अभी -- अभी ख़बर आई है की अहमदाबाद में १७ बम धमाके हुए है, कल बंगलोर आज अहमदाबाद... लीजिये धमाको का दौर शुरू हो गया है अब हम सब बैठकर तमाशा देखिंगे, पहले घटनास्थल पर जांच होगी, दो चार अफसर बयान देंगे की "हालात काबू में है, जान माल का ज़्यादा नुक्सान नही हुआ, हमारी फोर्स सब तरफ़ मौजूद है हमने देश में हाई एलर्ट घोषित कर दिया है, गुनाहगार बहुत जल्दी पकड़े जायेंगे. "
सबसे पहले इल्जाम लगाया जायेगा पाकिस्तान पर, फिर कहा जायेगा की अल- कायदा से जुड़े हुए किसी गिरोह का काम है, फिर हो सकता है की कोई टी.वी. चेनल दाऊद इब्राहीम का भी नाम ले दे...पुलिस जगह जगह छापे मारेगी और फिर कुछ लोगो को पकड़ कर जनता के सामने पेश कर देगी के इन लोगो ने ही बम धमाके किए थे, और हमारे हिन्दुस्तान की भोली भली जनता बगैर सच्चाई जाने उन लोगो को आतंकवादी मान लेगी..... चाहे वो कोई भी हो उन्हें कोई मतलब नही है .
और इन सब के बीच जिन लोगो का ये किया धरा है वो अपने घर के नरम सोफे पर बैठ कर शराब और चखने के साथ टी.वी. पर इस सब का मज़ा ले रहे होंगे,
और वैसे भी वो सब होना शुरू हो गया है जो वो करना चाहते थे की जो सरकार वो न गिरा सके वो सरकार जनता गिरा दे टी.वि. चेनलो ने सरकार के राज में कमी निकलना शुरू कर दी है और सारे पत्रकार अपने काम में लग गए है, क्यूंकि पिछले पाँच सालो में उन्होंने सरकार को गिराने की हर कोशिश करके देख ली लेकिन यह सरकार है की गिरती ही नही है, मनमोहन जी कुर्सी से फेविकोल लगाकर बैठ गए है हटते ही नही है.....
उन्होंने पहले रामसेतु को मुद्दा बनाया तो मनमोहन जी ने उसमे अपनी सरकार बचा ली फिर उन्होंने महंगाई को लेकर शोर मचाया जबकि पुरी दुनिया में महंगाई है फिर उन्होंने बहुत शोर मचाया फायदा क्या हुआ कुछ नही यहाँ भी वो बच गए.....परमाणु करार को लेकर कुछ उम्मीद बंधी थी उसमे कुछ कामयाब भी हो गए थे जब रास्ता आसान नही दिखा तो एक और चाल चली और संसद की इज्ज़त का कचरा कर दिया लेकिन उससे भी फायदा नही हुआ...
अब आख़िर में उन्होंने अपना तुरुप का इक्का निकाला है जिसने हमेशा काम किया है सरकार को गिराने का सबसे आसान और असरदार इलाज देश में आतंक फैला दो जनता अपने आप सरकार को दुबारा नही आने देगी......
अब आप लोग देखिये की कब तक यह धमाको का सिलसिला चलता है और किस किस शहर में सांप्रदायिक दंगे होते है......."The Countdown Begins"
यहां भी देखें
जवाब देंहटाएं