्जिद के साक्ष्य मिले हैं, निर्विवाद रूप से बाबरी मस्जिद थी, जो पत्थरों से बनायी गई थी। इसेक दक्षिणी गुंबद की दीवारें, सत्लतनत काल की मस्जिद की ही निर्माण योजना का अनुसरण करती हैं। बाबरी मस्जिद की दीवारें, जहां-कहीं भी बची रह गयी हैं, चूने के पलस्तर के साक्ष्य पेश करती हैं। इस मस्जिद का फर्श भी, चूने तथा सुर्खी का बना है। पहले वाला यानी सल्तनत काल की मस्जिद का फर्श, अब मिट्टी के भरत के नीचे दब गया है, जो शायद मुगलकालीन मस्जिद को ऊपर उठाने के लिए किया गया होगा। मुगलकालीन मस्जिद का फर्श भी खूब लंबा-चौड़ा है, करीब-करीब सल्तनत काल की मस्जिद जितना ही। बाबरी मस्जिद से जुड़ा एक ओर महत्वपूर्ण निर्माण है, मस्जिद के दक्षिण-पूर्व में बना कंकड़-पत्थर का (पानी का) हौज। नौ-दस फुट की ऊंचाई तक, पत्थर के हरेक रद्दे पर चूने तथा सुर्खी का गारा फैलाया गया था। </div><div class="post-body entry-content"><br />
हौज की तली और दीवारों पर भी खूब मोटा पलस्तर किया गया है ताकि उससे पानी का रिसाव न हो। <br />
हौज की ऊपरी सतह के बाबरी मस्जिद के फर्श से जुड़े होने से, बाबरी मस्जिद (प्रथम चरण) के साथ इसके संबद्ध होने का पता चलता है। <br />
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<b> राम चबूतरा</b> </div><div class="post-body entry-content"><br />
अट्ठारहवीं-उन्नीसवीं सदियों से जुड़ा एक विचित्र साक्ष्य सामने आया है। हौज को कंकड़-पत्थर से और चूने के मसाले से भर दिया जाता है। उसके ऊपर उसी सामग्री से छोटा सा चबूतरा बना दिया जाता है। चबूतरा पौने पांच मीटर गुणा पौने पांच मीटर का है। पहले चबूतर को घेरते हुए और बड़ा चबूतरा बनता है। अब चबूतरा 22 मीटर गुणा 22 मीटर का हो जाता है। इसी के ऊपर राम चबूतरा बनाया गया था। राम चबूतरा बाबरी मस्जिद के पहले फर्श में धंसा हुआ था, जिससे यह संकेत मिलता है कि चबूतरों का निर्माण बाबरी मस्जिद के निर्माण के काफी बाद का होगा। </div><div class="post-body entry-content"><br />
एक और निर्माण भी बाबरी मस्जिद के परिसर में धंसता नजर आता है। इसमें `स्तंभ आधार` शामिल हैं। ये स्तंभ आधार, जो गोल से या चौकोर से हैं, बीच में ईंट के टुकड़ों के बने हैं, जिनके बीच में कंकड़-पत्थर लगा है और इनमें मिट्टी के गारे की चिनाई है। ये सभी निर्माण किसी एक ही बड़े निर्माण के हिस्से नहीं हैं, जैसाकि बी. बी. लाल तथा एस. पी. गुप्ता मान बैठे थे। ऐसा लगता है कि ऐसे स्तंभ आधारों के समूह हैं और ये स्वतंत्र, साधारण छप्परों, छाजनों के हिस्से होंगे, जिनका अयोध्या में और उसके आस-पास दूकानों, झोंपड़ियों आदि के लिए उपयोग आम है। मस्जिद के उत्तर की ओर कुछ स्तंभ आधार सेंट स्टोन के भी बने हैं। ईंट के टुकड़ों के बने स्तंभ आधारों की रचना, बी. बी. लाल को इससे पहले की अपनी खुदाई में मिले स्तंभ आधारों से भिन्न नहीं है। उन्होंने इनका समय 11वीं सदी आंकने में गलती की है। <br />
बाबरी मस्जद परिसर में मिला तीसरा निर्माण, बहुत सारी कब्रें हैं जो बाबरी मस्जिद के उत्तर में भी पायी गई हैं और दक्षिण में भी। ये कब्रें बाबरी मस्जिद के पहले वाले फर्श में धंसी हैं। इससे पता चलता है कि ये कब्रें बाबरी मस्जिद के अपेक्षाक़त बाद के दौर में बनी होंगी। कब्रें उत्तर-दक्षिण दिशा में हैं। कब्रों में अस्थि-पिंजरों का चेहरा पश्चिम की ओर मुड़ा हुआ है, जैसाकि मुसलमानों में रिवाज है। <br />
इस खुदाई में बारी मस्जिद के बाद वाले चरण के साक्ष्य दूसरा फर्श फैलाये जाने के रूप में मिलते हैं। यह फर्श स्तंभ आधारों, कब्रों तथा चबूतरों को ढ़ांपने के बाद, यह फर्श चूना और सुर्खी का बना है। यह मस्जिद के आखिरी ढ़ांचागत चरण का संकेतक है। चूंकि 18वीं सदी के मध्य भाग से पहले राम चबूतरों की मौजूदगी का कोई साहित्यिक या ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, चबूतरों स्तंभ आधारों तथा कब्रों का फर्श में धंसता हुआ निर्माण, 18वीं-19वीं सदियों का माना जा सकता है। यह ज्ञात ही है कि 1857 से पहले अयोध्या में दंगे हुए थे और इनमें कुछ खून-खराबा हुआ था। बहरहाल, अवध के नवाब के हस्तक्षेप से, दोनों समुदायों के बीच के टकराव को हल कर लिया गया था। इसके बाद सद्भाव बहाल हो गया था और इसके कुछ ही समय बाद, 1857 में हिदुओं और मुसलमानों ने मिलकर सामराजी सत्ता के खिलाफ मोर्चा लिया था। आगे चलकर, 1948 में बाबरी मस्जिद पर जबरन कब्जा किए जाने के बावजूद, 6 दिसंबर 1992 को संघ परिवार की उपद्रवी भीड़ों द्वारा ध्वस्त किए जाने तक, मस्जिद वहां कायम थी। अंत में हम निष्कर्ष के तौर पर कह सकते हैं: <br />
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<b>1.</b> रामजन्मभूमि कहलाने वाली जगह पर ताजा खुदाई से यह पता चलता है कि भगवान राम के अयोध्या में जन्मा होने के परंपरागत विश्वास को इतिहास में अनंतकाल तक पीछे नहीं ले जाया जा सकता है क्योंकि यहां तो पहली बार आबादी ही 600 ईस्वीपूर्व में आयी थी। <br />
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<b>2. </b>ताजा खुदाई से इसकी और पुष्टि होती है कि बाबरी मस्जिद के नीचे कोई हिंदू मंदिर नहीं था। वास्तव में इसके नीचे (यानी उसी स्थान पर इससे पहले) सल्तनत काल की एक मस्जिद थी। इसलिए, 1528 में मस्जिद बनाने के लिए बाबर के ऐसे किसी कल्पित मंदिर को तोड़े जाने का सवाल ही नहीं उठता है। <br />
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<b>3.</b> खुदाई में यह भी पता चला है कि बाबरी मस्जिद से जुड़े पानी के हौज के ऊपर राम चबूतरा बनाया गया था। इसके साथ ही ईंट के टुकड़ों तथा सेंड स्टोन के स्तंभ आधारों का निर्माण और बाबरी मस्जिद परिसर में बनी कब्रें, सभी बाद में जोड़े गए निर्माण हैं और ये 18वीं-19वीं सदियों से पहले के नहीं लगते। उन्नीसवीं सदी में बाबरी मस्जिद का जीर्णोद्धार हुआ था और उसका दूसरा फर्श सभी बाद के निर्माणों को ढ़ांपे हुए था। यह विचित्र बात है कि विश्व हिंदू परिषद ने, संघ परिवार तथा भाजपा के समर्थन से, अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ घृणा तथा हिंसा का आंदोलन छेड़ा है। इसमें न तो मुस्लिम अल्पसंख्यकों का कोई कसूर है और न ही इसके पीछे कोई जायज कारण है। यह मुहिम मानवता, जनतंत्र, धर्मनिरपेक्षता तथा सामाजिक न्याय के उन सभी मूल्यों की धज्जियां उड़ाते हुए छेड़ी गयी है, जिनकी सभी आधुनिक सभ्य समाज इतनी कद्र करते हैं। <br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRNaK7XelAKVUciYQR72CPcQ_Zq6eBBhZxRjExWe1nsOhkSA49_16FPIWyq0Yf_6F_NPyWVyYyUpd-Bt0tu6xUelv7k1Eb4_1E74sLqJIfb3rQrdjYF4fKHjrn-v2iwZjktElZEl7xWOaj/s1600/images.jpg"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5528267882741102994" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRNaK7XelAKVUciYQR72CPcQ_Zq6eBBhZxRjExWe1nsOhkSA49_16FPIWyq0Yf_6F_NPyWVyYyUpd-Bt0tu6xUelv7k1Eb4_1E74sLqJIfb3rQrdjYF4fKHjrn-v2iwZjktElZEl7xWOaj/s400/images.jpg" style="cursor: pointer; float: right; height: 138px; margin: 0pt 0pt 10px 10px; width: 95px;" /></a><i>जाने-माने पुरातत्वविद, इतिहासकार और सोशल एक्टिविस्ट <b>डॉ. सूरजभान </b>का 14 जुलाई 2010 को रोहतक (हरियाणा) में निधन हुआ। उनका जन्म 1 मार्च 1931 को मिंटगुमरी (फ़िलहाल पाकिस्तान में) हुआ था। वे इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस, अर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के केन्द्रीय सलाहकार मंडल और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् की कार्यकारिणी केसदस्य रहे। 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा दिए जाने के बाद उसके मलबे में से मंदिर के तथाकथित अवशेष ढूंढ़ने का दावा कर रहे आरएसएस प्रायोजित कथित पुरातात्विकों से उन्होंने लोहा लिया और वे इस मसले में लखनऊ की अदालत में बतौर विशेषज्ञ गवाह के रूप में पेश होते रहे। यह बात दीगर है कि अयोध्या पर आए यूपी हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के विवादास्पद फैसले में एक न्यायाधीश ने यहां तक कहा कि चूंकि वे इतिहासकार नहीं है इसलिए उन्होंने ऐतिहासिक पहलू की छानबीन नहीं की पर उन्होंने यह भी कह दिया कि इन मुकदमों पर फैसला देने के लिए इतिहास और पुरातत्वशास्त्र अत्यावश्यक नहीं थे! <br />
डा. सूरजभान का यह लेख <b>सहमत मुक्तनाद, अप्रैल-जून 2003 अंक </b>में छपा था।</i> </div></div></div></div><br />
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<a href="http://ek-ziddi-dhun.blogspot.com/2010/10/blog-post_15.html"><b>एक ज़िद्दी धुन से साभार</b></a><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com16tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-90217304675620881342010-10-04T10:39:00.000+05:302010-10-04T10:39:42.211+05:30कानुन को ताक पर रख.........आस्था के लिये बाबरी मस्ज़िद को राम मंदिर घोषित किया???? Ram Mandir, Ayodya, Babri Maszid, Verdict,३० सितम्बर को हाईकोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाया <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B8" target="_blank">रामजन्म भुमि/ बाबरी मस्ज़िद विवाद</a> पर अपना फ़ैसला सुनाया । बाबरी मस्ज़िद की ज़मीन को तीन हिस्सों में बांटा गया है, दो हिस्से हिन्दुओं को मिले है और एक हिस्सा मुस्लमानों को मिला है। हिन्दुओं के हिस्से में मुख्य गुंबद का वह हिस्सा भी शामिल है जहां<b> २२-२३ दिसम्बर 1949 में चोरी से, छुपकर मुर्तिंया रखी गयी थी </b>और कहा गया था की श्रीराम(?) अवतरित हुये है(?????) राम चबुतरा(?), सीता की रसोई(?), वगैरह वगैरह भी हिन्दुओं को मिला है । फ़ैसले से साफ़ ज़ाहिर है कि इस फ़ैसले में कानुन का कहीं पालन नही हुआ है, सिर्फ़ अस्सी करोड हिन्दुओं की आस्था का ख्याल रख कर फ़ैसला दिया गया है।<br />
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जैसा कि राष्टीय सहारा के <a href="http://azizburney.blogspot.com/2010/10/blog-post_02.html" target="_blank">संपादक अज़ीज़ बर्नी</a> जी लिखते है <b><a name='more'></a>"हां, 30 सितम्बर 2010 को बाबरी मस्जिद मामले के संबंध में दिया गया इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय क़ानून के अनुसार लिया गया निर्णय नहीं है। हां, यह आस्था की बुनियाद पर लिया गया निर्णय है। हां, इस निर्णय में राजनीति की गंध आती है। यह सच है कि न्यायालय के सभी निर्णय सबूतों और शहादतों की बुनियाद पर ही होने चाहियें, जो कि इस निर्णय में नहीं हुआ। भारतीय जनता की एक बड़ी संख्या <br />
जिसमें केवल मुस्लिम ही नहीं, बल्कि हिन्दुओं का भी मानना है कि यह न्याय पर आधारित नहीं है और अब यह संभावना भी बड़ी हद तक है कि उच्चतम न्यायालय के दरवाज़े पर दस्तक़ दी जाएगी।"</b><br />
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इस फ़ैसले से यह मतलब निकलता है कि <a href="http://blog.simplycodes.com/search/label/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B8" target="_blank">"बाबरी मस्ज़िद विध्वंस" </a> सही था <a href="http://blog.simplycodes.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html" target="_blank"> अटल बिहारी वाजपेयी,</a> <a href="http://blog.simplycodes.com/2009/12/devraha-baba-was-guilty-for-conspiracy.html" target="_blank"> देवराहा बाबा, </a> <a href="http://blog.simplycodes.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html" target="_blank"> पी.वी. नरसिम्हा राव</a> ने जो कुछ किया वो सही था तो अब हिन्दु जो बचा-खुची मस्ज़िद या ये कहे मस्ज़िद के मलबे को हटाकर ज़मीन को समतल करके वहां मंदिर बना सके। हाईकोर्ट का फ़ैसला कोई निर्णय नही है ये एक समझौता है जो एक बन्द कमरे में तैयार करा गया है। इन जजों ने आस्था, मान्यता और मिथ्य को सच, कानुन और इंसाफ़ के ऊपर तरजीह दी हैं। वो शायद ये भुल गये की एक देश सच, कानुन और इंसाफ़ से चलता है ना कि आस्था, मान्यता और मिथ्य से। निर्णय कोई खेल या प्रतियोगिता नही है जो 2-1 से जीती जाये।<br />
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<a href="http://swachchhsandesh.blogspot.com/2010/10/blog-post.html" target="_blank">बाबरी मस्ज़िद केस की २३ गायब फ़ायलों का कोई अता-पता नहीं है. </a><br />
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जस्टिस शर्मा जी ने अपनी राम भक्ति का पुरा-पुरा परिचय दिया है अपने आखिरी फ़ैसले में...वो अपने आपको रामभक्तों की लिस्ट में सबसे ऊपर देखना चाहते थे जिसमें वो पुरी तरह कामयाब हो गये है अब हर जगह उनका गुणगान हो रहा है <u><b><a href="http://www.amarujala.com/AyodhyaDispute/ayodhya%20justice%20sharma-84-1.html" target="_blank">पढिये ये लेख</a></b></u>। इन्होने अपने कथित सबसे सही फ़ैसले(?) में कहा है कि <b>"मंदिर को तोडकर मस्ज़िद बनायी गयी और मस्ज़िद में उन्होने मंदिर के खंम्बे इस्तेमाल किये जिसमें देवी-देवताओं की मुर्तियां बनी हुई थी(?????) जबकि उसी ए.एस.आई की रिपोर्ट को आधार बनाकर दुसरे दो जजों ने कहा कि वो कथित मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई है।" </b>ए.एस.आई की रिपोर्ट मैनें पढी है उसमें कहीं भी यकीन के साथ नही कहा गया है की मस्ज़िद पर मंदिर था हर सबुत के विष्लेण के बाद यही लिखा कि <b>"कि ऐसा प्रतीत होता है" "हो सकता है" "ऐसा कह सकते है" वगैरह वगैरह। </b><br />
<br />
शर्मा जी ने आगे कहा कि <b>"रामलला के हिस्से में आई गर्भगृह की जमीन के पीछे रामलला को सजीव व्यक्ति मानकर मुकदमे का निस्तारण किया। अदालत ने माना है कि जहां पर सदियों से पूजा-अर्चना होती चली आयी हो वह मूर्ति प्राण प्रतिष्ठित [सजीव] हो जाती है। और वह मूर्ति एक सजीव व्यक्ति की तरह होती है। इसलिए जब हजारों वर्ष से रामलला की पूजा अर्चना होती चली आयी है तो मध्य गुंबद में श्री राम बाल रूप में सजीव हैं और उनकी ओर से निकट मित्र द्वारा हक का दावा किया जा सकता है।" </b>लो जी भगवान को उनका कथित मंदिर(?) लौटाने के लिये उन्हे इंसान मान लिया गया और एक हिस्सा <br />
उन्हे दे दिया गया। उन्होने कहा कि <b>जिस मूर्ति की सदियों से पुजा होती है वो सजीव हो जाती है </b>तो इस लिहाज़ से महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु वगैरह की मूर्तियां भी सजीव हो जायेंगी तब क्या होगा???? और उन्होने कहा कि हज़ारों वर्ष से उस मूर्ति की पुजा हो रही है लेकिन मस्ज़िद में मूर्ति तो २२-२३ दिसम्बर को छुपकर चोरी से रखी गयी थी तो वहां कहां से पूजा हो गयी????<br />
<br />
भगवान श्रीराम(?) के जन्मस्थान(?) की लोकेशन हमारे देश के हिन्दुओं और हाईकोर्ट के जजों को शायद भगवान श्री राम(?) ने ही बताई है(?????) कि मेरा जन्म इस मस्ज़िद के बडे गुम्बद के बीच में हुआ था(????)<br />
<br />
इस फ़ैसले ने साबित कर दिया कि मुसलमान इस देश में दुसरे दर्जे के इंसान है। हम भारतीय ढोल पीटकर कहते है कि हमारा लोकतंत्र सबसे महान है और दुनिया में अव्वल है.........लेकिन कहां से है ये समझ नही आ रहा है???<br />
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<a href="http://mohallalive.com/2010/10/01/arvind-shesh-react-on-high-court-decision-about-ramjanmbhoomi/" target="_blank"><br />
Mohalla Live पर अरविंद शेष जी लिखते है</a><br />
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<b>"</b><b>अदालत के फैसले ने</b><b> इस बात की नजीर रखी है कि कल को हमारे घर में चुपके से आकर अगर कोई मूर्ति रख दे तो उसके बाद पैदा हुई लड़ाई का नतीजा यही होगा कि अदालत उस घर को मंदिर घोषित कर देगी।" </b><br />
<br />
<b>"लेकिन इस चोरी को</b><b> सही ठहराने के अलावा अदालत ने क्या यह कहना चाहा है कि मथुरा और काशी की संघी मांग भी इसी अंजाम तक पहुंचेगी। और क्या अब इस देश की सभी प्राचीन इमारतों की जांच करायी जाएगी कि यहां पहले क्या था और अब क्या होना चाहिए। आप क्या सोचते हैं कि बाबरी मसजिद में मनमाफिक हिस्सा मिलने के बाद संघी जमात यों ही चुप बैठ जाएगी।सबसे विचित्र तो</b><b> यह है कि अदालत का यह फैसला तकनीकी पहलुओं पर आस्था की जीत के रूप में जाना जाएगा। यह कहना कि विवादित स्थल ही रामजन्मभूमि है, एक ऐसा मजाक है, जिसे सुनना दहशत से भर देता है। लेकिन इसी में छिपी एक बात पर गौर करना चाहिए कि किसी व्यक्ति की इस जिद को किसी व्यक्ति ने ही सही ठहराया, जिसे किसी बात को सही या गलत ठहराने का अधिकार मिला हुआ है। सवाल है कि क्या अब अदालत के फैसले आस्थाओं की बुनियाद पर हुआ करेंगे… और क्या उन आस्थाओं पर फैसला देते समय भी यह देखा जाएगा कि किसकी आस्था ज्यादा ताकतवर है या किस आस्था से फैसला देने वाले के तार जुड़ते हैं…?"</b><br />
<br />
इस लिहाज़ से ताजमहल का केस अदालत में जाना चाहिये क्यौंकि जनाब पी. एन. ओ. के. साहब तो निकल लिये लेकिन जाने से पहले काबा और ताजमहल को शिव मंदिर घोषित कर गये है अब काबा तो हिन्दुओं की पहुंच से बहुत दुर है क्यौं ना मथुरा, काशी से पहले ताजमहल से शुरुआत की जाये???<br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-18431511331876089352010-08-24T20:51:00.001+05:302010-08-24T21:00:14.522+05:30हमारा हिन्दुस्तान के नये रुप में आपका स्वागत है..!! अपनी राय दें...!!!New Look & Design Of Hamara Hindustaanकाफ़ी दिनों से "हमारा हिन्दुस्तान" पर सक्रिय नही हो पा रहा था..! पापी पेट की आग बुझाने के लिये मेहनत कर रहे थे इस कारण वक्त नही मिल रहा था। जब वक्त मिला तो सोचा "हमारा हिन्दुस्तान" का रुप बदल दे.....<br />
<br />
तो आप सबके सामने पेश है "हमारा हिन्दुस्तान" का सावन के सुहाने मौसम का रुप.......जो बारिश की बुंदों की तरह पावन, शीतल और उज्जवल है...। आगे भी आप इसके रुप में कुछ बदलाव देख सकते है..।<br />
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तो आप सबके सुझाव आमंत्रित है.........<br />
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मैनें हमारा हिन्दुस्तान को एक नये डोमेन पर ट्रांसफ़र कर दिया है। तो जब नया युआरएल है तो रुप भी पहले से बेहतर और नया होना चाहिये..। इसीलिये मैं हमारा हिन्दुस्तान के नये रुप पर काम कर रहा हूं बहुत जल्द आपको हमारा हिन्दुस्तान का नया और पहले से बेहतर रुप देखने को मिलेगा..।<br />
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http://blog.simplycodes.com<br />
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आपका आभारी<br />
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काशिफ़ आरिफ़<br />
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<a href="http://www.1and1.com/">1and1</a> नामक वेब होस्टिंग कम्पनी एक साल के लिये .com डोमेन नेम फ़्री दे रही है। और एक साल बाद $8.99 से पैसे लिये जायेंगे। <br />
<br />
मैने भी एक डोमेन रजिस्टर किया है <a href="http://simplycodes.com/">simplycodes.com</a> <br />
<br />
और इसी डोमेन नेम पर मैने अपने दोनों हिन्दी ब्लोग्स को ट्रांसफ़र कर दिया है।<br />
<br />
हमारा हिन्दुस्तान का नया युआरएल है :- <a href="http://www.blog.simplycodes.com/">http://www.blog.simplycodes.com</a><br />
<br />
इस्लाम और कुरआन का नया युआरएल है :- <a href="http://www.islam.simplycodes.com/">http://www.islam.simplycodes.com</a><br />
<br />
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<a name='more'></a><br />
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ये देखिये मेरे डोमेन नेम की Invoice की Image जो मुझे <a href="http://www.1and1.com/">1and1</a> की तरफ़ से मिली है।<br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7u46d25uN16TYk5yPIkmQqwhbTFmklT5Qs6K1pA-_ngRz3FTWtPlc9ZuMHUsOwwz3utFJsLRczQjZ3PP80jDJKaRE2Wn5hH2urbTAxCPS8xqpnBQSQKcpxP5ugBj5aev3nTzYnCsDMXcp/s1600/Invoice.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="127" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7u46d25uN16TYk5yPIkmQqwhbTFmklT5Qs6K1pA-_ngRz3FTWtPlc9ZuMHUsOwwz3utFJsLRczQjZ3PP80jDJKaRE2Wn5hH2urbTAxCPS8xqpnBQSQKcpxP5ugBj5aev3nTzYnCsDMXcp/s400/Invoice.jpg" width="400" /></a></div><br />
<br />
इस आफ़र के बारे में मुझे 15 दिन पहले पता लगा था लेकिन मैनें डोमेन नेम 5 दिन पहले रजिस्टर किया है क्यौंकि मैं इस कम्पनी के बारे में जांच-पडताल कर रहा था। इस कम्पनी को गुगल ने भी मान्यता दे रखी है <a href="http://help.blogger.com/bin/answer.py?answer=55374"><b>यहां देखें</b></a><br />
<br />
आपको कुछ नही करना है वेबसाइट पर जाइयें, जो तस्वीर आपको फ़्री डोमेन दिखा रही है उस पर क्लिक करे। अपने डोमेन नेम का स्टेटस देखें, फ़िर अपनी जानकारी भरे, उसके बाद वो आपसे क्रेडिट कार्ड या <a href="http://www.paypal.com/">Paypal</a> का अकांउट मागेंगा तो बेफ़िक्र हो कर दे दें क्यौंकि उस अकांउट या आपके क्रेडिट कार्ड में से अगले साल से पैसे कटेंगे। बस आपके क्रेडिट कार्ड को जांचने के लिये ये लोग उसमें से $6 की राशि काटेंगे जो आपको वापस रीफ़ंड कर दी जायेगी।<br />
<br />
<br />
<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a><br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-32743813992875161272010-03-25T21:54:00.000+05:302010-03-25T21:54:03.443+05:30एम. बी. ए. छात्रों के लिये एक बहुत उपयोगी ब्लोग..! An Important & Useful Blog For M.B.A. Students काफ़ी दिनों के बाद आज कोई लेख लिख रहा हूं... काफ़ी दिनों से अपने नेट कनेक्शन और अपने सिस्ट्म से लडं रहा था। अब जाकर उस झगडे से आज़ाद हुआ हूं। इस बीच मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त <b>कहकंशा खान</b> ने एक ब्लोग <a href="http://kehkash.blogspot.com/"><b>Attitude | A Way To Success</b></a> शुरु किया है। उन्होने मोदी इस्टीट्युट आफ़ मैनेजमैन्ट स्ट्डीज़, लक्ष्मनगढ, राजस्थान से पिछ्ले साल एम. बी. ए. किया था और वर्तमान में N.I.S. Academy, Agra में H.R. लेक्चरर की पोस्ट पर काम कर रही है |<br />
<br />
<a name='more'></a><br />
<br />
ये <b><a href="http://kehkash.blogspot.com/">ब्लोग</a></b> खासतौर पर उन लोगों के लिये बनाया गया है जो एम.बी.ए. के छात्र हैं या फ़िर किसी और फ़िल्ड में काम कर रहे है लेकिन अपनी शख्सियत में और सुधार लाना चाह्ते हैं। ये <b><a href="http://kehkash.blogspot.com/">ब्लोग</a></b> इंग्लिश में है क्यौंकि उनकी इस भाषा पर बहुत अच्छी पकड है ।<br />
<br />
ये <b><a href="http://kehkash.blogspot.com/">ब्लोग</a></b> खासतौर पर पाठकों को <b><a href="http://kehkash.blogspot.com/2010/03/personality.html">Personality Development,</a></b> <a href="http://www.blogger.com/goog_995204609"> </a><a href="http://kehkash.blogspot.com/search/label/Human%20Resources"><b>H.R.</b></a>, <a href="http://kehkash.blogspot.com/search/label/management%20lessons"><b>Management,</b></a> <b>Retail,</b> के विषयों की बहुत गहराई से जानकारी देगा। इस ब्लोग का मै तकनीकी सलाहकार हूं तथा अच्छी तरह जानता हूं की इस ब्लोग की लेखिका की क्षमता क्या हैं इसलिये आप लोगों को एक सलाह दुंगा कि इस ब्लोग को एक बार ज़रुर पढें..<br />
<br />
<a href="http://kehkash.blogspot.com/"><b>Attitude | A Way To Success</b></a><br />
<br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-76080106931218830742010-01-24T19:48:00.000+05:302010-01-24T19:48:46.226+05:30क्या आप अपने ब्लोग की गुगल पेज रेंक बढाना चाहते है? Meta Tags, Importance & Use, Google Page Rank, Hindi Blogs,हिन्दी ब्लोगिंग इस वक्त अपने चरम पर है, चिट्ठों की तादाद दिन ब दिन बढती जा रही है। कुछ दिनों पहले खबर आयी थी की हिन्दी चिट्ठों की संख्या 10,000 के लगभग पहुंच गयी है लेकिन मुझे लगता है की ये संख्या<br />
बीस हज़ार के आस-पास बहुत जल्द पहुंच जायेगी। अब हिन्दी ब्लोगिंग से कमाई के रास्ते खुलने लगें, दैनिक अखबारों में भी अब ब्लोग कोना बन गया है लेकिन एक चीज़ है जिसकी कमी हिन्दी ब्लोग्गर्स को बहुत ज़्यादा खलती है और वो हैं <a href="http://adsense.google.com/" target="_blank">"गुगल एडसेंस"</a>।<br />
<br />
गुगल ने सब हिन्दी ब्लोग्स पर <b>"Monitize"</b> का आप्शन दे तो दिया है लेकिन हिन्दी ब्लोग्स को एड अभी नही मिलते है। इसकी सबसे बडी वजह है हिन्दी ब्लोग्स की "गुगल पेज रेंक" जो हमेशा से हिन्दी ब्लोग की कमज़ोरी रही है। <br />
<a name='more'></a>शायद ही किसी हिन्दी ब्लोग की पेज रेंक <b>"5" </b>तक पहुंची हो हमारी पेज रेंक इसलिये नही बढती क्यौंकि हिन्दी पढने वाले लोग ही बहुत कम है लेकिन एक कमी को दुर करने का एक तरीका है। उसके लिये सारे हिन्दी ब्लोग्स को साथ आना होगा।<br />
<br />
वो तरीका है <b>"Meta Tags" </b>में थोडा सा बदलाव.....<br />
<br />
आप लोग सोच रहे है कि इस Meta Tag का पेज रेंक से क्या मतलब???<br />
<br />
<br />
गुगल पेज रेंक कई चीज़ों को ध्यान में रख कर दी जाती है....<br />
<br />
<br />
1. कितने पेज देखें गये महीने या दो महीने के अंतराल में,<br />
<br />
<br />
2. कितने लोगों ने टिप्पणी की,<br />
<br />
<br />
3. गुगल में कितनी बार आपके ब्लोग को सर्च किया गया,<br />
<br />
<br />
4. तथा आपके ब्लोग के कितने बैकलिंक हैं<br />
<br />
<br />
ऊपर की तीन चीज़ों के बारे में हम कुछ नही कर सकते है क्यौंकि ये सब हमारे लेखन पर निर्भर करता है लेकिन आखिरी चीज़ "बैकलिंक" के लिये हम कर सकते है।<br />
<br />
<br />
<br />
हिन्दी ब्लोगिंग में Meta Tags की अहमियत बहुत कम लोगों को पता है। Meta Tags ब्लोग टेम्पलेट के region में होते है, Meta Tags में आमतौर से ब्लोग का टाइटल, वर्णन या Description, Keywords, किस पेज को सर्च इंजन द्वारा सर्च में दिखाना है और किसको नही दिखाना है वगैरह वगैरह।<br />
<br />
1. सबसे पहले अपने <b><a href="http://blogger.com/">Blogger</a> </b>अकांउट में लांग-इन करें,<br />
<br />
2. <b>Dashbord > Layout > </b><b> Edit Html </b> <br />
<br />
ctrl+f करके ये कोड ढुंढे<br />
<br />
<br />
<br />
यहां Meta Tag आपको इस तरह से लिखे मिलेंगें....<br />
<br />
<title><span style="color: blue;">TITLE_OR_NAME_OF_YOUR_WEBSITE</span></title><br />
<link href="mailto:<span style="color: blue;">YOUR_EMAIL_ADDRESS_HERE</span>" rev="made"/><br />
<meta content="<span style="color: blue;">ALL_KEYWORDS_HERE_SEPARATED_BY_COMMAS</span>" name="keywords"/><br />
<meta content="<span style="color: blue;">YOUR_NAME_HERE</span>" name="author"/><br />
<b:if cond='data:blog.url == data:blog.homepageUrl'><br />
<meta content="<span style="color: blue;">GENERAL_DESCRIPTION_HERE</span>" name="description"/><br />
</b:if><br />
<meta content="<span style="color: blue;">SEE_BELOW</span>" name="ROBOTS"/><br />
<br />
<br />
<br />
इसमें जो आखिरी लाइन में आप SEE_BELOW लिखा देख रहे है इसको आपको<br />
<br />
"- <b>INDEX,FOLLOW</b> " करना होगा इसका मतलब की इस पेज को सर्च में दिखायें तथा सारे लिंक्स को फ़ालों करे।<br />
<br />
आप चाहें तो इसे <b>index, follow </b>बदले <b>All </b>भी कर सकते है दोनों का मतलब एक ही है।<br />
<br />
<b>Note :- </b>अगर किसी के ब्लोग टेम्पलेट में Meta Tag ना हो तो वो यहां से कापी करके अपने टेम्पलेट में पेस्ट कर दें।<br />
<br />
इससे फ़ायदा ये होगा की जब भी आप अपने किसी मित्र, दोस्त या दुश्मन के किसी लेख का ज़िक्र करेंगे तो उसके ब्लोग को एक बैकलिंक मिल जायेगा और यही काम आपके दोस्त या सारे हिन्दी ब्लोग्गर्स कर लें तो कुछ दिनों में ही आप सब अपने ब्लोग के बैकलिंक में बढोतरी देख सकते है। जैसा की मैने पहले ही कहा है कि सब लोगों को साथ आना होगा इसकी शुरुआत मैं कर चुका हुं। मैंने अपने सारे ब्लोग्स के Meta Tags में बदलाव कर दिया है।<br />
<br />
अपने वर्तमान बैकलिंक की संख्या देखने के लिये <b> </b><br />
<br />
<a href="http://popuri.us/" target="_blank"><b>POPURI.US</b></a><br />
<b> <br />
</b><br />
पर क्लिक करें ये वेबसाइट आपको आपकी पेज रेंक, अलेक्सा रेंक, बैकलिंक सबकी जानकारी एक क्लिक मे दे देती है।<br />
<br />
और कोई समस्या हो तो आप मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।<br />
<br />
<br />
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<br />
<br />
<br />
<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-60311486030652708752010-01-18T23:40:00.000+05:302010-01-18T23:40:36.728+05:30एक पोस्ट लिखिये, वोट दिजिये, और भारत के चालीस हज़ार बच्चों को पढाने में योगदान दिजिये..!! Charity, Give India, क्या आप चाहते है कि इस देश के गरीब को बच्चों को पढाने में आपका योगदान हो? अगर हां, तो आपके ब्लोग का एक लेख, आपका एक वोट, हमारे देश के चालीस हज़ार बच्चों को एक साल तक पढाने में मदद कर सकता है।<br />
<br />
<a href="http://www.facebook.com/ChaseCommunityGiving" target="_blank"><b>Chase Community</b></a> द्वारा पुरी दुनिया में एन.जी.ओ. के लिये <a href="http://www.facebook.com/" target="_blank"><b>फ़ेसबुक</b></a> पर एक काम्पीटिशन कराया जा रहा है उस काम्पीटिशन में जीतने वाले एन.जी.ओ. को एक मिलियन डालर मिलेंगे। जिससे वो अपने क्षेत्र में काम करेंगे। भारत की ओर से Give Foundation Inc. की भारतीय शाखा <a href="http://www.facebook.com/pages/GiveIndiaorg/21169267101" target="_blank"><b>Give India</b></a> हिस्सा ले रही है। इस काम्पीटिशन के रुल बहुत आसान है, जिस एन.जी.ओ.को सबसे ज़्यादा वोट मिलेगें उसे ही विजेता घोषित किया जायेगा<br />
<br />
वोट करने की तारीख<b> <span style="font-family: Lucida Sans Unicode; font-size: x-small;"><span style="color: red; font-size: small;">Friday, January 15 – Friday, January 22, 2010.</span> </span></b><span style="font-family: Lucida Sans Unicode; font-size: small;">तक ही है। वोट करने के लिये आपको Chase Community का फ़ेसबुक पर फ़ैन बनना होगा उसके बाद ही आप अपने एन.जी.ओ. को वोट कर सकते हैं। मैं अपना काम कर चुका हुं आप लोग भी करें.....</span><br />
<br />
<span style="font-family: Lucida Sans Unicode; font-size: small;">वोट करने के लिये नीचे लिन्क पर क्लिक करे और अपने फ़ेसबुक अकाउंट से साइन इन करे तथा Chase Community </span>की एप्लिकेशन को अलाउ करें<br />
<br />
<br />
<a href="http://apps.facebook.com/chasecommunitygiving/charities/338730" target="_blank"><b>http://apps.facebook.com/chasecommunitygiving/charities/338730</b></a><br />
<br />
<br />
<br />
<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-34916536254332575852010-01-17T07:45:00.002+05:302010-01-17T14:20:04.227+05:30मेरे नन्हें भतीजे का इस दुनिया में स्वागत कीजिये....!!! New Baby In Our Familyआज से तीन दिन पहले 14 जनवरी को शाम को 06 : 16 मिनट पर मेरे बडे भाई के यहां एक नन्हे फ़रिश्ते ने जन्म लिया है। इन्ही के इन्तेज़ार में मैं इतने दिन से ब्लोगिंग से दुर था, काम का बोझ बढ गया था, अल्लाह का करम है कि सब कुछ खैरियत के साथ हो गया। मां और बच्चा दोनों खैरियत से हैं।<br />
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इससे पहले दिसम्बर के महीने में मेरे <a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/blog-post.html" target="_blank"><b>सबसे बडे भाई शुऎब के घर में एक नन्ही परी ने जन्म</b></a> लिया था। दोनों के बीच में ठीक एक महीना, 2 घण्टे और 2 मिनट का अन्तर है। मेरे सबसे बडे भाई शुऎब का परिवार तो इस बच्ची जिसका नाम <b>"सारिया" </b>रखा है के जन्म के साथ ही पुरा हो गया था।<br />
<br />
और मुझसे बडे भाई "सुहेल" के परिवार में ये पहली सन्तान है। आप लोग भी देखें और अपनी दुआंये दे।<br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxdW3b7rbVjPm0uaTeLdtq2yLtbJqG-HSZYQuRRXzLINqxf24ULQPnXvrIUJjn_875n27ZNpKA5xvh0N_K3mYnhsNUjT3NqhthoVP9EYCPyB-eDhmDx6aYTp24Q6PKMtYuqpqFL061WUwc/s1600-h/DSC02081.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxdW3b7rbVjPm0uaTeLdtq2yLtbJqG-HSZYQuRRXzLINqxf24ULQPnXvrIUJjn_875n27ZNpKA5xvh0N_K3mYnhsNUjT3NqhthoVP9EYCPyB-eDhmDx6aYTp24Q6PKMtYuqpqFL061WUwc/s320/DSC02081.JPG" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;">और कोई अच्छे से अर्थ वाला नाम सुझायें..............???? <br />
</div><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-12634067688785782422010-01-07T23:25:00.000+05:302010-01-07T23:25:41.367+05:30बाबरी मस्ज़िद/राम मंदिर मुद्दे का हल... Ram Mandir/Babri Mosque Controversy<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjvjPnMykNYvqzYTuPXKolfxr2d8aP_zEy8tgCb62WIBEmtU5YN3PoIgVtyLTDZDo9zsiqr6IJ9RveAjfj0ZgB8XX9m4CqRNk8YGm4ij5_Ccj6FHaYaAjJ7pcH-U3DvvIl7XZWB_FzeQRDC/s1600-h/180px-Babri_rearview.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="138" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjvjPnMykNYvqzYTuPXKolfxr2d8aP_zEy8tgCb62WIBEmtU5YN3PoIgVtyLTDZDo9zsiqr6IJ9RveAjfj0ZgB8XX9m4CqRNk8YGm4ij5_Ccj6FHaYaAjJ7pcH-U3DvvIl7XZWB_FzeQRDC/s200/180px-Babri_rearview.jpg" width="200" /></a><br />
</div> <span style="font-size: large;"><b>आ</b></span>प लोगों ने मेरी <a _blank="" href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/search/label/Babri%20Demolition" target=""><b>बाबरी विध्वंस की सीरीज़</b></a> पढी आज मैं उस सीरीज़ का आखिरी लेख पेश कर रहा हूं। इस लेख में हम बाबरी मस्ज़िद/राम मन्दिर मुद्दे के संभावित हलों के बारे में बात करेंगे। इस विषय पर मैनें बहुत से आम आदमीयों से बात की, मैनें जानना चाहा की आम आदमी क्या चाहता हैं। यही एक वजह थी की मैं इतने दिन के अन्तराल के बाद ये लेख लिख रहा हूं। इस बातचीत में हर वर्ग, धर्म, उम्र और जाति के लोग शामिल थे।<br />
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<a name='more'></a><br />
<br />
इस बातचीत या इसे आप एक छोटा सा सर्वे कह सकते है। ये सर्वे मैनें यु.पी. के कुछ शहरों जैसे आगरा, कानपुर, लखनऊ, बरेली, सहारनपुर, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ आदि में किया था। इस सर्वे में एक बात बिल्कुल आईने की तरह साफ़ हो गयी वो ये की आज की भागदौड भरी ज़िन्दगी में किसी आम आदमी को इस बात की कोई फ़िक्र नही है की वहां मन्दिर बनता है या मस्जिद...! उसे फ़िक्र है तो अपनी रोज़ी-रोटी, अपने बच्चों, अपने परिवार की......<br />
<br />
<br />
अब बात करते हैं संभावित हलों की....<br />
<br />
<b>हल नंबर 1.</b><br />
<br />
ये बात तो अब हर हिन्दुस्तानी को पता है की वहां ना अब मन्दिर बन सकता है और ना मस्ज़िद। तो इस विवाद को खत्म करने के लिये मेरा तथा मेरे सर्वे के अनुसार पहला हल है की उस 2.77 एकड ज़मीन को बराबर के दो हिस्सों में बाटं दिया जाये तथा एक हिस्से में मस्ज़िद और एक हिस्से में राम मन्दिर बना दिया जाये। ज़मीन को इस तरह से बांटा जाये की ठीक बीच से दो हिस्से किये जायें ताकि ना हिन्दु कुछ एतराज़ कर सके और ना मुस्लमान कुछ एतराज़ कर सकें।<br />
<br />
यहां विवाद राम मन्दिर के गर्भग्रह को लेकर हो सकता है और यही हिस्सा मस्ज़िद का मुख्य भाग था तो फ़िर उस ज़मीन के दो हिस्से इस प्रकार से किये जायें की दोनों हिस्सों में गर्भग्रह का बराबर भाग मिलें।<br />
<br />
<b>हल नंबर 2</b>.<br />
<br />
सर्वे में ये हल दुसरे नंबर पर आया है वो ये की उस 2.77 एकड ज़मीन पर एक खुबसुरत सा पार्क बना दिया जाये तथा उसे निशुल्क रखा जाये। सार्वजनिक तौर सब लोग हिन्दु-मुस्लिम तथा सभी धर्म के लोग उसे इस्तेमाल करें।<br />
<br />
ये हल ज़ाती तौर पर मुझे पसंद है क्यौंकि पहले हल में एक बार को विवाद पैदा होने के आसार है लेकिन इसमें नही है। इस हल में सिर्फ़ एक जगह विवाद हो सकता है उस पार्क के नाम के ऊपर। उसका हल ये है कि उस पार्क का नाम ना तो जन्मभुमि पार्क, भगवान राम पार्क, बाबरी मस्ज़िद पार्क, किसी नेता या अभिनेता, या महापुरुष के नाम पर रखने के बजाय फ़ैज़ाबाद के किसी शहीद सिपाही के नाम पर रखा जाये।<br />
<br />
<b>हल नंबर 3.</b><br />
<br />
ज़ाती तौर पर मैं इस हल से सहमत नही हूं लेकिन इसके बारे में लोगों ने सुझाव दिया था इसलिये मैं इसको सबके सामने रख रहा हूं। 2.77 एकड ज़मीन पर कोई शापिंग काम्पलेक्स या शापिंग माल बनाना। मैं इससे सहमत इसलिये नही हूं क्यौंकि जब इस काम का टेण्डर निकाला जायेगा तो प्राइवेट कम्पनी वाले आगे के फ़ायदे को देखते हुये इस टेण्डर को हथियाने मे लग जायेंगे तो इस तरह सरकारी अफ़सरों की लाटरी निकल जायेगी।<br />
<br />
जब उस शापिंग काम्पलेक्स का काम शुरु होगा तो कम्पनी वाले लोगों की भावनाओं का फ़ायदा उठायेगें तथा उन दुकानों की अनाप शनाप कीमत वसुलेंगे। <br />
<br />
आप लोग क्या सोचते हैं इसके बारे में????<br />
<br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-91015583778527293172009-12-28T14:36:00.001+05:302009-12-28T14:37:51.099+05:306 दिसम्बर 92 से पहले जनसत्ता अखबार ने की कारसेवा. Karsewa Of Jansatta Before 6 December 92<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhW4vidzth2pJ6N-BQupypaBm0jdkFl3_7Qqps5CVxFCm5MmmNMZoXXtTqd0uGqDaeuhmdmDY-yNWJKWvkAUdk0dogrsHsZbjqlLGCPGotziHpygi8rdoXNk85slkM3arB9Scg8TzmQtxqD/s1600-h/bajrangdal003train-300x209.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" ps="true" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhW4vidzth2pJ6N-BQupypaBm0jdkFl3_7Qqps5CVxFCm5MmmNMZoXXtTqd0uGqDaeuhmdmDY-yNWJKWvkAUdk0dogrsHsZbjqlLGCPGotziHpygi8rdoXNk85slkM3arB9Scg8TzmQtxqD/s320/bajrangdal003train-300x209.jpg" /></a><br />
</div>मेरी बाबरी सिरीज़ मे मैंने आप लोगो के सामने काफी चीज़े रखी, काफी पहलु रखे. बाबरी विध्वंस मे कारसेवको (उप्दार्वियौं) की भूमिका के बारे मे सबको जानकारी है लेकिन इतने लोगो को जमा करना, उनको ट्रेनिंग देना ये सब तो साधू-संतो के जिम्मे था लेकिन मीडिया ने भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, खासकर "जनसत्ता" अखबार ने।<br />
<br />
जनसत्ता ने भी कारसेवा की थी तथा कारसेवको के अन्दर ऊर्जा भरने का काम किया था।<br />
<br />
भागलपुर दंगे, मेरठ के मलियाना कांड, जयपुर दंगे, दिवराला सती कांड, मंडल विरोधी आंदोलन और मंदिर के आंदोलन के दौरान जनसत्ता की भूमिका पर आज गर्व कर पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। जनसत्ता ही क्यों, इस दौरान मीडिया के काफी बड़े हिस्से की भूमिका बेहद बुरी थी। ये भी बेहद महत्वपूर्ण है कि मीडिया के पक्षपात में शिकार लगभग हमेशा अल्पसंख्यक, महिलाएं, दलित और पिछड़े ही बनते हैं। मिसाल के तौर पर आरक्षण के बारे में कभी भी कोई रिपोर्ट सवर्णों के खिलाफ पक्षपात नहीं करती।<br />
<a name='more'></a><br />
इन घटनाओं और प्रसंगों में मीडिया की भूमिका के बारे में कई शोध और लेख यहां-वहां बिखरे हैं। हाशिमपुरा मलियाना के भीषण खून-खराबे के बाद तो जनसत्ता ने अपने पहले पन्ने पर पीएसी के समर्थन में अभियान चलाया था और तीन लेखों की सीरीज छापी थी। आप भी देखिए जनसत्ता के कुछ नमूने। और ध्यान रखें कि ये सब विचार नहीं, समाचार के पन्नों पर छपी सामग्री है :<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 8 अक्टूबर, 1990 पेज 10</b><br />
<br />
जबलपुर में रथयात्रा का रिकार्ड तोड़ स्वागत। लोगों में उसके स्वागत के लिए जो उन्माद देखा गया, उससे पिछले सभी रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं। पूरा वातावरण ही राममय था…<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 12 अक्टूबर, 1990 पेज 10</b><br />
<br />
आडवाणी के रथ का यहां की जनता ने पालक पांवड़े बिछाकर जबर्दस्त स्वागत किया। …दीवाली का आलम था…<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 13 अक्टूबर, 1990 पेज 10</b><br />
<br />
सरकारी तंत्र प्रचार में लगा है कि अयोध्या की परिक्रमा में बड़ा हादसा होगा। और भगदड़ मचेगी। …सरकारी प्रचार के बावजूद विश्व हिंदू परिषद के लोग पूरी परिक्रम के रास्तों पर सुरक्षा बंदोबस्त में लगे हैं।<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 20 अक्टूबर, 1990 पेज 2</b><br />
<br />
<br />
धार्मिक भावना चरम पर है। पूरा जिला राममय हो गया है। …अगर राम ज्योति के स्वागत, जुलूस, और संत सम्मेलन में संतों, धार्मिक नेताओं और श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नेताओं को सुनने के लिए आ रही भीड़ को कामयाबी का पैमाना माना जाए तो यह तय हो चुका है कि आम हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए मन बना चुका है… तमाम के मनों में यही लालसा है कि कि मंदिर बने, चाहे इसके लिए कुछ भी कुर्बानी देनी पड़े।<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 20 अक्टूबर, 1990 पेज 4</b><br />
<br />
सूत्रों के अनुसार आज शुक्रवार को धनबाद के बासेपुर के मुसलमान बहुल मोहल्ले में तनाव है। वे रथयात्रा को रोकने की तैयारी में हैं…<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 30 अक्टूबर, 1990 पेज 1</b><br />
<br />
<br />
<br />
अस्थायी जेलें भी भर गयीं, पर कारसेवकों में उत्साह बरकरार<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 1 नवंबर, 1990 पेज 1</b><br />
<br />
अयोध्या अभी भी कारसेवकों से घिरी हुई है। कार सेवक ‘जय श्रीराम’ की धुनी रमाये हुए हैं… कारसेवक विवादित स्थल की ओर कूच करना चाहते हैं। हर कोई उत्तेजित है। कल की सफलता से आर-पार का फैसला कराने को आमादा हैं। उनका कहना है कि वे कसम खाकर कारसेवा के लिए आये हैं। कार सेवा के बिना नहीं लौटेंगे, भले ही गोली खा जाएं। …कल रात वे खुले में ही बैठे रहे… अर्धसैनिक बलों ने उन्हें दो बार खदेड़ा, पर वे वहीं डटे रहे।<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 2 नवंबर, 1990 पेज 1</b><br />
<br />
पूर्णिमा के पवित्र स्नान के बाद कल किसी भी वक्त कारसेवक ‘करो या मरो’ के आह्वान के साथ सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश करेंगे… साधु संतों ने पुल पर अलग अलग यज्ञ कुंड भी बना लिये हैं। साधुओं के माइक से भाषण हो रहे हैं। रामचरित मानस का पाठ अलग हो रहा है। सुरक्षा बलों पर साधु संतों और कारसेवकों की इच्छा शक्ति का जादू साफ देखा जा सकता है। जब साधु अनशन पर बैठे तो साधुओं ने यह आह्वान किया कि उपस्थित जन समुदाय बैठ कर तीन बार ओंकार ध्वनि निकाले तो उपस्थित पुलिस जनों ने भी बैठकर ओंकार ध्वनि निकाली।<br />
<br />
<br />
<br />
<b>जनसत्ता, 3 नवंबर, 1990 पेज 1</b><br />
<br />
अयोध्या की सड़कें, मंदिर और गलियां आज कारसेवकों के खून से सन गयीं। अर्धसैनिक बलों की अंधाधुंध फायरिंग से अनगिनत लोग मरे और बहुत से घायल हुए। इस संवाददाता ने अपनी आंखों से तीस लाशें सड़क पर छितरी देखी हैं। प्रशासन ने कारसेवकों पर अंधाधुंध गोलियां उस वक्त चलवायीं, जब कारसेवक सत्याग्रह के लिए सड़कों पर बैठकर रामधुन गा रहे थे… कुछ अखबार वालों ने यह कहते हुए मदद की और बोले कि आप हमें भी गोली मार दें। हम अपना काम करेंगे… किसी भी कारसेवक को पैर में गोली नहीं मारी गयी। गोलियां सभी के सिर और सीने में लगी हैं। …फैजाबाद के रामअचल गुप्ता की अखंड रामधुन बंद नहीं हो रही थी। जे एस भुल्लर ने उन्हें पीछे से गोली दाग कर मार डाला। श्रीगंगानगर राजस्थान का एक कारसेवक जिसका नाम पता नहीं चल पाया, गोली लगते ही गिर पड़ा और उसने अपने खून से सड़क पर लिखा सीताराम। पता नहीं यह उसका नाम था या भगवान का स्मरण। मगर उसके सड़क पर गिरने के बाद भी सीआरपीएफ की टुकड़ी ने उसकी खोपड़ी में सात गोली मारी। इस पूरे गोलीकांड का चश्मदीद गवाह यह संवाददाता स्वयं है।<br />
<br />
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<br />
<b>जनसत्ता 29 अक्टूबर 1990 पेज 5</b><br />
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जयपुर में ग्यारह महीने पहले भी भाजपा के विजय जुलूस पर हमले से दंगा भड़का था। …सांप्रदायिक भाईचारे को ख़त्म करने की साज़िश के तहत जयपुर में टाइम बम मिलने और पाकिस्तानी तत्वों का हाथ होने के सबूत हासिल होने के बावजूद इस तरह की हरकतों में जुटे तत्वों पर लगातार चौकसी नहीं रखी गयी।<br />
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साभार :- <b><a href="http://mohallalive.com/2009/09/15/jansatta-before-6-december-1992/">मोहल्ला लाइव</a></b> <br />
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<b>बाबरी विध्वंस से सम्बंधित लेख...</b><br />
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<h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: x-small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/2-babri-demolition-video-part-2.html">बाबरी विध्वंस विडियों भाग - 2 (हिन्दु समर्पित) </a></span></h3><h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: x-small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/2-atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty.html">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... भाग - 2 </a></span> </h3><script src="http://www.amitjain.co.in/hindiviews.php" type="text/javascript">
</script><b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-masjid-demolition-ram-mandir.html">बाबरी विध्वंस विडियों... </a></span></b><br />
<br />
<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
<br />
<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
<br />
<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html">पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
<br />
<b><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html"><span style="font-size: small;">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... </span></a></b><span style="font-size: small;"> </span><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com28tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-59443912350495673182009-12-23T22:22:00.001+05:302009-12-27T17:46:03.872+05:30बाबरी विध्वंस विडियों भाग - 2 (हिन्दु समर्पित) Babri Demolition Video Part - 2 मैनें अपनी बाबरी सिरिज़ में एक लेख में <b><span style="font-size: small;"></span></b><b><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-masjid-demolition-ram-mandir.html">बाबरी विध्वंस विडियों... </a></b> का ज़िक्र किया था वो विडियों T.V. Tuner से रिकार्ड किया गया था। उस विडियों में बाबरी विध्वंस का पुरा तयशुदा कार्यक्रम नही था। मुझे एक नया विडियो मिला जो बाकायदा एक कम्पनी द्वारा सी.डी. के रुप में हिन्दु बहुल इलाको में बेचा जा रहा है।<br />
<br />
इस वीडियो में पहली बार ऐसा सबुत मिला है जिसमें विहिप के नेताओं को कारसेवकों (उपद्रवियों) को कन्ट्रोल करता हुआ देखा गया है (ये नोटंकी भी अच्छी लगी) बरहाल इस विडियो में साफ़-साफ़ दिखाया गया है कि किस तरह से बाबरी मस्जिद को गिराया गया।<br />
<br />
इस सी.डी. की विडियो में हर लिहाज़ से कोशिश की गयी है भाजपा, विहिप और संघ को बेकुसुर साबित करने की और संघ, भाजपा और विहिप के नेताओं के बयानों के अनुसार ये साबित करने की कोशिश की गयी है बाबरी विध्वंस भावनाओं का बहाव था।<br />
<a name='more'></a><br />
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<b>आप लोग भी देखें....</b><br />
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<object height="344" width="425"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/tuQsTlvlBNM&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/tuQsTlvlBNM&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br />
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<object height="344" width="425"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/7pii4N_fFSo&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/7pii4N_fFSo&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br />
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Youtube पर देखने के लिये यहां क्लिक करें<br />
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<b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=tuQsTlvlBNM">Part - 1</a> <a href="http://www.youtube.com/watch?v=7pii4N_fFSo">Part - 2</a></b><br />
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<b>बाबरी विध्वंस से सम्बंधित लेख...</b><br />
<h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: x-small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/2-atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty.html">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... भाग - 2 </a></span> </h3><script src="http://www.amitjain.co.in/hindiviews.php" type="text/javascript">
</script><u></u><b><a href="http://tips-hindi.blogspot.com/2009/07/per-post-hit-counter-widget.html"> </a></b><b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-masjid-demolition-ram-mandir.html">बाबरी विध्वंस विडियों... </a></span></b><br />
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<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html">पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html"><span style="font-size: small;">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... </span></a></b><span style="font-size: small;"> </span><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com19tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-84599720860255564812009-12-21T21:58:00.001+05:302009-12-21T22:05:44.781+05:30अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... भाग - 2 Atal Bihari Vajpayee Is Also Guilty Of Babri Demolition Part - 2 (Video)बाबरी विध्वंस के लेखों की सीरिज़ में मैनें सबसे पहले <b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं...</a> </span></b><span style="font-size: small;">था</span><b><span style="font-size: small;"> </span></b><span style="font-size: small;">इस लेख में मैनें अटल जी के लखनऊ में दिये गये भाषण का ज़िक्र किया था। अब मुझे उस भाषण की विडियो मिल गया है। इस विडियो में आप अटल बिहारी जी का एक अलग रुप देखेंगे... बहुत से लोग उन्हे गम्भीर नेता समझते है (उनमें मैं भी शामिल हूं) इस विडियो में वो जिस तरह से भाषण दे रहे है वो रवैया बहुत चौंकाने वाला है....</span><b><span style="font-size: small;"><br />
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<b><span style="font-size: small;">आप लोग भी देखें.....<br />
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<div style="text-align: center;"><object height="344" width="425"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/sOSO57XSY2A&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/sOSO57XSY2A&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br />
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<div style="text-align: center;"><object height="344" width="425"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/m6NSIghKuZk&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/m6NSIghKuZk&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br />
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इन विडियो’स को Youtube पर देखने के लिये नीचे लिन्कस पर क्लिक करें<br />
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<span style="font-size: large;"><b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=SfSSwF5i_Zs">Part-1</a> <a href="http://www.youtube.com/watch?v=sOSO57XSY2A">Part- 2</a> <a href="http://www.youtube.com/watch?v=m6NSIghKuZk">Part- 3</a></b></span><br />
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<b>बाबरी विध्वंस से सम्बंधित लेख...</b><br />
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<h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-masjid-demolition-ram-mandir.html">बाबरी विध्वंस विडियों... </a></span></h3><b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html">पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... </a></span><span style="font-size: small;"> </span></b><br />
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<b><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html"><span style="font-size: small;">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... </span></a></b><span style="font-size: small;"> </span><br />
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<div style="text-align: center;"><object height="344" width="425"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/IDZlQYBxFAE&hl=en_US&fs=1&"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/IDZlQYBxFAE&hl=en_US&fs=1&" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br />
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<div style="color: red;"><a href="http://www.youtube.com/watch?v=IDZlQYBxFAE"><b>इस विडियों को YouTube पर देखने के लिये यहां क्लिक करें.....</b></a><br />
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<b>बाबरी विध्वंस से सम्बंधित लेख...</b><br />
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<ul><li><h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... </a></span></h3><h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/babri-destoration-minute-by-minute.html">बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट </a><br />
</span></h3><h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html">पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... </a></span></h3><h3 class="post-title entry-title"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html"><span style="font-size: small;">अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... </span></a><span style="font-size: small;"> </span></h3></li>
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;"><span id="0" title="Click to correct">अगर</span> <span id="1" title="Click to correct">लेख</span> <span id="2" title="Click to correct">पसंद</span> <span id="3" title="Click to correct">आया</span> <span id="4" title="Click to correct">हो</span> <span id="5" title="Click to correct">तो</span> <span id="6" title="Click to correct">इस</span> <span id="7" title="Click to correct">ब्लोग</span> <span id="8" title="Click to correct">का</span> <span id="9" title="Click to correct">अनुसरण</span> <span id="10" title="Click to correct">कीजिये</span>!!!!!!!!!!!!!</a><br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"<span id="11" title="Click to correct">हमारा</span> <span id="12" title="Click to correct">हिन्दुस्तान</span>"... <span id="13" title="Click to correct">के</span> <span id="14" title="Click to correct">नये</span> <span id="15" title="Click to correct">लेख</span> <span id="16" title="Click to correct">अपने</span> <span id="17" title="Click to correct">ई</span>-<span id="18" title="Click to correct">मेल</span> <span id="19" title="Click to correct">बाक्स</span> <span id="20" title="Click to correct">में</span> <span id="21" title="Click to correct">मुफ़्त</span> <span id="22" title="Click to correct">मंगाए</span>...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-47990545412536382132009-12-15T23:02:00.001+05:302009-12-21T22:14:14.545+05:30मेरी नन्ही भतीजी का इस दुनिया में स्वागत कीजिये...!!!मैं पिछले कुछ दिनों से अपने ब्लाग से दुर था। कई लोगों ने ई-मेल करके वजह जानना चाही और मेरी बाबरी सीरीज़ के अगले लेख की तारीख जानना चाही। मुझे खुशी है की कुछ लोगों को मेरी कमी महसुस हुई बरहाल मैं इतने दिनों से इसलिये नही लिख सका क्यौंकि मेरे बडे भाई की फ़ुफ़ी सास का शनिवार को देहान्त हो गया था तथा मेरी बडी भाभी गुरुवार से हास्पिटल में फ़ेफ़डों के इन्फ़ेक्शन से लड रही थी।<br />
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आखिरकार कल शाम 04 : 11 पर हमारे घर में एक नन्ही परी का आगमन हुआ जिसकी सबको चाह थी। आप लोग भी उसका चेहरा देखें और अपनी आशीष और आशिर्वाद दे।<br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-13120778186498105562009-12-09T00:09:00.000+05:302009-12-09T00:09:29.126+05:30देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... Devraha Baba Was Guilty For Conspiracy Not For Babri Demolition लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद से संघ, भाजपा तथा अन्य लोगों ने दोषियों की लिस्ट पर सवाल उठाया है, सबसे पहला ऐतराज़ अटल बिहारी वाजपेयी जी पर उठाया तो उसका जवाब तो मैंने अपने लेख में <a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/11/atal-bihari-vajpayee-is-also-guilty-of.html"><b>अटल बिहारी वाजपेयी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं</b></a> में दे दिया। दुसरा ऐतराज़ पी.वी. नरसिम्हा राव को बेकुसुर कहने पर था उसका जवाब मैं अपने लेख <b><span style="font-size: small;"><a href="http://hamarahindustaan.blogspot.com/2009/12/pv-narsimha-rao-congress-was-also.html">पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के...</a></span></b><span style="font-size: small;"> में दे चुका हूं। तीसरा और <a href="http://www.pravakta.com/?p=4935&cpage=1"><b>सबसे बडा ऐतराज़ देवराहा बाबा के दोषी करार दिये जाने पर है</b></a> आज हम इस विषय पर बात करेंगे। </span><span style="font-size: small;"><br />
</span><br />
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</div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5PAQ-p2nkjtJTFa-VEXtNF6SkDwcZ4RfXDhWgnv-cOkzWH0ZTWs4AM7HsB2fiHaY2swgxAyinrCkQY5yH-8rdP5dDFYS4Y8RSq4nL-Cm5xqVSgJtMkTRYOweHmIAhZ3J_zi_CVPbmdfuh/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-6.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5PAQ-p2nkjtJTFa-VEXtNF6SkDwcZ4RfXDhWgnv-cOkzWH0ZTWs4AM7HsB2fiHaY2swgxAyinrCkQY5yH-8rdP5dDFYS4Y8RSq4nL-Cm5xqVSgJtMkTRYOweHmIAhZ3J_zi_CVPbmdfuh/s200/Babri+Demolation+Picture-6.jpg" /></a><span style="font-size: small;"> ये तो जगज़ाहिर है हिन्दु धर्म में साधु-संतों का ओहदा कितना बडा है इसी ओह्दे का इस्तेमाल बाबरी विध्वंस के लिये किया गया था। बाबरी को गिराने का षडंयन्त्र बहुत पहले बना लिया गया था और इसके लिये हिन्दु नौजवानों को तैयार करने का ज़िम्मा साधु-संतों के कंधों पर था।<a name='more'></a> भोले-भाले नौजवानों के दिल-दिमाग में नफ़रत भरने का काम साधु-सन्तों ने बखुबी निभाया था। इन लोगों ने काफ़ी वक्त पहले इसकी तैयारी शुरु कर दी थी और इस षडयन्त्र को अमल मे लाने के लिये सही वक्त यानि प्रदेश में भाजपा की सरकार आने का इन्तेज़ार किया गया था और जब 24 जुन 1991 कल्याण सिंह जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो इस योजना पर तुफ़ानी तरीके से काम शुरु हो गया।<br />
</span><br />
<br />
<span style="font-size: small;"> साधु-सन्तों ने ठीक उसी तरह हिन्दु युवकों को बहकाया था जिस तरह आज कल कुछ मौलाना मासुम मुस्लिम युवकों को बहका कर <a href="http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/07/blog-post_12.html"><b>जिहाद</b></a> के लिये तैयार करते है। कुछ लोग कहते है की ये सब भावनाओं का बहाव था लेकिन यहां एक सवाल खडा होता है की सिर्फ़ साकेंतिक कारसेवा करने के लिये लाखों की तादाद में लोग फ़ैज़ाबाद पहुंच गये वो भी इतने कम वक्त में और इतने शोर्ट नोटिस पर??? देवराहा बाबा को दोषी कहे जाने के बाद से काफ़ी हो-हल्ला मच रहा है इस विषय पर जो लोग ऐतराज़ कर रहे है वो यही कह रहे है की देवराहा बाबा का देहान्त </span>19 जून 1990 को वृन्दावन में हुआ था और बाबरी विध्वंस 6 दिसम्बर 1992 को हुआ था तो इस प्रकार से कैसे उन्होने बाबरी विध्वंस में हिस्सा लिया??<br />
<span style="font-size: small;"><br />
</span><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5YrnT8TOXuDGdVz-yCtfDTvNYjSDQ25uutIlpwsAlo3YMX60j-GlS_j8FA-opb7b9E3iHf4CI9NIxsdy7JSGvVGPKDXcK9qO3YiY-tkz57bjEdcoXbWZRo_nUE-CBMfM8aV0nNeyxsVWA/s1600-h/Saint-Shri-Devraha-Baba.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5YrnT8TOXuDGdVz-yCtfDTvNYjSDQ25uutIlpwsAlo3YMX60j-GlS_j8FA-opb7b9E3iHf4CI9NIxsdy7JSGvVGPKDXcK9qO3YiY-tkz57bjEdcoXbWZRo_nUE-CBMfM8aV0nNeyxsVWA/s200/Saint-Shri-Devraha-Baba.jpg" /></a><br />
</div><span style="font-size: small;"> 9 मई, 2004 को विश्व हिन्दु परिषद के नेता अशोक सिंहल ने अटल बिहारी वाजपेयी जी को एक पत्र लिखा था उस पत्र में सिंहल ने लिखा है, <b>"जन्मभूमि के आन्दोलन में, जो आप सबके लिये मतव्रद्दि का भी कारण बना, एक भी उदाहरण नहीं जब कहीं अनुशासन भंग हुआ हो।...........6 दिसम्बर, 1992 को 450 वर्ष से निरंतर चले आ रहे संघर्ष का पटाक्षेप हो गया। राष्ट पर लगा कलंक हट गया।..........<span style="color: blue;">पूज्य परमहंस जी और भारत के भी प्रमुख संत उस समय अयोध्या में मौजुद थे। उनके अनुशासन में कारसेवकों यह कार्य किया</span> और<span style="color: red;"> पूज्य देवराहा बाबा का यह आदेश के पुलिस के सहयोग से यह ढांचा गिरेगा तो इसका मलबा बहा देना, इसका अक्षरश: पालन किया।</span> 40 वर्ष तक यदि मुकदमे का फ़ैसला नहीं होगा तो इसके अतिरिक्त मार्ग भी कुछ नही था।"</b></span><br />
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<span style="font-size: small;"><b> </b>इस पत्र की रोशनी में कई बातें साफ़ हो गयीं। पहली की आयोग के सामने जो बयान दिये गये की ये घटना कारसेवकों की भावनाओं का बहाव था वो सब झुठे थे। दुसरी की ये षडयन्त्र बहुत पहले बना लिया गया था क्यौंकि देवराहा बाबा का देहान्त बाबरी विध्वंस से 18 महीने यानि ढाई साल पहले हुआ था लेकिन फ़िर भी वो आदेश देकर गये थे </span><span style="font-size: small;"><b><span style="color: red;">"पुलिस के सहयोग से यह ढांचा गिरेगा तो इसका मलबा बहा देना,"। </span></b><span style="color: red;"><span style="color: black;">इस आदेश से साफ़ पता चलता है की बाबरी विध्वंस को भावनाओं का बहाव नही था बल्कि सोचा समझा और बहुत होशियारी के साथ तैयार किया गया षडयन्त्र था। इस विध्वंस के मुख्य षडयन्त्रकर्ताओं में देवराहा बाबा के साथ भारत के सभी प्रमुख सन्त शामिल थे।</span></span></span><br />
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<span style="font-size: small;"><span style="color: red;"><span style="color: black;"> </span></span><span style="color: red;"><span style="color: black;"><br />
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<h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"></span></h3><h3 class="post-title entry-title"><span style="font-size: small;"></span></h3><br />
<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com19tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-11251102815059723532009-12-07T08:30:00.001+05:302009-12-09T00:10:54.348+05:30बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट... Babri Demolition Minute By Minute<div class="separator" style="clear: both; text-align: left;">ये रिपोर्ट बाबरी विध्वंस के बाद 31 दिसम्बर 1992 को इंडिया टुडे में छपी थी। यहां इस रिपोर्ट को तस्वीरों के साथ स्कैन कर के पेश रहा हूं...ये रिपोर्ट दिलीप अवस्थी जी ने लिखी है।<br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />
</div><div style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKb3MFqpX1qYbLT9V8Z4mSvGv9XH8Ilk2wHvzZVMdFSpbAh-Nu2b278sxC8RKDkOZLCKpQK8-zf0bZ3J_pOn1LFjE3f-vJPmc-fQkHwXhHIZ6NrlUxiRTcoxPnD4NWUefTeFgu4_kOoL5p/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKb3MFqpX1qYbLT9V8Z4mSvGv9XH8Ilk2wHvzZVMdFSpbAh-Nu2b278sxC8RKDkOZLCKpQK8-zf0bZ3J_pOn1LFjE3f-vJPmc-fQkHwXhHIZ6NrlUxiRTcoxPnD4NWUefTeFgu4_kOoL5p/s320/Babri+Demolation+Picture-1.jpg" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1NfBXkQtc9jFivLxAgLyYGjgHQRKZcS_EqPupJLdzbUH9a2TQ_fHBcIgsl1TSvHKs4acqr-RQqOwestD5AUAwoyJa4tknKCXp2gsb1JmL2ctANvKVYnruoluk1gFSK5sEwLNqaMjlGeug/s1600-h/bm1.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1NfBXkQtc9jFivLxAgLyYGjgHQRKZcS_EqPupJLdzbUH9a2TQ_fHBcIgsl1TSvHKs4acqr-RQqOwestD5AUAwoyJa4tknKCXp2gsb1JmL2ctANvKVYnruoluk1gFSK5sEwLNqaMjlGeug/s320/bm1.gif" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinmkqQ82LXLIK3RcZsWb6zuU2qPyMEGJnxlnij_FE9s6Wgheq_PthKA26cm8M2C3mTuKuWSyt1iOkRQgvgY08MNMjTFJL_nrPherowEBru9cqZHGTp_d5JXEKr4vZ-cfFgAFGINLe0eYiB/s1600-h/bm2.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="251" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinmkqQ82LXLIK3RcZsWb6zuU2qPyMEGJnxlnij_FE9s6Wgheq_PthKA26cm8M2C3mTuKuWSyt1iOkRQgvgY08MNMjTFJL_nrPherowEBru9cqZHGTp_d5JXEKr4vZ-cfFgAFGINLe0eYiB/s320/bm2.gif" width="320" /></a><br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4NceQqA25tamjCNzQV5NVc06QHBurnSFyqNAVxqEUJvv0wTCYwPDOYfbxRxDC_z74rgRG_RKPUHzclNerSdUtwOvvXyIJAl6ye8UngUd0u3GX2BLtMxZpHN0oYGSMjQ-HyvQQQ5l9nIvq/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-2.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4NceQqA25tamjCNzQV5NVc06QHBurnSFyqNAVxqEUJvv0wTCYwPDOYfbxRxDC_z74rgRG_RKPUHzclNerSdUtwOvvXyIJAl6ye8UngUd0u3GX2BLtMxZpHN0oYGSMjQ-HyvQQQ5l9nIvq/s320/Babri+Demolation+Picture-2.jpg" /></a><br />
</div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMeGNAArWB4SmrUwS4boppreyUUsB-EE5sgfkkJPvFchkyT0HnV29ETzSCDA3tzPH9Of3B2ItTN3MrLEL6NrO72qMJnF407tGTg0h4C14aeM2O-_czDuTX-A3awxK66dDoIf3bW3GfJ7nP/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-3.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMeGNAArWB4SmrUwS4boppreyUUsB-EE5sgfkkJPvFchkyT0HnV29ETzSCDA3tzPH9Of3B2ItTN3MrLEL6NrO72qMJnF407tGTg0h4C14aeM2O-_czDuTX-A3awxK66dDoIf3bW3GfJ7nP/s320/Babri+Demolation+Picture-3.jpg" /></a><br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj651spt2NLnDOvmipXLbeCjelHd0dv1babpu1JYoz1b2UN_ZNN5OkiXvyg3IF5tGg1ayG40oa7x9rdNCJT2NPfshNwXGnv1FSLWN25K_leydg4JXFkueLUk0E7ESxShWBXtKEufF7rAh1Z/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-5.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj651spt2NLnDOvmipXLbeCjelHd0dv1babpu1JYoz1b2UN_ZNN5OkiXvyg3IF5tGg1ayG40oa7x9rdNCJT2NPfshNwXGnv1FSLWN25K_leydg4JXFkueLUk0E7ESxShWBXtKEufF7rAh1Z/s320/Babri+Demolation+Picture-5.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjEfdAfYoLZhYqx7V23TXh9nRgsACWf3R1xjDJ_5P2gaDL7JX45UYBaOsiMdFn0JKBTCtoZUXR-Rsanby6DoV19vQpN-nE0gDEm-nJ7hoY-vng4jFxo7r1nfaNMWCQkwfSVRDSK5s7tSdR/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-4.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjEfdAfYoLZhYqx7V23TXh9nRgsACWf3R1xjDJ_5P2gaDL7JX45UYBaOsiMdFn0JKBTCtoZUXR-Rsanby6DoV19vQpN-nE0gDEm-nJ7hoY-vng4jFxo7r1nfaNMWCQkwfSVRDSK5s7tSdR/s320/Babri+Demolation+Picture-4.jpg" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEizZmRoU40noUyy2280MqAt3LSXGeKdglZTuleJ8ywKppg1g-xChOdsgEmeBnwFnO069-OArAXA107YwwjGLKJs-Fdg3anKteqh1DkJXyvkP7-4kp1-TyY7Csm3AyvGWNqlrDKjusObn_gy/s1600-h/bm3.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="210" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEizZmRoU40noUyy2280MqAt3LSXGeKdglZTuleJ8ywKppg1g-xChOdsgEmeBnwFnO069-OArAXA107YwwjGLKJs-Fdg3anKteqh1DkJXyvkP7-4kp1-TyY7Csm3AyvGWNqlrDKjusObn_gy/s320/bm3.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKVr6SoVwcAzHO3b_2nV11Zv3-HjNdKkDFhFjQ4hHEJXVfySI8Lb7JynlMO1DsRaec-4gZ5G4G8FADLM5ngmRE0zDHD0gkFqio-OSDRPTYgE2Z7NmSjTujBY0lUmTNoBAg_2sri6fMrsaC/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-6.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKVr6SoVwcAzHO3b_2nV11Zv3-HjNdKkDFhFjQ4hHEJXVfySI8Lb7JynlMO1DsRaec-4gZ5G4G8FADLM5ngmRE0zDHD0gkFqio-OSDRPTYgE2Z7NmSjTujBY0lUmTNoBAg_2sri6fMrsaC/s320/Babri+Demolation+Picture-6.jpg" /></a> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjgVMeoHsn2Z_NqktC9mGo9mbgk6OvkoUBGZFGcPN9IKzLDIhx0pb-pgbxERdVsYM_g-e2fc1oVNS5_iJNgqvee8b2x6d9KI8s8yDx5GYEMlp0SI4JTsgUIuG_Itd9uzKqowuooUKvpb4IE/s1600-h/bm4.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjgVMeoHsn2Z_NqktC9mGo9mbgk6OvkoUBGZFGcPN9IKzLDIhx0pb-pgbxERdVsYM_g-e2fc1oVNS5_iJNgqvee8b2x6d9KI8s8yDx5GYEMlp0SI4JTsgUIuG_Itd9uzKqowuooUKvpb4IE/s320/bm4.gif" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgzt_yJ89VDU4KunM5BL1ZgKT0Uh5GOBZJciy7Hj0G_2kwEohpIw3JjC3ZgQJgkYAmp9qBM9ZwRhyphenhyphenpuXsrsoFW3X1I5QBN3MuDHj0N_xjnPQkKwPcKBkw_Kfc5Es3d2a5PhDx2qYZsRWLId/s1600-h/bm4a.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="162" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgzt_yJ89VDU4KunM5BL1ZgKT0Uh5GOBZJciy7Hj0G_2kwEohpIw3JjC3ZgQJgkYAmp9qBM9ZwRhyphenhyphenpuXsrsoFW3X1I5QBN3MuDHj0N_xjnPQkKwPcKBkw_Kfc5Es3d2a5PhDx2qYZsRWLId/s320/bm4a.gif" width="320" /></a> <br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><span id="goog_1260120221066"></span><span id="goog_1260120221067"></span><br />
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</div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBUG2cTjibw-Mf6M_C8D8MKebQD9ntm4199AfLgWaJJB4ciRHjd9SGBY18apnz3XTB6P_Dg604AHdqJC8LwBt2bGdu__L1t2iZVaLc4M-fV6_KK3ab_ZEy2_FmL-ji3NrznXX9-3jcUg-P/s1600-h/bm4b.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBUG2cTjibw-Mf6M_C8D8MKebQD9ntm4199AfLgWaJJB4ciRHjd9SGBY18apnz3XTB6P_Dg604AHdqJC8LwBt2bGdu__L1t2iZVaLc4M-fV6_KK3ab_ZEy2_FmL-ji3NrznXX9-3jcUg-P/s320/bm4b.gif" width="320" /></a><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5o7SeeKP8d-XgHVV3CFujwh1md_3-GzwOTESGHRivFsWsxvfBGvtNG47jcCSYxTi1pNBGaUgYUlunSy3QRXcRkO7HvCt06YIAaFyzRyMR1b_GOBTrV_l47ebSAjfE2jVwrp366Zqoa8s0/s1600-h/Babri+Demolation+Picture-7.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="194" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5o7SeeKP8d-XgHVV3CFujwh1md_3-GzwOTESGHRivFsWsxvfBGvtNG47jcCSYxTi1pNBGaUgYUlunSy3QRXcRkO7HvCt06YIAaFyzRyMR1b_GOBTrV_l47ebSAjfE2jVwrp366Zqoa8s0/s320/Babri+Demolation+Picture-7.jpg" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgvwtXT5FJf5ysW5gt8TKyI0ox61eeolFIC__bXEos_2AwmciXb4mIZsh4X2Ku593FECLm6aH29lGfJy7EKTiByAE0gjLgfU1yB-IuVChhH8mq03ZkdlRvgbD6mVQyf1Mitp86I6S6KVbNz/s1600-h/bm5.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="107" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgvwtXT5FJf5ysW5gt8TKyI0ox61eeolFIC__bXEos_2AwmciXb4mIZsh4X2Ku593FECLm6aH29lGfJy7EKTiByAE0gjLgfU1yB-IuVChhH8mq03ZkdlRvgbD6mVQyf1Mitp86I6S6KVbNz/s320/bm5.gif" width="320" /></a><br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhg2zNbE-tGW9GlCIAXXqohvynhXwEkCJJJeJaW0ghZX9xypNXYdFGhGsqiTZgMsok2TCSmg6byogNDEfqy994MkLnar3FTtgCV_oTWZP_yHnqZez_kwWVs68_UKZV4b9n6R2raAtkcSawV/s1600-h/bm6a.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhg2zNbE-tGW9GlCIAXXqohvynhXwEkCJJJeJaW0ghZX9xypNXYdFGhGsqiTZgMsok2TCSmg6byogNDEfqy994MkLnar3FTtgCV_oTWZP_yHnqZez_kwWVs68_UKZV4b9n6R2raAtkcSawV/s320/bm6a.gif" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjiN5fNUbQY0Qlpk0fUD3NRFjqyoph9PucKIuEueWLqKvtZ8KcyVR2_K9B4Rpxm_dgI8q4BRYGTMqwuZSHuBOjhu5vZoLTL2anNdoD3W-nLmijHLlsNWHYmvmhrrrXajl4UkSrQTYOlM_EG/s1600-h/ritam.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjiN5fNUbQY0Qlpk0fUD3NRFjqyoph9PucKIuEueWLqKvtZ8KcyVR2_K9B4Rpxm_dgI8q4BRYGTMqwuZSHuBOjhu5vZoLTL2anNdoD3W-nLmijHLlsNWHYmvmhrrrXajl4UkSrQTYOlM_EG/s320/ritam.jpg" /></a><br />
</div><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQ3A5lRbhA4fZAoC4qFYb1SZ7v9g6nZUX826O8NzCzG_wyUR5AK1jCEkD49FbMGHqIDe_KwUS4pdGmtB8v0Y1IlRIyO-MH593WMjS08Ji0lBZoL4GZbUoX06MgT74zOL11_U7S2QKy3qyO/s1600-h/bm6b.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="214" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQ3A5lRbhA4fZAoC4qFYb1SZ7v9g6nZUX826O8NzCzG_wyUR5AK1jCEkD49FbMGHqIDe_KwUS4pdGmtB8v0Y1IlRIyO-MH593WMjS08Ji0lBZoL4GZbUoX06MgT74zOL11_U7S2QKy3qyO/s320/bm6b.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj_8si2BqBbDs-XVJdlP0cZe-aFe8NdWFRG0agySctA2MM_FF_efYfWkxS_Ypqx_6gIH-k6ofsSW1i_HYKR8i-OoZvvbLEHKyUlwc2J8TqVzw4j4Wkaw3aYxbqnpXHJ7gts-mcX98KxS-GS/s1600-h/bm7.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj_8si2BqBbDs-XVJdlP0cZe-aFe8NdWFRG0agySctA2MM_FF_efYfWkxS_Ypqx_6gIH-k6ofsSW1i_HYKR8i-OoZvvbLEHKyUlwc2J8TqVzw4j4Wkaw3aYxbqnpXHJ7gts-mcX98KxS-GS/s320/bm7.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgn7diEUeZFGlBU4AlncJOw3iHV41SeOydCamx9_nmEXIDC08Nbq5mXMhOHIJg9s9KQvVEZr9rnF2BN-K8XFYvCToDLKGy0Av64JyPTOyCG8W7AFM15Nne_2Gj0vXEd4qjav2NDkAS_LciU/s1600-h/bm8.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgn7diEUeZFGlBU4AlncJOw3iHV41SeOydCamx9_nmEXIDC08Nbq5mXMhOHIJg9s9KQvVEZr9rnF2BN-K8XFYvCToDLKGy0Av64JyPTOyCG8W7AFM15Nne_2Gj0vXEd4qjav2NDkAS_LciU/s320/bm8.gif" width="286" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYAxr9SwdbTDhj-7Ms8IBNuGBXNa2pyYk7MYTruIcqHusMsQ1jKVjYmMiPs0HlAfgVNVrGrxwGLNEjOuYI_AEzCc5xZXXwd4BW9H_tD2N6qx8Fh-cSWk8Xutyn4G6_dq6E3B5WQpBmSF0V/s1600-h/bm9.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="111" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYAxr9SwdbTDhj-7Ms8IBNuGBXNa2pyYk7MYTruIcqHusMsQ1jKVjYmMiPs0HlAfgVNVrGrxwGLNEjOuYI_AEzCc5xZXXwd4BW9H_tD2N6qx8Fh-cSWk8Xutyn4G6_dq6E3B5WQpBmSF0V/s320/bm9.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEght4yldEQr46xly9Yx2cICBVQo_hoF1rC-RlbKL2yLFcN7AUDEvTetOEwp_3NMF1YFPcdCtN4JmhVMQQjE8VG7XUmg7W8tnDcA4qE6eBDQu0DfUcnPLZh1Cj7EAnwY8BNOdYBq9GKKuzvL/s1600-h/bm10.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="241" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEght4yldEQr46xly9Yx2cICBVQo_hoF1rC-RlbKL2yLFcN7AUDEvTetOEwp_3NMF1YFPcdCtN4JmhVMQQjE8VG7XUmg7W8tnDcA4qE6eBDQu0DfUcnPLZh1Cj7EAnwY8BNOdYBq9GKKuzvL/s320/bm10.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
</div><hr /><hr /><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZAeLifUT4ZZ5C7BuBORUcpuDVcbuB87o2XXQl5dZwM9B3ny2kKKJpgHBqRSKEdx8lLQnKb1L5pQGI-8MFDPDutlDvP8CaGNSZf-PrUgzkys5ybdKzeybpI0TVvqjMloRZ4UqAnKFOmDwD/s1600-h/bmvoca.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="252" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZAeLifUT4ZZ5C7BuBORUcpuDVcbuB87o2XXQl5dZwM9B3ny2kKKJpgHBqRSKEdx8lLQnKb1L5pQGI-8MFDPDutlDvP8CaGNSZf-PrUgzkys5ybdKzeybpI0TVvqjMloRZ4UqAnKFOmDwD/s320/bmvoca.gif" width="320" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiG4nfhyphenhyphen_FlfMozGSNCh3NSnYLwymUkv_HJo3yf_TjAyIM3zhEXty2SJmVY2RJSXZhC1GlkK731wYZLHcKrvavut_5yfXFkcmtyeR_6Da7F-k7ZiyLfTMubz3HT2Ihm4w6BuyGXABjb-VrQ/s1600-h/bmvocb.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiG4nfhyphenhyphen_FlfMozGSNCh3NSnYLwymUkv_HJo3yf_TjAyIM3zhEXty2SJmVY2RJSXZhC1GlkK731wYZLHcKrvavut_5yfXFkcmtyeR_6Da7F-k7ZiyLfTMubz3HT2Ihm4w6BuyGXABjb-VrQ/s320/bmvocb.gif" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEil_u2OoPuqaDd5siDX6siLHvhfzK6cP92ACVTYwS_NNindo_DBL8MTI731n7edrtk6KYIO_jsMUbt_k2wRixOPSzw91dU6bifvsUqVhv3DR0wk8p_rsiBvz9mtENdfe9na91WDzOaZABuw/s1600-h/bmvocc.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="248" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEil_u2OoPuqaDd5siDX6siLHvhfzK6cP92ACVTYwS_NNindo_DBL8MTI731n7edrtk6KYIO_jsMUbt_k2wRixOPSzw91dU6bifvsUqVhv3DR0wk8p_rsiBvz9mtENdfe9na91WDzOaZABuw/s320/bmvocc.gif" width="320" /></a><br />
</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfDnIpBAgqCYa53eZuAdAbQu5R5dcEw5bDeO5CjSpikem0YrNwaNEbTCNTOaXr90gS0WAgdsGLpiZyjAXimZq99d-ZDEKkLzkrbWCt0HUeLHXo2tKjWCMytg1G2THwGycw9SEsrLFbhyphenhyphenfp/s1600-h/bmvocd.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="271" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfDnIpBAgqCYa53eZuAdAbQu5R5dcEw5bDeO5CjSpikem0YrNwaNEbTCNTOaXr90gS0WAgdsGLpiZyjAXimZq99d-ZDEKkLzkrbWCt0HUeLHXo2tKjWCMytg1G2THwGycw9SEsrLFbhyphenhyphenfp/s320/bmvocd.gif" width="320" /></a><br />
</div><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com29tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-17097915273155045192009-12-06T08:58:00.001+05:302009-12-09T00:11:54.808+05:30पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... P.V. Narsimha Rao & Congress Was Also Guilty Of Babri Demolition लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट में भाजपा और संघ के लोगों को दोषी माना है बाबरी विध्वंस का लेकिन क्यौंकि ये रिपोर्ट कांग्रेस शासन में आयी है तो इस लिहाज़ से इसका असर उस पर पडना लाज़मी था और पडा भी. जस्टिस लिब्राहन ने अपनी लगभग एक हज़ार पेज की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव जी को निर्दोष माना है जोकि गलत है क्यौंकि पी.वी. नरसिम्हा राव जी को सब कुछ पता था और वो इस साजिश में दिली तौर पर शामिल थे।<br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivk8pxLzqLAj0KS_eLSzIJdW2VOjr5fjMdaT1Ra16i-_S0aAKsC6CeL57LYlx7-rgaxj97ifmJxj14FJuKAEp2ypMSixkko0mhMqldep9d63rP-NYbT0VXcHZQHj-7B6dk-3mz5QCF55Bm/s1600-h/Pamulaparthi+Venkata+Narasimha+Rao.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivk8pxLzqLAj0KS_eLSzIJdW2VOjr5fjMdaT1Ra16i-_S0aAKsC6CeL57LYlx7-rgaxj97ifmJxj14FJuKAEp2ypMSixkko0mhMqldep9d63rP-NYbT0VXcHZQHj-7B6dk-3mz5QCF55Bm/s200/Pamulaparthi+Venkata+Narasimha+Rao.jpg" width="131" /></a><br />
</div>उन दिनों केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी और पी.वी. नरसिम्हा राव जी प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री जी और केन्द्र सरकार बाबरी को बचाने के लिये कितना गंभीर था इसके बारे में फ़ैज़ाबाद के वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह जी बता रहें है उनके अनुसार, <b>"उन्होने इस संबंध में 27 नवंबर 1992 को ही प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह को बता दिया था कि बाबरी मस्जिद गिराने की पूरी योजना तैयार हो गई है। तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने जब पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार से इस्तीफ़ा दिया था, तो तीसरा मुद्दा इसे भी बनाया था कि मैंने फ़ैक्स ग्रह मंत्री को भेज दिया था, लेकिन सुरक्षा के लिये सरकार ने कोई कदम नही उठाया।"</b><br />
<a name='more'></a><b></b><br />
<br />
जब कल्याण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो दूसरे दिन अपनी मंत्रीपरिषद के साथ <b style="color: red;">"रामलला हम आए हैं, मंदिर यहीं बनाएगें"</b> की शपथ ली थी। इसी व्यक्ति ने विवादित ढांचे को बचाए रखने के बारे में राष्टीय एकता परिषद को वचन और सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दिया था। इन दोंनों शपथों में से एक को टुटना ही था। कल्याण सिंह ने पहली शपथ पूरी की। कारसेवकों ने अल्पसंख्यक धर्मस्थलों को निशाना बनाया, लेकिन इस संबंध में एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नही चलाया गया, न ही किसी को गिरफ़्तार किया गया। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आखिर प्रशासन की क्या मंशा थी। जब कारसेवकों ने बाबरी को गिराना शुरु किया, तब किसी पुलिस वाले के पास बंदुक नहीं थी।<br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhOtSVsvDtfzvFi-0s7M_lhLfuUchEp1_TAoBp9O12f7xr8kWd9qhhyphenhyphenx6D38Q516nLqYfK__TpPZMM-5sw0t3OmtG_pfOEXlR1PojQfzVwZyknfzv-FkBrQNSa7JLO2k3_ZkNgnoZvrZKEA/s1600-h/Babri+Demolation.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhOtSVsvDtfzvFi-0s7M_lhLfuUchEp1_TAoBp9O12f7xr8kWd9qhhyphenhyphenx6D38Q516nLqYfK__TpPZMM-5sw0t3OmtG_pfOEXlR1PojQfzVwZyknfzv-FkBrQNSa7JLO2k3_ZkNgnoZvrZKEA/s320/Babri+Demolation.jpg" /></a><br />
</div> बाबरी मस्जिद की रक्षा के प्रति केंद्र सरकार कितनी प्रतिबद्द थी, इसका पता दिन के 12 बजे ही चल गया था, जब केन्द्रीय सुरक्षा बलों को साकेत महाविध्यालय के पास से आगे जाने के बजाय वापस कर दिया गया था। कल्याण सिंह का इस्तीफ़ा पौने तीन बजे ही तैयार हो गया था। जब शीतला सिंह जी ने <b>प्रधानमंत्री को फ़ोन किया कि वह इस्तीफ़ा स्वीकार कर राष्टपति शासन लगाकर चाहें तो बाबरी के दो गुम्बदों को बचा सकते है, तो साढें बारह बजे तक निरंतर संपर्क में रहने वाले प्रधानमंत्री के सचिव ने बताया कि वह फ़ोन पर नहीं हैं, प्रयत्न करता हूं। तब फ़िर फ़ोन पर मंत्रिमंडलीय सहयोगी और प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि मैं पांच मिनट में बताता हूं लेकिन वह फ़ोन पर चार मिनट में ही लौटकर आए और कल्याण सिंह के प्रति नाराज़गी ज़ताई। उन्होने कहा, मैं इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं करुंगा, उन्हें बर्खास्त करुंगा। मैनें उसी समय कहा कि मंत्री जी, मैं इसके निहितार्थ जानता हूं आप बर्खास्तगी के लिए तीन घंटे का समय चाहते है, ताकि विध्वंस पूरा हो जाये लेकिन वह "नहीं" कहकर चुप हो गये।</b><br />
<br />
<b> </b>उत्तर प्रदेश में राष्टपति शासन छ्ह दिसंबर को रात 8:20 बजे लगा, जब बाबरी मस्जिद पूरी तरह शहीद हो चुकी थी, उसको ढहाने का काम पूरा हो चुका था। लेकिन अस्थाई मंदिर का निर्माण सात दिंसबर को दिन भर में राष्टपति शासन के दौरान ही हुआ। उस दिन मुसलमानों के गरों और मस्जिदों को निशाना बनाया गया। राष्टपति शासन के दौरान उत्पात मचाने वाले और आगज़नी करने वाले किसी भी एक व्यक्ति को गिरफ़्तार नहीं किया गया। आज भी उस घटना के खिलाफ़ कोई मुकदमा दर्ज नही हैं। कारसेवकों की अयोध्या से रवानगी के लिये स्पेशल गाडियों और बसों की व्यवस्था तो राष्टपति शासन के दौरान ही कराई गई।<br />
<br />
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल सत्यनारायन रेड्डी ने अपनी एक सप्ताह पहले की रिपोर्ट में साफ लिखा था कि अयोध्या में पूरी शांति है। नरसिंह राव की सरकार उसी रिपोर्ट को ब्रह्म वाक्य मानकर शांत बैठी थी। प्रदेश सरकार ने अर्ध सैनिक बल मांगे थे, लेकिन वे बैरकों में विश्राम कर रहे थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य अर्जुन सिंह दो दिन पहले अयोध्या तक गए थे। वहां की हालत को उन्होंने देखा था। उन्होंने प्रधानमंत्री को क्या कहा, यह अभी तक गोपनीय है। इस दुर्घटना के थोड़े दिन पहले उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बदले गए। निष्पक्ष महानिदेशक, जो गंभीरतापूर्वक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का वहां पालन कर रहे थे उन्हे हटाने से भी भारत सरकार चौकन्ना नहीं हुई।<br />
<br />
खेद है कि लिब्रहान आयोग ने एक हजार पृष्ठ की रपट में तत्कालीन केंद्र सरकार की गतिविधियों की कोई समीक्षा नहीं की है। विवादित ढांचे का पहला गुंबद गिरने के साथ ही प्रदेश सरकार बाहर हो गई। केंद्रीय सरकार को तत्काल पहल करनी थी। घंटों के परिश्रम से घटनास्थल का मलबा साफ होता रहा। उसके अवशेष खत्म किए जाते रहे, फिर से उसी स्थान पर मूर्ति रखकर कपड़े की छाजन से मंदिर बनता रहा, लेकिन केंद्र सरकार के प्रतिनिधि व रक्षा बल मूकदर्शक बने रहे। खेद है कि लिब्रहान आयोग ने केंद्र सरकार के गैरजवाबदेह, संदेहयुक्त रवैये की कोई चर्चा नहीं की है।<br />
<br />
भाजपा को नाराजगी है कि अटल बिहारी वाजपेयी का नाम नाहक घसीटा गया है। क्या वाजपेयी रामजन्म भूमि आंदोलन के शुरुआती दौर में ताला खोलो आंदोलन के समय सत्याग्रह में जेल नहीं गए थे? क्या आडवाणी की रथयात्रा का प्रारंभ उन्होंने खुद झंडी दिखाकर नहीं किया था? प्रारंभ में तो भाजपा कहती थी कि यह विहिप का आंदोलन है, मेरा इसे नैतिक समर्थन है। बाद में उन्हे इस आंदोलन से अपार जन समर्थन की उम्मीद जगी तो अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पूरी सहभागिता की घोषणा कर दी। क्या वाजपेयी उस बैठक में शामिल नहीं थे? रथयात्रा के समय बिहार के समस्तीपुर में आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापसी का पत्र लेकर राष्ट्रपति के यहां वाजपेयी नहीं गए थे? रथयात्रा रोकने की चर्चा पर क्या वाजपेयी ने बयान नहीं दिया कि यदि रथ रोका गया तो हम सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे? क्या विवादित ढांचे के ध्वंस के लिए जिम्मेदार नेताओं की रिहाई के लिए उन्होंने अनशन नहीं किया? फिर किस आधार पर उन्हे पाक साफ कहा जा सकता है। लिब्रहान ने उनकी सभी गतिविधियों की सम्यक समीक्षा तो नहीं की है, किंतु उनके संबंध में आयोग की सरसरी टीका को झूठा भी नहीं कहा जा सकता। वास्तविक स्थिति की समीक्षा पर कमीशन का ध्यान कम ही गया है।<br />
<br />
इस घटना के लिए संघ परिवार ही मुख्य जिम्मेदार है और भाजपा, विहिप, बजरंगदल के नेता उसकी कठपुतली मात्र, यह बात तो कोई भी समझता है। संघ परिवार से निपटने के लिए संसद और सरकार को क्या करना चाहिए, इसका कोई दिशा-निर्देश नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण तो है कि भारत सरकार भी आयोग के घरौंदे से बाहर जाकर इस सबसे बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के बारे में शांत है। उसकी एक्शन टेकेन रिपोर्ट आयोग की मूल संस्तुतियों को कहीं आगे नहीं बढ़ाती। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मनमोहन सिंह सरकार के अधिकांश वरिष्ठ मंत्री राव के भी सिपहसालार थे। जैसे उन सारी दु:खद घटनाओं पर तब मूकदर्शक थे आज भी वैसे ही हैं। लिब्रहान ने एक गंभीर सवाल को उठाया है कि शासन कर्तव्य पालन अफसरशाही के माध्यम से करता है और भारत का सरकारी अमला सांप्रदायिक आधार पर विभक्त है। जाति, धर्म, स्थान का बैरियर इतना जबर्दस्त है कि अपने कर्तव्यपालन में पूरी त्रुटि दिखाई देती है।<br />
<br />
बाबरी को शहीद करने में कांग्रेस का भी बराबर का हाथ था क्यौंकि सबसे पहले नेहरु जी ने बाबरी के विवादित परिसर के दरवाज़े का ताला खोला था। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमेशा परदे के पीछे से खेल खेला है बाबरी विध्वंस के बाद भाजपा की सरकार बनी, उन्हे नज़दीक में फ़ायदा हुआ लेकिन हमेशा के लिये मुसलमानों के वोट उनसे छिन गये जबकि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों की हिमायती बनकर अलग-अलग राज्यों में से मुसलमानों के वोट बैकं पर कब्ज़ा किया। बाबरी को गिराना दोनों चाहते थे लेकिन बस भाजपा और संघ ने ये सब खुलेआम किया और कांग्रेस ने परदे के पीछे से।<br />
<br />
तब से लेकर अब तक मुस्लमान और उसका वोट एक फ़ुट्बाल बन गया है जो इन नेताओं के द्वारा एक गोल से दुसरे गोल की तरफ़ ठोकर मारकर ले जाया जाने लगा है। जो अच्छा वक्ता है, जो अच्छा खिलाडी है वो मुस्लमानों की भावनाओं को भडकाकर, उनका इस्तेमाल करकर अपना उल्लु सीधा कर रहा है.....<br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<br />
<span style="font-size: small;">कुछ जवाबों के नीचे उनके पब्लिश करने का टाइम लिखा है जिस वक्त उन्हे मैनें अलबेला जी के ब्लाग पर किया है.... <br />
</span><br />
<span style="font-size: small;"></span><br />
<a name='more'></a><span style="font-size: small;"><br />
</span><br />
<span style="font-size: small;"><span style="background-color: yellow;">अलबेला जी कह रहे है की उन्होने मेरी टिप्पणियां रोकी नही थी.... मैनें झुठ नही कहा है....आप झुठ बोल रहे हैं....</span><b style="background-color: yellow; color: red;">मैनें आपके ब्लोग पर पहली टिप्पणी 22 नवम्बर को 11 : 03 PM पर की थी</b><span style="background-color: yellow;"> और </span><b style="background-color: yellow; color: blue;">जब 23 नवम्बर को 09 : 25 AM पर मैनें आपको दुसरी टिप्पणी की तब मेरी पहली टिप्पणी प्रकाशित नही हुई थी.......तब भी आपके लेख पर चार टिप्पणी थी....</b><br style="background-color: yellow;" /><br style="background-color: yellow;" /><b style="background-color: yellow; color: #38761d;">फिर 23 नवम्बर की रात को 9 बजे की आस-पास आपका ब्लाग खोला था तब भी मेरी टिप्पणीयां प्रकाशित नही हुई थी......</b><br style="background-color: yellow;" /><br style="background-color: yellow;" /><b style="background-color: yellow; color: red;">24 नवम्बर को सुबह 8 बजे तक आपने मेरी टिप्पणीयां प्रकाशित नही हुई थी.....उसके बाद मैनें 24 नवम्बर को दोपहर 1 बजे के लगभग आपका ब्लाग खोला था.....तब मुझे आपके लेख पर अपनी टिप्पणियां मिली थीं.....</b><br style="background-color: yellow;" /><br style="background-color: yellow;" /><span style="background-color: yellow;">और आप Google Analystic या FeedJit का Pro Version इस्तेमाल करते है तो आप मेरी बतायें गये टाइम को चेक कर सकते है.....उसमें आपको मेरी लोकेशन आगरा या मथुरा बतायेगा.....</span><br style="background-color: yellow;" /><br style="background-color: yellow;" /><br style="background-color: yellow;" /><span style="background-color: yellow;">November 26 02 : 59 Pm ये टिप्पणी मैनें आज तीन बजे की थी जो अब तक छपी नही है लेकिन Ratnesh Vidhuliyaa जी की 05 : 34 Pm की टिप्पणी प्रकाशित हो गयी है।<br />
</span></span><br />
<dl id="comments-block"><dt class="comment-author" id="comment-580401470901014291"> </dt>
<dt class="comment-author" id="comment-580401470901014291"><a href="http://www.blogger.com/profile/03636722347466866384" rel="nofollow">!! Ratnesh Vidhauliya !! </a> <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_25.html#comment-580401470901014291" title="comment permalink"> November 26, 2009 5:34 PM </a> <a href="http://www.blogger.com/delete-comment.g?blogID=303919957706694657&postID=580401470901014291" title="Delete Comment"> </a> </dt>
<dd class="comment-body">Excellent
</dd></dl><span style="font-size: small;"><span style="background-color: yellow;"></span></span><br />
<span style="font-size: small;"><br />
अब आपके सवालों के जवाब...<br />
<br />
<b>आपका पहला सवाल</b><br />
<br />
<b><span style="color: red;">"हम पूर्व दिशा की तरफ़ मुँह करके उपासना करते हैं तो तुम पश्चिम की ओर मुँह करके"</span></b><br />
<br />
आप तो अपने आपको बहुत बडे मास्टर कहते हो...क्या हुआ इतनी भी जानकारी नही है कि मुस्लमान काबे की तरफ़ रुख करके इबादत करते है......चाहे दुनिया में किधर भी हों....अब पूर्व वाला पश्चिम की तरफ़ मूंह करता है और पश्चिम वाला पूर्व की तरफ़.....<br />
<br />
<b>आपका दुसरा सवाल</b><br />
<br />
<b style="color: red;">"हम देवनागरी में बाएं से दायें लिखते हैं तो तुम उर्दू में दायें से बाएं"</b><br />
<br />
उल्टा आप लिखते हों...सारे शुभ काम दायें हाथ से करते हो लेकिन लिखना शुरु बायीं तरफ़ से करते हो......जबकि हम सारे अच्छे काम सीधे हाथ से करते है और लिखते भी सीधी तरफ़ से हैं..<br />
<b><br />
आपका तीसरा सवाल आपने उल्टा लिखा है.......मैं इसका जवाब सीधा दे देता हूं...</b><br />
<br />
<b style="color: red;">"हम पायजामा पहनते हैं तो तुम लुंगी"</b><br />
<br />
भाईजान आपको इतना भी नही पता की पायजामा और पठानी सलवार हिन्दुस्तान में आफ़गानीयों और मुगलों के साथ आयें है क्यौंकि अफ़गानिस्तान में ठंड बहुत ज़्यादा पडती तो वहां खुला कपडा नही पहना जा सकता है लेकिन अब आपने इसका नाम ले दिया है तो मैं तुलना कर देता हूं......<br />
<br />
लुंगी के बहुत सारे नुकसान है लेकिन पायजामे के नही...पायजामें को पहन कर आप कैसे भी बैठ सकते है..उकडु, पालती मारके, चाहे जैसें किसी भी हालत में आपकी शर्मगाह दिखने की गुंजाइश नही है<<br />
<br />
<b style="background-color: yellow;">November 26 07 : 37 Pm</b><br />
<br />
<br />
<b>आपका चौथा सवाल....</b><br />
<br />
<b style="color: red;">"हिन्दु कसाई जानवर को एक झटके में उसका वध कर देता है और आप धीरे-धीरे तडपां कर मारते हो"</b><br />
<br />
मैं ये नही जानता की आपको सांइस की कितनी जानकारी है और आपने बायोंलोजी पढी है या नही...लेकिन मैं आपको बता देता हूं...<br />
<br />
हर जानवर और इंसान के गले में से एक नस गुज़रती है जिसका काम दिमाग के संन्देश जिस्म के बाकी हिस्सों तक पहुंचाना होता है और ये नस हमारी खाने की नली जिसे "नरखला" कहते है उससे सटी हुई होती है....<br />
<br />
जब मुस्लमान कसाई जानवर को काटता है तो उसकी छुरी नरखले को काटती हुई उस नस को भी काटती है और जब तक वो नस नहीं कटती तब तक छुरी रुकती नही हैं....तो जानवर को दर्द का एहसास नही होता है क्यौंकि उसके दिमाग का जिस्म से कनेक्शन कट जाता है....और जिसे लोग तडपना कहते है वो उसके जिस्म की प्राक्रर्तिक प्रक्रिया है जो खुन के जिस्म से बाहर आने के दौरान होती है.....<br />
<br />
ये हर रिसर्च में साबित हो चुका है की "खुन में सबसे ज़्यादा बैक्टिरिया होते है और खुन में ही सबसे ज़्यादा बैक्टिरिया पैदा भी होते है"...तो जब मुस्लमान कसाई बकरे को हलाल करते है तो उसका नरखला और दिमाग की नस को काट्ने के बाद थोडी देर रुक जाते है तो इस दौरान बकरे के जिस्म में से सारा खुन बाहर आ जाता है....उसके बाद उसकी गरदन की हड्डी को काटा जाता है जिसके बाद जानवर की दिल की धडकन रुक जाती है......<br />
<br />
जबकि हिन्दु कसाई जानवर की गर्द्नन पर वार करता है जिसे <a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Spinal_cord"><b>Spinal Cord</b></a> कहते है जिसके कटने के साथ ही जानवर की दिल की धडकन रुक जाती है और सारा गन्दा खुन उसके जिस्म में रह जाता है जिससे बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ जाता है....<br />
<br />
हलाल करने से जानवर पहले Mentally Dead हो जाता है फ़िर Physically Dead होता है जिससे उसको दर्द का एहसास बिल्कुल भी नही होता है.....<br />
<br />
जबकि झटके से काटने पर जानवर पहले Physically Dead होता है और बाद में Mentally Dead जिसकी वजह से आखिरी वक्त तक उसको दर्द का एहसास होता रहता है....<br />
<br />
इस विषय में मै एक रिसर्च कर रहा हूं जो लगभग पुरी हो चुकी है.....मैं बहुत जल्द इस सम्बन्ध में दुनिया में हुई सारी रिसर्च का हवाला देते हुये एक लेख लिखुंगा....मैं उसका लिन्क आपको भेज दुंगा पढ लिजियेगा.....<br />
<br />
अब आप बतायें कौन ज़्यादा तडपाता है???<br />
<br />
और कौन सा मांस ज़्यादा हाईजीनिक है???<br />
<br />
<br />
<b>आपका अगला सवाल....</b><br />
<br />
<b style="color: red;">"हम मूंछ रखते है दाढी काटते है तो तुम दाढीं रख कर मूंछे काटते हो"</b><br />
<br />
आपने कभी बडी मूंछे वाले आदमी को खाना खाते या पानी पीते देखा है.......अगर नही देखा हो तो अब की बार ज़रा गौर से देखना...जब मूंछे वाला आदमी पानी पीता है तो पानी में उसकी मूंछे डुब जाती है वो मूंछे जिनके अन्दर दिन भर की धुल-मिट्टी और बैक्टिरीया जमा होते है......और ये सब चीज़े पानी के साथ उसके पेट में चली जाती है.......इस्लाम में जिस पानी में मूंछे डुब जायें वो पानी पीने लायक नही है उसे पीने से मना किया गया है जबकि दाढी से इस तरह की कोई परेशानी नही होती है.....<br />
<br />
आपके पास बहुत लम्बी लिस्ट है तो ऊपर वाले का करम है की मेरे पास जवाबों की कमी नही है और जवाब भी ऐसे है जिनको सुनने के बाद आप उस विषय पर कोई सवाल नही करेंगे......आज तक तो किसी ने पलट कर सवाल नही किया है.....<br />
<br />
रही बात उल्टा या सीधा पैदा होने की तो यही सवाल मै आपसे कर सकता हूं क्यौंकि इस्लाम में दुनिया के पहले इन्सान और औरत का ज़िक्र है.....कि उन्हे कैसे पैदा किया गया और फ़िर उसके बाद कैसे इन्सानों की आबादी बढाई.....जबकि सनातन धर्म के किसी भी ग्रन्थ में ऐसा कोई ज़िक्र नही है......तो इस लिहाज़ से मैं आपसे पुछता हूं कि आप लोग अपने पैदा होने का तरीका क्यौं नही बदल लेते हो????</span><br />
<br />
<span style="font-size: small;"></span><br />
<span style="font-size: small;"></span><br />
<span style="font-size: small;"></span><br />
<span style="font-size: small;">रही बात शायरों कि तो मैंने वो बताया जो इस्लाम में है......तीन लोगों की माफ़ी नही है....<br />
<br />
पहला ज़ीनाकार यानि जो किसी गैर-मर्द या औरत के साथ नाजायज़ जिस्मानी ताल्लुकात बनाये...........<br />
<br />
दुसरा शराबी या नशेबाज़<br />
<br />
तीसरा शायर......लेकिन शायर से ये मतलब नही है की हर शायर...अपने मेरे अलफ़ाज़ों को ध्यान से नही पढा....मैनें कहा था शायर की माफ़ी नही क्यौंकि वो महबुब को खुदा का दर्जा दे देते है.....<br />
<br />
कुरआन और हदीस में साफ़ कहा गया है कि इनकी माफ़ी नही है बाकी अल्लाह बहुत रहम वाला है......मैनें मीर और गालिब को नही पढा है तो कह नही सकता कि उन्होने किस तरह की शायरी की है और वैसे भी किसी के बख्शने या जन्नत में जाने का हिसाब करने वाला मैं कौन होता हूं.......हिसाब करने वाला तो अल्लाह है.......वो लोग लोग अपनी कब्र में गये है और मैं अपनी कब्र में जाऊंगा.........मुझे मेरे किये का सवाब और सज़ा मिलेगी और उन्हे उनकी.....<br />
<br />
और जिस लेख को लेकर आपने इतना बवाल किया पहले ये तो जान लेते की मैनें वो लेख लिखा क्यौं था???? आपने सिर्फ़ 22 टिप्पणियां लेकिन उन टिप्पणियों के जवाब भी पढ लेते तो शायद इतना बवाल नही होता.........और ना ही आपने उस सीरीज़ का आखिरी लेख पढा.........पहले पढे फ़िर बतायें...मैनें गलत कहा या सही...<br />
<br />
http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/11/if-you-worship-this-country-this-soil.html<br />
<br />
http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/11/as-in-hindu-sanatan-religion-to-make.html<br />
<br />
<br />
मैनें आपको गाली नही दी है...आप झुठा इल्ज़ाम लगा रहे हो...और अगर किसी और ने दी है तो आपने उस शख्स का ज़िक्र क्यौं नही किया.......मुझे तो कोई गाली नही मिली फ़िर भी आपको अगर किसी ने दी है तो आप उससे बात किजिये मुझसे क्यौं झगड रहे है?? और मेरे ब्लाग पर कोई मोडेरेशन या अपरुअवल वगैरह जैसा कुछ भी नही है .........ये आपको भी पता है तो बेकार का झुठा इल्ज़ाम नही लगाओं.....<br />
</span><br />
<br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com38tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-40465811189093799182009-11-25T20:11:00.002+05:302009-12-09T00:13:21.856+05:30अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी है... Atal Bihari Vajpayee Is Also Guilty Of Babri Demolitionकल लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट को सदन में पेश किया गया था जिसमें कुछ नया नही है सब पुरानी बातें जो हर हिन्दुस्तानी को पता है, कौन दोषी है?? किसने किया???? कौन था जिसने लोगों की भावनाओं को भडकाया?? कौन था जिसने ये सब प्लान किया?? बरहाल लिब्रहान आयोग नें आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी रितम्भरा, मुरली मनोहर जोशी प्रमोद महाजन, विनय कटियार, अशोक सिंहल और प्रवीण तोगड़िया सहित पर्दे के पीछे से इन सभी को 'हांकने' वाले संघ नेतृत्व को दोषी ठहराया है।<br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjF9WS9twliDlbEgTlYJhtqZZLZg8rGIfWrotV6CxyWd7217gXqwz6zMlMrvFNRM51csY-UaeKtubBhS-TqO7Tx0ugBGA7VAvsWEgBB5hC6EOJxoER0YEfn09fXscV0TZP6MEecvE_dNOVt/s1600/Atal+Bihari+Image.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjF9WS9twliDlbEgTlYJhtqZZLZg8rGIfWrotV6CxyWd7217gXqwz6zMlMrvFNRM51csY-UaeKtubBhS-TqO7Tx0ugBGA7VAvsWEgBB5hC6EOJxoER0YEfn09fXscV0TZP6MEecvE_dNOVt/s320/Atal+Bihari+Image.jpg" /></a><br />
</div>रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा ने अट्ल बिहारी वाजपेयी जी को दोषी ठहराने पर विरोध किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी भी दोषी है, अटल जी की छवि भारत में संघ द्वारा कुछ इस तरह की बनाई गई थी जिनके चेहरे पर एक मुखोटा लगा हुआ था जो कहता कुछ और था और करता कुछ और था।<br />
<br />
अटल जी को सब कुछ पता था की 6 दिसम्बर 1992 को वहां क्या होने वाला है क्यौंकि वो भी संघ के इशारे पर काम करने वालों में से थे...इसका बयान उन्होने खुद अमेरिका में विहिप के कार्यकर्ताओं के सामने अपने आपको संघ का निष्ठावान कार्यकर्ता बताकर किया था।<br />
<br />
<a name='more'></a><br />
<br />
अब मैं आपके सामने 5 दिसम्बर 1992 को अटल बिहारी वाजपेयी जी का लखनऊ की सभा में दिया गये बयान के कुछ अंश पेश कर रहा हूं.....<br />
<br />
<b><span style="color: blue;">"मुझे भी शाम तक इसमें पहुचंना था लेकिन ऐसा दिखता है कि कारसेवकों की उत्सुकता के कारण और कारसेवकों में लोगों की भीड की अधिकता के कारण बहुत से लोग पहुंच नही सकें। उन्हे भी कल अयोध्या के प्रस्थान करना है।......</span><br />
सुप्रीम कोर्ट ने जो फ़ैसला दिया है, उसका अर्थ मैं बताता हूं कि कारसेवा रोकना नही हैं, सचमुच में सुप्रीम कोर्ट ने हमें अधिकार दिया है कि हम कारसेवा करें। रोकने का तो सवाल ही नहीं है। कल कारसेवा करके अयोध्या में अदालत के किसी निर्णय की अवहेलना नही होगी। कारसेवा करके सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान किया जायेगा। यह ठीक है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक अदालत में लखनऊ की बेंच फ़ैसला नहीं करती, आप लोग निर्माण का काम मत करों। लेकिन <span style="color: red;">सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आप भजन कर सकते है, कीर्तन कर सकते हैं। अब भजन एक व्यक्ति नही कर सकता, भजन को सामूहिक होता है और कीर्तन के लिये तो और लोगों की आवश्कता होगी और कीर्तन खडें-खडें नही हो सकता, कब तक खडें रहेगें।.....वहां नुकीले पत्थरों पर तो कोई बैठ नहीं सकता। "ज़मीन को समतल करना पडेगा....बैठने लायक बनाना पडेंगा......यघ का आयोजन होगा तो कुछ निर्माण होगा। कम से कम वेदी तो बनेगी और मैं नहीं समझता कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है।</span> अगर भजन होता है, कीर्तन होता है, यघ होता है तो भजन-कीर्तन में लोग रुक सकते है क्यौंकि जाडे का मौसम है और दक्षिण के लोग आए है जिन्होने उत्तर की सोची थी कल्पना में? उनकी सुविधा के लिये शामियाना भी बन सकता है। कारसेवक इकट्ठे होकर निर्णय करें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लघंन कदपि न हो।.....</b><br />
<br />
<b> <span style="color: red;">मैं नही जानता कि कल वहां क्या होगा? मेरी अयोध्या जाने की इच्छा थी लेकिन मुझे कहा गया कि तुम दिल्ली जाओ।....... सर्वोच्च न्यायालय में मामला है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपना एक आब्ज़र्वेशन किया होगा ।..... मैनें उस दिन पार्लियामेंट में कहा था कि मुस्लिम समाज के कट्ट्ररपंथी शाह के खिलाफ़ लंदन की मस्जिदों से जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे और उनका आरोप था कि सऊदी अरेबिया का शाह अपने महल का विस्तार करने के लिए हज़रत पैगंबर साहब की समाधि से जुडा जो धर्मस्थल बना हुआ है उसको इधर-उधर खिसका रहा है।"</span></b><br />
<b></b><br />
<b></b><br />
<b><br />
<br />
</b><br />
इस भाषण के अंश को पढकर आप लोगों क्या लगता है क्या अब भी वाजपेयी जी को कुछ पता नही था??<br />
<br />
क्या उनका भाषण भडकाऊ और उकसाने वाला नही है??<br />
<br />
क्या वो इस साजिश से जुडे हुऐ नही थे???<br />
<br />
<br />
(<b style="color: red;">नोट :- </b>आज से मेरी इस विषय पर लेखों की सीरीज़ शुरु हो रही थी <b>बाबरी :- इतिहास, विवाद, विध्वंस और लिब्राहन आयोग </b>लेकिन कुछ तकनीकी परेशानी की वजह से वो लेख पब्लिश नही हो सका तो मैनें ये पब्लिश किया है)<br />
<br />
<br />
<br />
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<br />
<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
<br />
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<br />
<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-23506251953904406142009-11-24T20:34:00.001+05:302009-11-24T21:59:40.358+05:30डर गया अलबेला खत्री...36 घण्टे बाद छापी टिप्पणी/चैलेन्ज...अब बहाने बना रहा है.....मैरे ब्लाग <b><a href="http://qur-aninhindi.blogspot.com/">इस्लाम और कुरआन</a></b> पर वन्दे मातरम को लेकर बहस चल रही थी उसी कडी के <b><a href="http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/11/if-you-worship-this-country-this-soil.html">एक लेख</a></b> को पढकर अलबेला खत्री जी ने मेरे नाम <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_16.html"><b>चैलेन्ज</b></a> दिया....लेकिन वो भी कैसे दिया....अपने ब्लाग पर पोस्ट डाली....ना उसमें मेरा लिन्क ना ही मुझसे कोई सम्पर्क....24 घण्टे बाद उन्होने मुझे भगोडा घोषित कर दिया...<br />
<br />
जबकि मुझे उसके सिलसिले में कोई जानकारी थी नही...अवधिया चाचा ने कमेण्ट में बताया लेकिन लिन्क नही दिया....<br />
<br />
जब मुझे उनके लेख के बारे में पता चला तो मैने ये टिप्पणी की .....<br />
<br />
<dl id="comments-block" style="background-color: yellow;"><dt class="comment-author" id="comment-823591425560660234"><a href="http://www.blogger.com/profile/09323578684464948830" rel="nofollow">काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif </a> <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_17.html#comment-823591425560660234" title="comment permalink"> November 18, 2009 8:25 PM </a> <a href="http://www.blogger.com/delete-comment.g?blogID=303919957706694657&postID=823591425560660234" title="Delete Comment"> </a> </dt>
<dd class="comment-body"><b>तो अलबेला आप हैं जिसने हमारे नाम चैलेंन्ज दिया लेकिन भाईजान चैलेन्ज दिया है तो कम से कम हमारा दरवाज़ा बजाकर बता तो देते......कुछ नही तो एक टिप्पणी कर देते.... लेख पढा और टिप्पणी नही की.....बस चैलेन्ज दे दिया.....अपने ब्लोग पर आप चिल्ला रहे है तो हमारे पास कैसे आवाज़ आयेगी....हम तो सुबह से आपको ढुढं रहे है.... परसों सुबह अवधिया चाचा ने टिप्पणी की थी जो हमने आज सुबह देखी है...तब से आपको ढुढ रहे है...... रविवार से मेरा U.P.S. खराब था तो आज दोपहर को ही सिस्टम आन हुआ है...... आप ने अपने घर में खडे होकर चैलेन्ज किया....और अपने आप ही अपने आपको विजेता घोषित कर दिया.... तो ज़रा चैलेन्ज को रीपिट करेंगे.....<a name='more'></a></b>
<dl id="comments-block"><dt class="comment-author" id="comment-4659412109991084461"><a href="http://www.blogger.com/profile/09323578684464948830" rel="nofollow">काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif </a> <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_17.html#comment-4659412109991084461" title="comment permalink"> November 22, 2009 7:19 PM </a> <a href="http://www.blogger.com/delete-comment.g?blogID=303919957706694657&postID=4659412109991084461" title="Delete Comment"> </a> </dt>
<dd class="comment-body"><b>क्या बात है अलबेला जी....सारा देशभक्ति का नाटक सिर्फ़ टिप्पणियां पाने के लिये था क्या.....24 घन्टे गुज़रते ही सारा नशा, सारा सुरुर उतर गया.... अरे अपने ऊपर इतना भी भरोसा नही था की खुलकर चैलेन्ज भी कर देते....इतना डर लग रहा था क्या??? मेरा यु.पी.एस. खराब था उन दिनों इसीलिये मेरा लेख भी देर से प्रकाशित हुआ....लेकिन अगर आपको अपने ऊपर इतना यकीन था तो एक बार ई-मेल कर देते अल्लाह का करम है ई-मेल तो रोज़ चेक करते है...घर पर ना सही तो कैफ़े में जाकर लेकिन देखते ज़रुर है.....मेरा ई-मेल एड्रेस तो मेरे हर ब्लाग पर मौजुद है.....कुछ नही तो एक टिप्पणी ही कर देते....</b>
</dd></dl><br />
</dd></dl><br />
<br />
उसके बाद उन्होने कहा ये लेख लिखा.... इस लेख पर मैनें टिप्पणी की...तो वो टिप्पणी उन्होने 36 घण्टे बीत जाने के बाद छापी......<br />
<dl id="comments-block"><dt class="comment-author" id="comment-4985942508346374587" style="background-color: yellow;"><a href="http://www.blogger.com/profile/09323578684464948830" rel="nofollow">काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif </a> <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_9969.html#comment-4985942508346374587" title="comment permalink"> November 22, 2009 11:03 PM </a> <a href="http://www.blogger.com/delete-comment.g?blogID=303919957706694657&postID=4985942508346374587" title="Delete Comment"> </a> </dt>
<dd class="comment-body"><div style="background-color: yellow;"><b>अब ये बात फ़ोकट की हो गयी...इससे पहले तो बडा गरज रहे थे.....जब दो पोस्टों पर अच्छी तरह शाबाशी मिल रही थी तब तो ये बात फ़ोकट की नही थी..... क्या बात है "गन्दगी फ़ैलाने वाले पर पत्त्थर नही मारना क्या"??? अरे फ़िर गन्दगी तो फ़ैलती रहेगी... आपके उन दो लेखों से द्वेष नही फ़ैला????? अब द्वेष याद आ रहा है???? चलिये कोई बात नही आपने एक लेख लिखकर चैलेन्ज दिया वो भी सिर्फ़ 24 घन्टे के लिये.... एक चैलेन्ज मैं आपको देता हूं कि जब आप रोज़ी-रोटी कमा चुकने और दिन में पांच पोस्ट डालने के बाद अगर आपके पास वक्त बचे तो मुझसे उस चैलेन्ज पर जब चाहे आप बात कर सकते है.... और हां आपने 24 घन्टे का वक्त दिया था......मैं आपको 24 दिन का वक्त देता हूं....वैसे मैं इस चैलेन्ज की कापी आपको ई-मेल भी कर सकता हूं...आपने अपने घर में बैठकर चैलेन्ज दिया था...मैं आपको आपके घर में आकर दे रहा हूं....</b>
</div><div style="background-color: yellow;"></div><div style="background-color: yellow;"></div><dl id="comments-block" style="background-color: yellow;"><dt class="comment-author" id="comment-950610987131768270"><a href="http://www.blogger.com/profile/09323578684464948830" rel="nofollow">काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif </a> <a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_9969.html#comment-950610987131768270" title="comment permalink"> November 23, 2009 9:25 AM </a> <a href="http://www.blogger.com/delete-comment.g?blogID=303919957706694657&postID=950610987131768270" title="Delete Comment"> </a> </dt>
<dd class="comment-body"><b>तो अलबेला जी अगर आपको 24 दिन का वक्त कम लग रहा हो तो एक रास्ता और है मेरे पास..... बगैर कोई समय सीमा का......... आप जब सारे कामों से मुक्त हो जाये और आपके पास सारे सवालों के जवाब हो जिनसे लगता है की आप मुझे सन्तुष्ट कर सकें तो तब जवाब दे दीजियेगा..... लेकिन बराय महरबानी इस बार जवाब को मुझ तक ज़रुर पहुचां देना...अपने घर पर बैठकर जवाब मत देना.... इन दो आप्शन में से आप जो चाहे चुन लें...... </b>
</dd></dl><br />
<br />
<a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_16.html"><b>पहले लेख पर इन्हे 22 टिप्पणी मिली...</b></a><br />
<b> <br />
</b><br />
<a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_17.html"><b>दुसरे लेख पर इन्हे 29 टिप्पणी मिली...</b></a><br />
<b><br />
</b><br />
<a href="http://albelakhari.blogspot.com/2009/11/blog-post_9969.html"><b>तीसरे लेख पर उन्होने मेरी टिप्पणी जिसका चौथा नंबर था....पुरी 11 टिप्पणी आने के बाद छापी....36 घण्टे के बाद इन्हे याद आया की टिप्पणी प्रकाशित करनी है...</b></a><br />
<b><br />
</b><br />
अब जनाब लेख लिखकर कह रहे है की मेरे पास समय नही है...शुटिंग है...और दुसरे काम भी है... इन्हे चैलेन्ज देने का बहुत शौक है इससे पहले सलीम खान और उमर कैरानवी को दिया था लेकिन इस बार इन्होने गलत आदमी से पंगा ले लिया....बेवजह अडने वाले और मुझ पर झुठा इल्ज़ाम लगाने वाले को मैं छोडता नही हूं....<br />
<br />
<br />
पहले मुझे गन्दगी फ़ैलाने वाला कहा, मुझ पर पत्थर मारने की बात कही, फ़िर मुझे भगोडा और डरा हुआ घोषित कर दिया, फ़िर कह रहे है कि हंसो, हंसाओं.....द्वेष मिटाओं....<br />
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अरे चैलेन्ज करने का इतना शौक था तो जिसको चैलेन्ज कर रहे हो उसे बता तो दो.....अपने ब्लाग पर...अपने घर में कोई भी चैलेन्ज कर सकता है.......मैं ओसामा को ओबामा किसी को भी चैलेन्ज कर सकता हूं........अपने घर में खडे होकर, पीठ पीछे सब चीख सकते है....दम है तो सामने आओं....फ़िर बात करेगें....<br />
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इन जनाब ने <a href="http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/11/if-you-worship-this-country-this-soil.html"><b>मेरा लेख</b></a> पढा......उसमें इनके अनुसार मैनें गन्दगी फ़ैलायी थी, भद्दी और बेहुदा बातें कही थी.....जनाब ने उस लेख पर एक भी टिप्पणी नही की..........उसके खिलाफ़ लेख लिखा...उसमें भी उस लेख का लिन्क नही दिया.........<br />
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<b>मैनें एक चैलेन्ज आपको दिया है....एक बार फ़िर से दे रहा हूं...अगर दम है तो मैदान में आओं......</b><br />
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</dd></dl> <b> कि जब आप रोज़ी-रोटी कमा चुकने और दिन में पांच पोस्ट डालने के बाद अगर आपके पास वक्त बचे तो मुझसे उस चैलेन्ज पर जब चाहे आप बात कर सकते है.... और हां आपने 24 घन्टे का वक्त दिया था......मैं आपको 24 दिन का वक्त देता हूं....वैसे मैं इस चैलेन्ज की कापी आपको ई-मेल भी कर सकता हूं...</b><br />
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<b> </b><b>तो अलबेला जी अगर आपको 24 दिन का वक्त कम लग रहा हो तो एक रास्ता और है मेरे पास..... बगैर कोई समय सीमा का......... आप जब सारे कामों से मुक्त हो जाये और आपके पास सारे सवालों के जवाब हो जिनसे लगता है की आप मुझे सन्तुष्ट कर सकें तो तब जवाब दे दीजियेगा..... लेकिन बराय महरबानी इस बार जवाब को मुझ तक ज़रुर पहुचां देना...अपने घर पर बैठकर जवाब मत देना.... इन दो आप्शन में से आप जो चाहे चुन लें...... </b><br />
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<b>अल्लाह हाफ़ीज़</b><br />
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<a href="http://www.blogger.com/follow-blog.g?blogID=1246428020717928322" style="font-weight: bold;">अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!</a> <br />
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<a href="http://feedburner.google.com/fb/a/mailverify?uri=hamarahindustaan" style="font-weight: bold;">"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!</a>काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttp://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com42tag:blogger.com,1999:blog-1246428020717928322.post-88495629791258450222009-11-08T21:10:00.001+05:302009-11-08T21:15:02.141+05:30चीन का अंधरुनी हमला अवैध चीनी वर्कर खाते नौकरियां.. Chinese Inner Attack illegal Chinese Workers, Swamping the Worksites<div style="text-align: left;"></div><div class="" style="clear: both; text-align: left;">काफ़ी दिनों से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है और ये मुद्दा सबसे गरम है हर तरह सिर्फ़ इसी की चर्चा है। चीन काफ़ी वक्त से अरुणाचल प्रदेश के काफ़ी हिस्से पर अपना हक जता रहा है जबकि पुरा अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। ये तो हुई बाहरी हमले की बात अब हम लोग बात करते है अंधरुनी हमले की। बाहर सीमा पर चीन जो कर रहा है वो तो सबको दिख रहा है लेकिन हमारे देश और हमारे घर में ये चीनी कम्पनियां जो कर रही है उसकी तरफ़ किसी का ध्यान नही है।<br />
</div><div class="" style="clear: both; text-align: left;"><br />
</div><div class="" style="clear: both; text-align: left;"><br />
</div><div class="" style="clear: both; text-align: left;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEicZsH4KeNFJU0q1hFnfQaQCRhh2dmTzKX8ghZbnFN46RRAqVTZ-CIjJYsyFvhln9u6PUAieNGDDP5nEjbtTHDVrIqB9r8_FnaRQ21O0R_NBKMpyJYULMgRvP2oFAhjtuLucXjSeMaHfHe6/s1600-h/DSC01087.JPG" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEicZsH4KeNFJU0q1hFnfQaQCRhh2dmTzKX8ghZbnFN46RRAqVTZ-CIjJYsyFvhln9u6PUAieNGDDP5nEjbtTHDVrIqB9r8_FnaRQ21O0R_NBKMpyJYULMgRvP2oFAhjtuLucXjSeMaHfHe6/s320/DSC01087.JPG" /></a>चन्द्नन्कियारी नाम का गांव है बोकोरो, झारखंड में यहां पर कोलकाता की कम्पनी इलैक्ट्रोस्टील इन्ट्रीगेटेड लिमिटेड <b>Electrosteel Integrated Limited (EIL) </b>की स्टील फ़ैक्ट्री बन रही है यहां पर सुरज ढलने के बाद आपको विदेशी फ़िल्मों के चलने की आवाज़ सुनाई दे जायेगी और ये फ़िल्में <b>मंदरीन भाषा Mandarin </b>में होगीं और ये सब सुविधा वहां काम कर रहे हज़ारों चाइनीज़ कारीगरों के लिये है। ये नज़ारा हर दिन के आखिर में आपको देखने को मिल जायेगा।<br />
<a name='more'></a>बडे पर्दे पर रोज़ शाम को आराम करते हुये अपनी फ़िल्में देखना इनका तरीका है। ये लोग हमारे देश में अकेले नही है कई हज़ार चाईनीज़ कारीगर और वर्केर देश में जगह-जगह चाइनीज़ कम्पनियों द्वारा हासिल किये गये इंफ़्रास्ट्र्क्चर प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे हैं लेकिन ये नियुक्तियां बगैर विवाद के नही है यहां इन नियुक्तियों से विवाद जुडे हुये है। ये कम और आधे-अधुरे <b>(Unskilled & Semi-skilled)</b> कारीगरों का चीन से आयात भारतीय कारीगरों की नौकरी खा रहा है जो वैसे ही बेरोज़गार घुम रहे हैं।<br />
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</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br />
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चीनी कम्पनियों को भारत में बहुत से कांट्रेक्ट मिले है तो जितनी चीनी कम्पनियां हैं सबने अपने देश से कारीगरों को भारत बुला लिया है अपने देश से बेरोज़गारी को कम करने के लियें। एक अनुमान के अनुसार फ़िलहाल हमारे देश में कुल मिलाकर <b>25,000 चीनी कारीगर </b>है इन कारीगरों में सारे अच्छे कारीगर नही है बल्कि कुछ तो आधे-अधुरे <b>(Semi-Skilled)</b> और कुछ को तो काम बिल्कुल भी नही आता है यानी <b>(Unskilled)</b> है। एक साल से भी कम समय में तीन बार भारतीय और चीनी कारीगर आमने-सामने आ चुके है यहां अन्तर सिर्फ़ भाषा का नही है बल्कि चीनी और भारतीय कारीगरों को मिलने वाली मज़दुरी में भी है----भारतीय कारीगर को रोज़ <b>87 रुपये </b>मिलते है<b> </b>जबकि एक गैर-कानुनी तौर पर हमारे देश में मौजुद और काम कर रहे चीनी कारीगर को <b>1700 रुपये </b>रोज़ मिलते हैं। <b>भारतीय को कोई वर्दी नही होती है पर चीनी कारीगरों की वर्दी होती है चटकदार रंग की</b>---ये चीनी कारीगर <b>"एयर कंडीशन बैरक में रहते है जहां उन्हे टी.वी. और चीनी खाना" </b>मिलता है जबकि भारतीयों को ऐसा कुछ भी नही मिलता है---भारतीय को <b>काम के प्रति गैर-ज़िम्मेदार</b> कहा जाता है जबकि चीनी इसके विपरीत काम के प्रति <b>"ज़िम्मेदार और डेडलाईन औरियेन्ट्ड" </b>कहे जाते है।<br />
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<b>EIL </b>की चन्द्नकियारी, झारखंड में बन रही स्टील फ़ैक्टरी को बनाने का कांट्रेक्ट दो चीनी कम्पनियों को मिला है एक है <b>China First Mettallurgical Construction Company </b>और दुसरी है <b>23rd Metallurgical Construction Company. </b>इस कांट्रेक्ट की कीमत लगभग <b>11,000 करोड रुपये </b>है, ये प्लांन्ट <b>2,500 एकड </b>के इलाके में फ़ैलेगा और इसके जुन 2010 तक पुरा होने की उम्मीद है। काम इस साल मार्च में शुरु हुआ है और काफ़ी तुफ़ानी रफ़्तार से चल रहा है ताकि इस डेडलाइन तक काम पुरा हो सके इस काम करने <b>500 चीनी इंजीनियर और वर्कर </b>करीब 3,000 भारतीय वर्करों के साथ साइट पर काम कर रहे है फ़िलहाल इनकी गिनती 1,200 रह गयी है क्यौंकि अभी कुछ महीनों पहले भारतीय अफ़सरों ने अवैध विदेशी वर्करों के खिलाफ़ कारवाई की थी।<br />
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पकडे गये सारे अवैध वर्कर <b>"बिज़नेस वीज़ा" </b> पर भारत आये थे----<b>"बिज़नेस वीजा" </b>की शर्तों के अनुसार इस वीज़ा पर आया शख्स जो अपने हुनर में माहिर है वो यहां नौकरी नही कर सकता है। अब इस तरह दो परेशानियां खडी होती है पहली यह की चीनी लोग लगातार कम माहिर वर्करों (Semi-skilled) को माहिर (Skilled) बताकर हिन्दुस्तान भेज रहा है और दुसरी की बीजिंग में मौजुद भारतीय वीज़ा विभाग अपना काम ठीक से नही कर रहा है।<br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1-mVE2ymWtzvpnO8_6xkQopqKANluy1tRQPFEr0Gjnk-bMKWvB9o5oo8LlY4OSEJjZjw0iFx025XjRMwLplGLQe98IOccyWoGPTxHjXErpJyi19HqWTUmkrRlzrR5jHtdRRijc8khkqXI/s1600-h/DSC01092.JPG" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1-mVE2ymWtzvpnO8_6xkQopqKANluy1tRQPFEr0Gjnk-bMKWvB9o5oo8LlY4OSEJjZjw0iFx025XjRMwLplGLQe98IOccyWoGPTxHjXErpJyi19HqWTUmkrRlzrR5jHtdRRijc8khkqXI/s400/DSC01092.JPG" /><b> चीनी क्वाटर में खाने का समय.. Meal Time at the Chinese Quaters</b></a><b style="color: blue;">अलका आचार्य, एसोसियेट प्रोफ़ेसर आफ़ चायनीज़ स्टडीज़, दिल्ली जवाहरलाल नेहरु युनीवर्सिटी कहती है</b> :- <b>"चीनी कम्पनियां अपनी अनस्किल्ड लेबर को स्कील्ड लेबर दिखाकर हिन्दुस्तान ला रही है पर एक एजेन्सी होती है जो प्रमाणित करती है की कैसे वीज़ा जारी किया गया तो कहां है वो जानकारी जो एजेंसी और लेबर से जमा की गयी थी? अलका जी आगे पुछती है :- हमारे देश की सरकार को आज पांचवी स्टेज पर जो जांच कर रही है ये जांच तो उन्हे काफ़ी पह्ले पहली स्टेज पर ही कर लेनी चाहिये थी??""</b> इस विषय पर जब ग्रहमंत्री पी. चिंदबरम से बात की गयी तो उनका कहना था की अभी हाल में किसी चीनी अनस्क्लिड और स्किल्ड वर्कर को वीज़ा नही दिया गया। चलिये उनकी बात एक बार को मान ली जाये तो ज़रा अब आप <b>EIL </b>के स्टील प्लांट पर जाइये और अपनी आखों से देखिये वहां आपको लगभग सारे चीनी कारीगर सेमी-स्किल्ड काम करते मिलेंगें जैसे:- लोहे की राड को मोडना और काटना, आरी से लकडी काटना, डाईविंग तथा ऊंचे-ऊंचे खंबे खडे करना वगैरह-वगैरह। जबकि <b>प्लांट के डायरेक्टर आर.एस. सिंह का कहना है की यहां पर सारे कारीगर माहिर है, We have "skilled technicians of high quality". उनका कहना है कि "ये एक बार को बढई है लेकिन उनके अंदर इस प्लांट को बनाने की खास कला या खुबी है" </b>हालंकि उन्होने ये बात कुबुल की यहां जो 500 चीनी काम कर रहे है उनमें सिर्फ़ 150 के पास <b>"इंप्लायमेंट या जाब वीज़ा"</b> है उसकी वजह वो ये बताते है कि चीनी सरकार और भारत सरकार के बीच में टेंशन चल रही है तो <b>"इंप्लायमेंट या जाब वीज़ा" </b>मिलना<b> </b>इतना आसान नही है इसमें बहुत ज़्यादा वक्त लगता है क्यौंकि इसको मंज़ुरी ग्रहंमंत्रालय से मंज़ुरी चाहिये होती है।<br />
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</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0QfJmQooBEGDkyYTzxsMlB_PJIaREnHuXC4RYcT9gHhAE_Li6VgC1cbgdw3P8oYFoRXA8Tg_kfkr9d1Mn5Cwg7jyCtZWWgnhZ_fX5jumOyHw-L9ga-JhzeTtyT0RqSLyiBdyRBw7UyU1U/s1600-h/DSC01093.JPG" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><b></b></a><br />
</div>जबकि वर्कसाईट पर बहुत बुरा हाल है जितने चीनी वर्कर यहां पर हैं उनमें शायद ही किसी को हिन्दी या इंग्लिश आती है वहां एक-दो इंग्लिश बोलने वाले इंटर्प्रेटर है। बस इशारों से बात होती है एक हिन्दुस्तानी मज़दुर के अनुसार <b>"ये लोग बडी मुश्किल से इशारा करके बताते है की वो हम से कहां काम कराना चाहते है और आमतौर पर वो हमसे पाइप मंगाते है और हम राड लेकर आते है"। </b>चीनी<b> </b>कर्मचारियों की मौजुदगी से उन लोगों में बहुत टेंन्शन है जिन्होने प्लांट के लिये अपनी ज़मीन दी है और उसके बदले में उन्हे नौकरी नही मिली है। <b>अबुल अंसारी, झारखंड रैयत (ज़मीन देने वाले) संघर्ष समिति कहते है,:- जो काम चीनी लोग यहां कर रहे है जैसे बढईगिरी, बैल्डिंग वगैरह, ये काम तो हम लोग भी कर सकते है तो इन्हे क्यौं लाया गया है"??</b> संघर्ष समिति के सदस्य तथा आसपास के गांव वासी अकसर इस प्लांट के बाहर प्रर्द्शन करते रह्ते है लेकिन अगर आर.एस. सिंह की बात का यकीन करें तो इस साल के सुखे की वजह से बेरोज़गारी बहुत बढ गयी है।<br />
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इस प्लांट के अन्दर सब शांन्त नही है अभी इसी साल मई के महीने में हिंसा हो गयी थी जब एक हिन्दुस्तानी मज़दुर को छुट्टी करने पर सज़ा दी गयी थी, पुलिस को बुलाना पडा था लेकिन तब तक दोनों तरफ़ के मज़दुर घायल हो चुके थे। <b>EIL </b>के एक मज़दुर के अनुसार<b> "चीनी मज़दुरों में २५% हाथ के कारीगर है हमारे जैसे, उनके पास ऐसा कोई खास हुनर नही है जो हम उनसे सिख सकें"।</b><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0QfJmQooBEGDkyYTzxsMlB_PJIaREnHuXC4RYcT9gHhAE_Li6VgC1cbgdw3P8oYFoRXA8Tg_kfkr9d1Mn5Cwg7jyCtZWWgnhZ_fX5jumOyHw-L9ga-JhzeTtyT0RqSLyiBdyRBw7UyU1U/s1600/DSC01093.JPG" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0QfJmQooBEGDkyYTzxsMlB_PJIaREnHuXC4RYcT9gHhAE_Li6VgC1cbgdw3P8oYFoRXA8Tg_kfkr9d1Mn5Cwg7jyCtZWWgnhZ_fX5jumOyHw-L9ga-JhzeTtyT0RqSLyiBdyRBw7UyU1U/s320/DSC01093.JPG" /><b>एक चीनी सुपरवाईज़र अपने क्वाटर में. A Chinese Supervisor In his Quaters</b></a><br />
<b style="color: #cc0000;">इन</b><b style="color: #cc0000;"> चीनी वर्करों के रेसीडेन्शल एरिया चारदीवारी से घिरा हुआ बना है बिल्कुल एक आर्मी बेस की तरह, इसके अन्दर एयर कंडीशन बैरक बने हुये है, बास्केटबाल कोर्ट, चायनीज़ कैंन्टिन और केबिल टी.वी. तथा वो सब सुविधायें जिनके एक भारतीय मज़दुर ख्वाब देखता है"। "इन चीनी कारीगरों को रम और पानी की बोतलें मिलती है लेकिन भारतीय मज़दुरों के पास एक टुयुबवैल भी नही है"</b> ये<b> </b>भेदभाव आसपास के इलाके में बहुत परेशानी खडी कर रहा है...यहां टेन्शन बढती जा रही है।<br />
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बिल्कुल साफ़ है की चीनी जो सस्ते प्रोड्क्ट के लिये जाने जाते है इतने सस्ते में नही मिल रहे हैं पर भारतीय कम्पनियों को इससे कोई शिकायत नही है। आर.एस. सिहं ने सारी बातों को कुबुल करते हुये कहा की <b>"चीनी काफ़ी फ़ायदेमंन्द है ये इस प्लांन्ट को १५ महीने में तैयार कर देंगे जबकि इस प्लांट को एक भारतीय कम्पनी बनाने में आठ साल का वक्त लगाती"।</b> आर.एस.सिंह की बात से डी.एस.राजन, डायरेक्टर, सेन्टर फ़ार चायना स्ट्डीज़, चेन्नई, सहमती ज़ाहिर करते है <b>"चीनी एक जुट होकर काफ़ी अच्छा प्रर्द्शन करते है प्रोजेक्ट को वक्त पर पुरा करने के लिये जबकि भारतीय टीम के बजाय एकल रुप से काम करते है Indians tend to be more individualistic"</b><br />
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चाइनीज़ कम्पनियों को शायद ही अपने देश के कम पढे-लिखें और कम माहिर कारीगरों की ज़रुरत होगी लेकिन वहां की सरकार असली वजह है इस सबके पिछे चीनी सरकार द्वारा चलाई जा रही <b>"विदेश जाओ Go Abroad"</b> पालिसी। चीन में बढती बेरोज़गारी और देश के बाहर फ़ैलती चीनी कम्पनियों के काम को देखते हुये हुये ये पालिसी बनाई गयी है। भारतीय कम्पनियां भी इन्हे ही तरजीह दे रही है हमारे देश के मज़दुरी कानुन (???) की वजह से।<br />
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चीनी कारीगर अब प्राईवेट और सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे है-----एक तरफ़ मुकेश और अनिल अम्बानी की कम्पनियों के पावर प्रोजेक्ट्स इसके अलावा सरकारी पावर प्रोजेक्ट बंगाल में। दिल्ली इंटरनेश्नल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के अन्डर में 56 कारीगर शिशे की दीवार (Glass Curtains Wall) पर काम कर रहे हैं। DIAL के प्रवक्ता ने इस बात का कोई जवाब नही दिया की उन्होने और 140 चीनी कारीगरों के लिये अर्ज़ी क्यौं लगाई थी <b>(उस अर्ज़ी को सरकार ने ठुकरा दिया)</b> चीनी कारीगरों का एक दस्ता हिमाचल प्रदेश में एक सडक पर काम रहा था जिनकी गिनती को 80 से एकदम 10 कर दिया गया इस बात से एक बहुत बडा सवाल उठता है <b>"क्या सारे चीनी<span style="color: #cc0000;"> "इंजीनियर और टैक्निशिन"</span> है जिनकी कमी भारतीयों के द्वारा पुरी नही की जा सकती है</b>???<br />
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स्त्रोत :- आउटलुक<b><br />
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