कल मुख्यमंत्री मायावती सरकार ने मंहगाई पर मरहम लगाते हुए राज्ये मे पेट्रोल और डीज़ल पर टेक्स की दरे कम कर दी है । साथ ही रसोई गैस पर लगने वाले चार प्रतिशत कर को समाप्त कर दिया है । अब रसोई गैस ११.३५ रूपये प्रति सीलेंडरडीज़ल डेढ़ रूपये प्रति लीटर और पेट्रोल एक रूपये प्रति लीटर सस्ता होगा ।
प्रदेश सरकार ने डीज़ल पर दरो मे ४.८४ प्रतिशत और पेट्रोल मे २.३८ प्रतिशत कमी की है । मायावती जी ने टेक्स कम तो कर दिया है लेकिन मेरी समझ मे एक ये बात नही आ रही की राज्य सरकारों ने पेट्रो उत्पादों पर इतना टेक्स लगाया क्योँ है?
गौरतलब है की उत्तर प्रदेश मे जहाँ पेट्रोल पर २६ प्रतिशत टेक्स निर्धारित है, वहीं आन्ध्र प्रदेश मे ३३ प्रतिशत, बिहार मे २७ प्रतिशत, कर्नाटक मे २८, केरल मे २९.०१, मध्य प्रदेश मे २८.७५, महाराष्ट्र मे २८ और तमिलनाडु मे ३० प्रतिशत के दर पर वसूली की जा रही है ।
इसी तरह डीज़ल पर उत्तर प्रदेश मे कर की दर जहाँ २१ प्रतिशत है वहीं आंध्र प्रदेश मे २२.२५ प्रतिशत, केरल मे २४.६९, मध्य प्रदेश मे २८.७५, महाराष्ट्र मे २८ (मुम्बई मे ३३ प्रतिशत) और तमिलनाडु मे २३.४३ प्रतिशत की दर पर वसूली की जा रही है ।
अब आप लोग मुझे ये बताये की जब इतनी ज़्यादा दरो पर टेक्स की वसूली की जायेगी तो जनता को पेट्रोल उत्पाद कैसे सस्ते मिलेंगे यह बहुत नाइंसाफी है क्यूंकि जब पब्लिक को अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीजे सही दामो पर नही मिलेंगी तो इन सरकारों का क्या फायदा ????
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काशिफ आरिफ