मै चुनाव होने के बाद से तबियत खराब होने की वजह से लिख नही रहा था, इस बीच हमेशा की तरह सब लोगो ने अपने - अपने पोल कराये....जिन्हे एक्ज़िट पोल कह्तॆ है ! कोई कह रहा था की युपीए को १९० सीट मिलेगी, कोई २०० बता रहा था, कोई २१० कह रहा था, कौग्रेस का पोल भी २२० कह रहा था, एनडीए का पोल कुछ कह रहा था, हर किसी को अपनी पडी थी, सबकॊ अपना भविष्य जानना था लेकिन क्या हुआ? कुल मिला कर जितने भी पोल हुए थे सब गलत गये हमेशा की तरह बिल्कुल वैसे ही जैसे मौसम की भविष्यवाणी गलत होती है ! वो भी रोज़ अनुमान लगाते है और होता है उसका उलटा. जिस दिन कहेंगे उसी दिन बारिश नहीं होगी......
अरे यार आदमी के दिमाग क्या भरोसा मै ऐसे बहुत से लोगो को जानता हूं जिन्होने घर से बूथ तक जाने मे अपना वोट किसी और को दे दिया, घर से कुछ और सोच के चले थे और वहां जाकर किसी और को वोट दे दिया.... जब हमेशा गलत होते हो तो फिर कोशिश क्यौं करते हो......चाहे वॊ चुनाव परिणाम हो या मौसम का हाल या किसी का भविष्यफल, यह सब हमेशा ही गलत जाता है लेकिन अपना भविष्य जानने की भुख उसे ऐसा बार - बार करने को कहती है.....मै इतने बरसों से देख रहा हूं लेकिन आज तक ना कोई एक्ज़िट पोल सही गया, ना उनके कहने पर बारिश हुई, ना ही मै वो बना जो मेरा हाथ देखने वाले बाबा ने कहा था.
मै इन बातॊ पर यकीन नही करता पर इसकी सच्चाई पता करने के लिये मै अक्सर अपना भविष्यफल देखता हूं लेकिन आज तक वो कभी नही हुआ जो भविष्यफल मे लिखा था.....एक बार भी नही हुआ
मै तो एक बात जानता हू कि अगर दिल लगाकर ईमानदारी के साथ अपने वर्तमान को सवारंने की कोशिश करते रहॊ तो भविष्य तो अपने आप सवंर जायेगा.
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काशिफ आरिफ