हिन्दी ब्लोगिंग इस वक्त अपने चरम पर है, चिट्ठों की तादाद दिन ब दिन बढती जा रही है। कुछ दिनों पहले खबर आयी थी की हिन्दी चिट्ठों की संख्या 10,000 के लगभग पहुंच गयी है लेकिन मुझे लगता है की ये संख्या
बीस हज़ार के आस-पास बहुत जल्द पहुंच जायेगी। अब हिन्दी ब्लोगिंग से कमाई के रास्ते खुलने लगें, दैनिक अखबारों में भी अब ब्लोग कोना बन गया है लेकिन एक चीज़ है जिसकी कमी हिन्दी ब्लोग्गर्स को बहुत ज़्यादा खलती है और वो हैं "गुगल एडसेंस"।
गुगल ने सब हिन्दी ब्लोग्स पर "Monitize" का आप्शन दे तो दिया है लेकिन हिन्दी ब्लोग्स को एड अभी नही मिलते है। इसकी सबसे बडी वजह है हिन्दी ब्लोग्स की "गुगल पेज रेंक" जो हमेशा से हिन्दी ब्लोग की कमज़ोरी रही है।