हमारे हिन्दुस्तान में भेड़ चाल बहुत मशहूर है । बिल्कुल यही हो रहा हो रियलिटी शोज़ में..... अब हिन्दुस्तान में कोई भी डॉक्टर या इंजिनियर नही बनना चाहता है सब लोग सिंगर, डांसर, और ऐक्टर बनना चाहते है .....पहले तो इसमे सिर्फ़ बालिग़ ही शामिल थे लेकिन अब इसके अंदर बच्चे, बड़े बुजुर्ग और परिवार भी शामिल होने लगे हैं ।
टीवी चैनल्स की पैसा कमाने की हवस ने हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल को मुश्किल में डाल दिया है । अब सब का दिमाग सिर्फ़ इसी चीज़ पर लगा हुआ है की हम कब कैसे किसी रियलिटी शो का हिस्सा बने लेकिन वो लोग उन लोगो का अंजाम भूल गए है लोग इन शोज़ का हिस्सा बन चुके हैं .....
Indian Ideol 1 के विजेता अभीजीत सावंत, रनर उप अमित साना,
Gurukul की विजेता जोड़ी काजी तौकीर और रुकमनी,
Indian Ideol 2 के विजेता संदीप,
बहुत लम्बी लिस्ट है साहब मैं कहाँ तक लिखूंगा क्या आप लोगो ने इन लोगो में से किसी भी सिंगर का गाना बॉलीवुड की किसी मूवी में पिछले एक या दो साल में सुना हो तो मुझे कृपया बता दे ......
हिन्दुस्तान के लोगो अब भी जाग जाओ आप लोग जानते हो की जब आप इन शोज़ में में वोट करते हो तो उनकी कितनी कमाई होती है एक संदेश से जो आप लोग भेजते हो मैं बताता हूँ.......
एक संदेश की कीमत आपसे आपकी मोबाइल कंपनी पाँच रूपये लेती है, उन पाँच रुपयों में से २ रूपये मोबाइल कंपनी को मिलते हैं और बाकी के तीन रूपये उस शो को कराने वाले लोगो को मिलते है और आप लोगो को क्या मिलता है कुछ नही, कुछ भी नही सिवाए इसके की आपका प्रतिभागी के खाते में एक वोट लिख जाता है ।
अब भी वक्त है क्योँ अपना कीमती पैसा, वक्त, इन बेकार चीजों में बरबाद कर रहे हो और साथ में अपने बच्चो का मुस्तकबिल बरबाद कर रहे हो ।
अच्छा लेख. लिखते रहिये. शुभकामनयें.
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उल्टा तीर
सही लिखा है भाई, टीवी वाले सबको बेवकूफ़ बना रहे हैं। मनोरंजन चैनलों की बात अलग है। मनोरंजन के चक्कर में बेवकूफ़ बनना बहुत आम बात है मगर ये जो मीडियावाले - न्यूज़ वाले कर रहे हैं वह तो अपराध है।
जवाब देंहटाएंमाफ कीजिए मैं खुद मीडियावाला हूं सच यही है....
बढिया प्रयास है आपका, धन्यवाद । इस नये हिन्दी ब्लाग का स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंशुरूआती दिनों में वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें इससे टिप्पणियों की संख्या प्रभावित होती है
(लागईन - डेशबोर्ड - लेआउट - सेटिंग - कमेंट - Show word verification for comments? No)
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अगर हिन्दुस्तानी डाक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहते तो ख़ुशी मनाइए..क्योंकि अज भी अस्सी फीसदी हिन्दुस्तानी पने मां बाप के दवाब के कारण डाक्टर या इंजीनियर बन्ने की दौड़ मैं शामिल रहते हैं..हमें व्हियो करना चाहए जिसमें रुचि हो.. हाँ रियल्टी शो को लक्ष्य बनाकर कुएं मैं छलांग लगाने से तो अच्छा की मां बाप की सुनी जाये..
जवाब देंहटाएंआपका लेख बहुत शानदार है... तेवर जारी रखिये हाँ, वर्ड वेरिफिकेशन हटा लीजिये
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जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है लिखते रहिये और अपने तेवर नही बदलियेगा .
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