शनिवार, 2 मई 2009

यू. पी. की लस्सी!!!

र्मी आ चुकी है और काफी जोर से आई है, इस तरह की गर्मी दिल और दिमाग को ठंडक देने के लिए लोग तरह - तरह के शीतल पेय इस्तेमाल करते है...आजकल तो सॉफ्ट ड्रिंक फैशन में हैं हर कोई गर्मी लगने पर इन्ही सॉफ्ट ड्रिंक्स का इस्तेमाल करता है जो किसी भी लिहाज़ से सही नहीं है, सेहत को फायदा होने के बजाये नुक्सान ही होता है. लेकिन हमारे हिन्दुस्तान में बहुत सारे ऐसे कुदरती शीतल पेय इस्तेमाल होते है जो बहुत फायदेमंद, बहुत स्वादिष्ट और बहुत ही ताकतवर होते हैं इन्ही शीतल पेय में से एक मशहूर पेय है "लस्सी". अब आप लोगो को यह बताने की ज़रुरत नहीं है की "लस्सी" कैसे बनती है और इसमें क्या - क्या चीजे इस्तेमाल होती है. "लस्सी" पंजाब की बहुत ही मशहूर है वहां की लस्सी का कोई मुकाबला नहीं हैं वहां तो तांम्बे का नौ इंच से लेकर बारह इंच तक का गिलास होता है, एक गिलास पीने के बाद और पीने का दिल करता है लेकिन पेट इजाज़त नहीं देता...

अब मैं आपको यू.पी. की लस्सी के बारे में बताता हूँ, यू.पी. में हर शहर में लस्सी अलग ही तरह से बनती है तो हम सबसे पहले शुरुआत करते है राजधानी से....

लखनऊ :- यहाँ स्टेशन से निकलने के बाद जब आप चारबाग चौराहे पर जायेंगे तो वहां आपको चार इंच के तश्तरी टाइप के कुल्ल्ड में पहले से बनाकर फ्रीज में रखी गयी लस्सी मिलेगी जिस पर ऊपर से वो थोडी सी रबडी, थोडा सा शरबत, कुछ सूखे मेवे डालकर एक चम्मच के साथ आपको देगा जो पीने वाली नहीं खाने वाली लस्सी लगती है. कीमत :- १८/- रूपये प्रति गिलास
शहर के अन्दर जायेंगे तो अमीनाबाद चौराहे पर आपको १२/- रूपये से लेकर २०/- तक का गिलास लस्सी का मिलेगा लेकिन यहाँ पर लस्सी पीने वाली होगी जिसके ऊपर दही की मलाई डाली गयी होगी.

कानपुर :- यहाँ पर दो तरह की लस्सी मिलती है पहली जो एक पतले पाइप की शक्ल वाले गिलास में मिलती जिसमे दही कम,बर्फ और पानी ज्यादा होता है लस्सी बनाने के बाद आधे गिलास के बाद ऊपर से दही के झाग बना कर दाल दिए जाते है. कीमत : - ४/- रूपये प्रति गिलास, यहाँ लखनऊ के जैसी जमी हुई लस्सी भी मिलती है,
और पीने वाली लस्सी का गिलास १२/- से १७/- रूपये तक का मिलता है.

फैजाबाद :- यहाँ पर गर्मी में बेल का रस ज्यादा पिया जाता है लेकिन यहाँ पर लस्सी सही मिलती है, कानपुर और लखनऊ के मुकाबले अच्छी मिलती है जो गिलास लखनऊ में १८ से २० रूपये का मिलता है यहाँ पर १५ रूपये का मिलता है.

बरेली :- यहाँ बस स्टैंड और स्टेशन पर वही पतली झाग वाली लस्सी मिलती है कीमत :- ५/- प्रति गिलास, लेकिन शहर के अन्दर लस्सी काफी ठीक ठाक मिल जाती है, कीमत भी लगभग वही है १२/- से १५/- रूपये प्रति गिलास

रामपुर :- प्याउओं का शहर रामपुर, यहाँ पर शहर में लस्सी बहुत कम जगह मिलती है लेकिन जहाँ मिलती है वहां लस्सी के अन्दर झाग काफी होते है और ऊपर से उसमे दही की मलाई डाली होती है, काफी पतली होती है क्यूंकि बर्फ डालकर उसे काफी देर तक फेटते है.... रामपुर स्टेशन के सामने ढाबे पर मिलनी वाली लस्सी इन सबसे बेहतर होती है....

सहारनपुर :- पंजाब के करीब होने की वजह से यहाँ पर पंजाबी काफी रहते है यहाँ की लस्सी में पंजाब की झलक दिखती है स्वाद के लिहाज़ से लेकिन क्या करें मंहगा ज़माना है बर्फ तो ज्यादा करनी पड़ती है मजबूरी है ग्राहक को ठंडी लस्सी मिल जाती है है हमारा भी काम हो जाता है, वो भी खुश है हम भी खुश !

मेरठ :- इस शहर की रबड़ी बादाम की लस्सी बहुत मशहूर है, घंटाघर चौराहे पर मस्ज़िद के नीचे एक दूकान है यहाँ पर रबड़ी बादाम की मशहूर लस्सी मिलती है, यह साहब बड़े अलग ही तरीके से इस को बनाते है पहले गिलास के अन्दर थोडी सी रबड़ी या खोये की बर्फी डाल देते हैं, फिर आधे गिलास में थोडी कम ठंडी और थोडी गाडी लस्सी डालते है फिर उसके बाद बाकी गिलास बहुत सारी बर्फ के साथ फेंट कर बाने गयी पतली लस्सी डाली जाती है, फिर उस पर दही की मलाई रख कर उस पर दो - तीन बादाम के टुकड़े रखे जाते हैं.... कीमत :- १५/- से १८/- रूपये प्रति गिलास, स्वाद कुछ ख़ास नही । काफ़ी पतली होती है इसीलिए अच्छी नही होती है लस्सी जब थोडी गाढ़ी हो तभी मज़ा आता है

मोहब्बत की नगरी, (आगरा) :- यहाँ की लस्सी का जवाब नही है, है तो पथरीला इलाका लेकिन यहाँ की बात ही कुछ और है शहर मे कहीं से भी आप लस्सी पी लीजिये आपको लस्सी गाढ़ी मिलेगी, मीठा बिल्कुल सही होगा जितना की लस्सी मे होना चाहिए, स्वाद ज़बरदस्त होता है और सबसे बड़ी खासियत जो कहीं नही है की यहाँ लस्सी बनाने से पहले दही की मलाई को बर्फ पर रख दिया जाता है जिससे वो बिल्कुल ठंडी हो जाती है तो जब लस्सी के ऊपर वो ठंडी मलाई रखी जाती है तो बस मज़ा ही आ जाता है..... कीमत १२/- से १५/- रूपये प्रति गिलास

3 टिप्‍पणियां:

  1. वाह पूनम जी अब मुझे लस्सी पीने का बड़ा मन कर रहा है.....आपने मेरी मम्मी की याद दिला दी!

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  2. अरुणा जी मेरे ब्लॉग "हमारा हिन्दुस्तान" पर १००वी टिप्पणी करने के लिए आपका धन्यवाद

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काशिफ आरिफ

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