शनिवार, 20 सितंबर 2008

इन्होने तो मुसलमानों को आतंकवादी और देशद्रोही साबित कर दिया !!

"अमिताभ बुधौलिया 'फरोग' जी" ने "भड़ास" और अपने ब्लॉग "गिद्ध" पर एक पोस्ट लिखी थी उसमे उन्होंने जो लिखा मैं उनकी भावनाओ की इज्ज़त करता हूँ लेकिन उन्होंने ना - ना करते करते आपने मुसलमानों को आतंकवादी और देशद्रोही साबित कर दिया, और बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद् की पुरी तरह से वकालत की है,
सिमी पर तो प्रतिबन्ध लगा हुआ है और सिमी ने जितने भी हमले किए उसमे से कोई भी हमला किसी धर्म विशेष पर नही था लेकिन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद् ने सिर्फ़ एक धर्म के लोगो और उनके धर्म स्थलों को निशाना बनाया है तो उन्हें कैसे धर्म निरपेक्ष कह सकते हो? आप लोग ही बताये उन पर प्रतिबन्ध क्योँ नही लगाया जाए?
इस्लाम क्या किसी धर्म में यह नही बताया गया है की दूसरे धर्म के लोगो को जीने ना दो, उन्हें और उन्हें धर्म स्थलों को तबाह कर दो.... इस्लाम तो अपने मानने वालो को कुरान में आदेश देता है की "दुसरो के माबुदो (उपास्यो) को बुरा ना कहो (सूरा-ए-अलंफाल : आयत-१०८) |' पाक कुरान में खुदा का हुक्म है, "जिसने एक बेकुसूर का कत्ल किया, गोया उसने सारी इंसानियत का कत्ल कर दिया सूरा-ए-अल्मायेदाह : आयत - 108) |' आख़िर यह कौन से जेहादी हैं और इनका कौन सा मज़हब है, जो बेगुनाह लोगो की जान लेने को इन्हे आतुर करता है | दिल्ली बम काण्ड को ले, तो यह बात समझ नही आती की क्या कोई सच्चा मुस्लिम, और वे भी रमजान के पाक महीने में ऐसा जघन्य पाप करेगा | साफ़ है, आतंक्वादियौं का कोई धर्म और ईमान नही होता |
आज मुस्लिम समाज में कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस्लाम की मानवतावादी शिक्षाओ से कोसो दूर हैं | ऐसे लोगो की गैर इस्लामी हरकतों से इस्लाम का नाम बदनाम होता होता है | इस्लाम का नाम बदनाम करने वाले आतंकवादी चाहे कश्मीर में हों, अफगानिस्तान में हों, पाकिस्तान में हों, अमेरिका में हों, या इंडोनेशिया में, ये सभी इंसानियत और मज़हब पर बदनुमा दाग हैं | इस्लाम अपने मानने वालो को ये आदेश भी देता है की बुढो, बच्चो और औरतों पर हथियार न उठाओ, किसी भी धर्मस्थल में बैठे हुए राहिबो व सन्यासियों पर हमला न करो | किसी ऐसे आदमी पर हमला न करो और ऐसे आदमी से न लड़ो, जो मुकाबला करने की हालत में न हो | मगर आतंकियों ने कभी इन नसीहतो को नही पढ़ा | सिर्फ़ नाम मुसलमान का और बाप - दादा के मुसलमान होने कोई मुसलमान नही हो जाता हैं,

इस्लाम एक आधुनिक धर्म है और धर्म से अधिक जीवन व्यतीत करने की कला है | इसीलिए एक आम मुस्लिम इन आतंकी हमलो की कभी हिमायत नही करता, मगर यह कुबूलने में कोई गुरेज़ नही की लगातार हो रहे आतंकी विस्फोटो के पीछे के तथाकथीत अक्स ने एक समूचे समुदाय के ऐतबार को चोट पहुचाई है |

इस्लाम को इन जेहादियों ने एक हिंसक रूप में पेश किया है, जबकि इसका नाता तो सूफी फलसफे से जुड़ा है और यह तलवार से नही, बल्कि सुफियान सोच और मोहब्बत से दुनिया भर में फैला है | पाक कुरान में तीसवें पारे (अध्याय) की सुरा-ए-अल्काफिरून में लिखा है, 'लकुम दिनोकुम वली यदिन' अर्थार्त तुम्हे तुम्हारा धर्म मुबारक, हमें हमारा धर्म मुबारक | कुरान में कहीं नही लिखा की दकाज़नी करो, खूरेंजी करो या दूसरो की जान लो | सच्चाई तो यह है की रहमदिली को इस्लाम का जौहर माना गया है |
कुछ लोग सवाल उठा सकते हैं की क्या कुरान के यह संदेश ओसामा बिन लादेन, मुल्ला उमर, मसूद अजहर आदि ने नही पढ़े होंगे? इसके जवाब में यह प्रश्न पुछा जा सकता है की क्या इस्लाम के असली ठेकेदार और मुल्ला यही लोग हैं? एक कहावत है, नीम हकीम खतरा ऐ जान और नीम मुल्ला खतरा ऐ ईमान | जेहाद का नाम लेकर बेगुनाह लोगो की हत्या कर रहे लोग शायद ये नही जानते की जेहाद का अर्थ हज़रात मोहम्मद ने अपने नफ्स (इन्द्रियों) से लड़ना बताया है |

3 टिप्‍पणियां:

  1. (सिमी ने जितने भी हमले किए वे किसी धर्म विशेष पर नही थे ) लेकिन हिदुस्थानी जी ये हमले हिन्दुस्थान पर तो थे किसी धर्म पर तो हमला शायद बर्दास्त हो सकता है लेकिन देश की अस्मित्ता पर केसे बर्दास्त किया जा सकता और सिमी तो दुश्मन ISI के कहने पर अपने ही घर में हमले कर रही है |
    आतंकवाद आतंकवाद ही है वो चाहे सिमी फेलाए या बजरंग दल या कोई और | और हाँ सभी मुसलमानों को आतंकी ठहराना गलत है ऐसा करके हम आतंकवादियों को मजबूत ही कर रहें है इस तरह के आरोप लगाने से लोगों को बाज आना चाहिए

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  2. Kuran k hisab SE science kya h... Kuran me duniya k tamam jeev jantu.. Planetes universe ka koi jikr ni h... Ye universe kisne bnaya... Mo sahb ne ya kisi aur ne

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  3. Kuran k hisab SE science kya h... Kuran me duniya k tamam jeev jantu.. Planetes universe ka koi jikr ni h... Ye universe kisne bnaya... Mo sahb ne ya kisi aur ne

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काशिफ आरिफ

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