हिन्दी ब्लोगिंग इस वक्त अपने चरम पर है, चिट्ठों की तादाद दिन ब दिन बढती जा रही है। कुछ दिनों पहले खबर आयी थी की हिन्दी चिट्ठों की संख्या 10,000 के लगभग पहुंच गयी है लेकिन मुझे लगता है की ये संख्या
बीस हज़ार के आस-पास बहुत जल्द पहुंच जायेगी। अब हिन्दी ब्लोगिंग से कमाई के रास्ते खुलने लगें, दैनिक अखबारों में भी अब ब्लोग कोना बन गया है लेकिन एक चीज़ है जिसकी कमी हिन्दी ब्लोग्गर्स को बहुत ज़्यादा खलती है और वो हैं "गुगल एडसेंस"।
गुगल ने सब हिन्दी ब्लोग्स पर "Monitize" का आप्शन दे तो दिया है लेकिन हिन्दी ब्लोग्स को एड अभी नही मिलते है। इसकी सबसे बडी वजह है हिन्दी ब्लोग्स की "गुगल पेज रेंक" जो हमेशा से हिन्दी ब्लोग की कमज़ोरी रही है।
शायद ही किसी हिन्दी ब्लोग की पेज रेंक "5" तक पहुंची हो हमारी पेज रेंक इसलिये नही बढती क्यौंकि हिन्दी पढने वाले लोग ही बहुत कम है लेकिन एक कमी को दुर करने का एक तरीका है। उसके लिये सारे हिन्दी ब्लोग्स को साथ आना होगा।
वो तरीका है "Meta Tags" में थोडा सा बदलाव.....
आप लोग सोच रहे है कि इस Meta Tag का पेज रेंक से क्या मतलब???
गुगल पेज रेंक कई चीज़ों को ध्यान में रख कर दी जाती है....
1. कितने पेज देखें गये महीने या दो महीने के अंतराल में,
2. कितने लोगों ने टिप्पणी की,
3. गुगल में कितनी बार आपके ब्लोग को सर्च किया गया,
4. तथा आपके ब्लोग के कितने बैकलिंक हैं
ऊपर की तीन चीज़ों के बारे में हम कुछ नही कर सकते है क्यौंकि ये सब हमारे लेखन पर निर्भर करता है लेकिन आखिरी चीज़ "बैकलिंक" के लिये हम कर सकते है।
हिन्दी ब्लोगिंग में Meta Tags की अहमियत बहुत कम लोगों को पता है। Meta Tags ब्लोग टेम्पलेट के region में होते है, Meta Tags में आमतौर से ब्लोग का टाइटल, वर्णन या Description, Keywords, किस पेज को सर्च इंजन द्वारा सर्च में दिखाना है और किसको नही दिखाना है वगैरह वगैरह।
1. सबसे पहले अपने Blogger अकांउट में लांग-इन करें,
2. Dashbord > Layout > Edit Html
ctrl+f करके ये कोड ढुंढे
यहां Meta Tag आपको इस तरह से लिखे मिलेंगें....
<title>TITLE_OR_NAME_OF_YOUR_WEBSITE</title>
<link href="mailto:YOUR_EMAIL_ADDRESS_HERE" rev="made"/>
<meta content="ALL_KEYWORDS_HERE_SEPARATED_BY_COMMAS" name="keywords"/>
<meta content="YOUR_NAME_HERE" name="author"/>
<b:if cond='data:blog.url == data:blog.homepageUrl'>
<meta content="GENERAL_DESCRIPTION_HERE" name="description"/>
</b:if>
<meta content="SEE_BELOW" name="ROBOTS"/>
इसमें जो आखिरी लाइन में आप SEE_BELOW लिखा देख रहे है इसको आपको
"- INDEX,FOLLOW " करना होगा इसका मतलब की इस पेज को सर्च में दिखायें तथा सारे लिंक्स को फ़ालों करे।
आप चाहें तो इसे index, follow बदले All भी कर सकते है दोनों का मतलब एक ही है।
Note :- अगर किसी के ब्लोग टेम्पलेट में Meta Tag ना हो तो वो यहां से कापी करके अपने टेम्पलेट में पेस्ट कर दें।
इससे फ़ायदा ये होगा की जब भी आप अपने किसी मित्र, दोस्त या दुश्मन के किसी लेख का ज़िक्र करेंगे तो उसके ब्लोग को एक बैकलिंक मिल जायेगा और यही काम आपके दोस्त या सारे हिन्दी ब्लोग्गर्स कर लें तो कुछ दिनों में ही आप सब अपने ब्लोग के बैकलिंक में बढोतरी देख सकते है। जैसा की मैने पहले ही कहा है कि सब लोगों को साथ आना होगा इसकी शुरुआत मैं कर चुका हुं। मैंने अपने सारे ब्लोग्स के Meta Tags में बदलाव कर दिया है।
अपने वर्तमान बैकलिंक की संख्या देखने के लिये
POPURI.US
पर क्लिक करें ये वेबसाइट आपको आपकी पेज रेंक, अलेक्सा रेंक, बैकलिंक सबकी जानकारी एक क्लिक मे दे देती है।
और कोई समस्या हो तो आप मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
अगर लेख पसंद आया हो तो इस ब्लोग का अनुसरण कीजिये!!!!!!!!!!!!!
"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!
nice blog ...cool stuff
जवाब देंहटाएंमुहतरम मुहब्बी भाई,
जवाब देंहटाएंअस्सलाम अल्लैकुम व्राह्मतुल्लाह वबराकाताहू !
मैं भी हमारी अंजुमन का एक अदना सा मेंबर हूँ.हाँ कुछ सबब हैं जिसके बायस मैं वहाँ फिलवक कुछ ताऊन दे पाने में क़ासिर हूँ. हाँ कमेन्ट करने की हत्तल इमकान कोशां रहता हूँ.
अंजुमन में ब्लॉग लिंक देने का रिवाज नहीं है.अच्छी बात है.
लेकिन बिरादरान !! आप लोग अपने ब्लॉग पर तो 'दीन-दुन्या' का लिंक बसद शौक़ दे सकते हैं.मैंने जितने लिंक मिल सके हैं देने की कोशिश की है.और हाँ कभी फुर्सत मिले तो वहाँ घूम भी आया करें, क्या ज़हमत होगी !! और वक़्त रहा तो चंद अलफ़ाज़ नवाज़ आयें, मैं फ़र्त -ए -मुसर्रत से झूम जाऊं !
उम्मीद की इस अदने सी गुज़ारिश को नज़र अंदाज़ नहीं किया जाएगा !
वस्सलाम
its really a nice post
जिन्दा लोगों की तलाश!
जवाब देंहटाएंमर्जी आपकी, आग्रह हमारा!!
काले अंग्रेजों के विरुद्ध जारी संघर्ष को आगे बढाने के लिये, यह टिप्पणी प्रदर्शित होती रहे, आपका इतना सहयोग मिल सके तो भी कम नहीं होगा।
=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=
सच में इस देश को जिन्दा लोगों की तलाश है। सागर की तलाश में हम सिर्फ बूंद मात्र हैं, लेकिन सागर बूंद को नकार नहीं सकता। बूंद के बिना सागर को कोई फर्क नहीं पडता हो, लेकिन बूंद का सागर के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। सागर में मिलन की दुरूह राह में आप सहित प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। यदि यह टिप्पणी प्रदर्शित होगी तो विचार की यात्रा में आप भी सारथी बन जायेंगे।
हमें ऐसे जिन्दा लोगों की तलाश हैं, जिनके दिल में भगत सिंह जैसा जज्बा तो हो, लेकिन इस जज्बे की आग से अपने आपको जलने से बचाने की समझ भी हो, क्योंकि जोश में भगत सिंह ने यही नासमझी की थी। जिसका दुःख आने वाली पीढियों को सदैव सताता रहेगा। गौरे अंग्रेजों के खिलाफ भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, असफाकउल्लाह खाँ, चन्द्र शेखर आजाद जैसे असंख्य आजादी के दीवानों की भांति अलख जगाने वाले समर्पित और जिन्दादिल लोगों की आज के काले अंग्रेजों के आतंक के खिलाफ बुद्धिमतापूर्ण तरीके से लडने हेतु तलाश है।
इस देश में कानून का संरक्षण प्राप्त गुण्डों का राज कायम हो चुका है। सरकार द्वारा देश का विकास एवं उत्थान करने व जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा खडा करने के लिये, हमसे हजारों तरीकों से टेक्स वूसला जाता है, लेकिन राजनेताओं के साथ-साथ अफसरशाही ने इस देश को खोखला और लोकतन्त्र को पंगु बना दिया गया है।
अफसर, जिन्हें संविधान में लोक सेवक (जनता के नौकर) कहा गया है, हकीकत में जनता के स्वामी बन बैठे हैं। सरकारी धन को डकारना और जनता पर अत्याचार करना इन्होंने कानूनी अधिकार समझ लिया है। कुछ स्वार्थी लोग इनका साथ देकर देश की अस्सी प्रतिशत जनता का कदम-कदम पर शोषण एवं तिरस्कार कर रहे हैं।
आज देश में भूख, चोरी, डकैती, मिलावट, जासूसी, नक्सलवाद, कालाबाजारी, मंहगाई आदि जो कुछ भी गैर-कानूनी ताण्डव हो रहा है, उसका सबसे बडा कारण है, भ्रष्ट एवं बेलगाम अफसरशाही द्वारा सत्ता का मनमाना दुरुपयोग करके भी कानून के शिकंजे बच निकलना।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के आदर्शों को सामने रखकर 1993 में स्थापित-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-के 17 राज्यों में सेवारत 4300 से अधिक रजिस्टर्ड आजीवन सदस्यों की ओर से दूसरा सवाल-
सरकारी कुर्सी पर बैठकर, भेदभाव, मनमानी, भ्रष्टाचार, अत्याचार, शोषण और गैर-कानूनी काम करने वाले लोक सेवकों को भारतीय दण्ड विधानों के तहत कठोर सजा नहीं मिलने के कारण आम व्यक्ति की प्रगति में रुकावट एवं देश की एकता, शान्ति, सम्प्रभुता और धर्म-निरपेक्षता को लगातार खतरा पैदा हो रहा है! अब हम स्वयं से पूछें कि-हम हमारे इन नौकरों (लोक सेवकों) को यों हीं कब तक सहते रहेंगे?
जो भी व्यक्ति इस जनान्दोलन से जुडना चाहें, उसका स्वागत है और निःशुल्क सदस्यता फार्म प्राप्ति हेतु लिखें :-
(सीधे नहीं जुड़ सकने वाले मित्रजन भ्रष्टाचार एवं अत्याचार से बचाव तथा निवारण हेतु उपयोगी कानूनी जानकारी/सुझाव भेज कर सहयोग कर सकते हैं)
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यालय
7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
फोन : 0141-2222225 (सायं : 7 से 8) मो. 098285-02666
E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in
आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.. चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है... हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी। मेरे पास संसाधन नहीँ है, जिनके लिए संभव है वे परस्पर मदद करेँ।
जवाब देंहटाएं....
http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0
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जवाब देंहटाएंभस्त्रिका प्राणायाम योग : रोजाना भस्त्रिका प्राणायाम करने से होते हैं कई फायदे (Bhastrika Yoga Breathing Exercise to Burn Fat for Natural Weight Loss & More)
- See more at: http://arogyasanjeevani.blogspot.in/2015/04/blog-post_28.html#sthash.U1TOqXaL.dpuf
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी आप ने
जवाब देंहटाएंhttp://atozforme.blogspot.in/ अप आये
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