नामक वेबसाइट का ज़िक्र किया है इस वेबसाइट पर कुछ जुते बिक रहे है इन जुतों पर गणेश जी,कृष्ण,ॐ,बुद्ध,मदर टेरेसा के चित्र, और अल्लाह लिखा हुआ है। उन तस्वीरों में से कुछ यहां पर देखिये
ये सीधा हम हिन्दुस्तानियों की आस्था पर आघात है, हम लोग चुप नही बैठेंगें हमें अपनी ताकत दिखानी होगी और अपना विरोध दर्ज कराना होगा। ये अपील सिर्फ़ हिन्दु-मुस्लिम से नही है ये अपील सारे हिन्दुस्तान से है। मैनें इस वेबसाइट को जब खंगाला तो इस वेबसाइट तक अपना विरोध पहुचानें के कुछ रास्ते मुझे मिले हैं। इस वेबसाइट की सारी डिटेल यहां पर है आप लोग जैसे चाहें अपना विरोध दर्ज करा सकते है।
Blog Address :- http://blog.zazzle.com/
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विरोध दर्ज कराने का सबसे आसान तरीका :-
इस लेख पर टिप्पणी कीजिये और आपकी टिप्पणी अपने आप इस वेबसाइट के दोनों ई-मेल ऐड्रेस पर पहुंच जायेगी तो आपसे गुज़ारिश है की इस लेख पर अपनी टिप्पणी हिन्दी तथा अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखें ताकि उस वेबसाइट के लोगों को भी समझ में आये और मेरे ब्लोग के पाठकों को भी समझ आयें।
इस विरोध को आगे तक ले जाने में अपना योगदान कीजिये और इस लेख को ई-मेल, शेयरिंग वेबसाइट के माध्यम से पुरे देश में फ़ैलायें ताकि जिन लोगों इस बारे में पता ना हो उन लोगों को भी पता चल जायें और वो लोग भी अपना विरोध दर्ज करा सकें।
जय हिंद,
"हमारा हिन्दुस्तान"... के नये लेख अपने ई-मेल बाक्स में मुफ़्त मंगाए...!!!!
अच्छा .... अब जब अल्लाह का नाम ले लिया है तो बवाल मचा रहे हो ... अब तक आप कहाँ थे जब आपके बिरादरी के M.F. Hussain गन्दगी फैला रहे थे ?
जवाब देंहटाएंभैया खूब समझते हैं आपकी चालाकी ... हम भारतीय आपके झांसे मैं नहीं आने वाले .... अब अकेले लडो उनसे ...
हमारी तो राम राम है
बामियान मैं जब बुद्ध की मूर्ति तालेबानी तोड़ रहे थे तब आप कहाँ थे कासिफ भाई ?
जवाब देंहटाएंधर्म चाहे कोई भी हो..जो बात गलत है...वो गलत है...हम सब को मिलकर इसका पुरज़ोर विरोध होना चाहिए...मैँ आपके साथ हूँ..
जवाब देंहटाएंAfsoos,
जवाब देंहटाएं@rakesh singh
BHAGWAAN aap ko acha rakhe
AAMEEN
काशिफ जी, माना कि इस प्रकार के किसी भी दुष्कृ्त्य का विरोध अवश्य होना चाहिए.....किन्तु मैं कहीं न कहीं राकेश जी के इस कथन से भी पूर्णत: सहमत हूँ कि ये विरोध का आह्वाहन अब क्यूँ,पहले क्यूँ नहीं......किसी अन्य विपरीत धर्म के धार्मिक चिन्हों,देवी देवताओं के प्रति अपनी कुठा निकालने हेतु ऎसे कारनामे(?)नित्यप्रति अंजाम दिए जाते रहे हैं....तब ये विरोध के स्वर क्यूँ नहीं सुनाई देते । हम लोग सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं तो आखिर किस मुँह से.......क्यों हम लोगों की कथनी और करनी में इतनी भिन्नता दिखाई पडती है..क्यों नहीं दूसरे के अपमान से अपना खून खौल उठता । जब स्वयं पर बीतती है तभी जाकर हमें आपसी भाईचारे ओर एकता का ख्याल क्यूँ आता है...उससे पहले क्यूँ नहीं ।
जवाब देंहटाएंएक बात आपसे कहना चाहता हूँ जो कि यहीँ चिट्ठाजगत से संबंधित है......आप एक सक्रिय ब्लागर हैं,नित्यप्रति देखते हैं कि ब्लागजगत में क्या हो रहा है। एक व्यक्ति जो कि नित्य किसी न किसी ब्लाग पर अपनी अभद्र टिप्पणी के कारण स्वयं तो उपहास का पात्र बन ही रहा है,साथ ही आपसी वैमनस्य को भी बढावा दे रहा है......क्या आपको उसका व्यवहार कदापि अनुचित नहीं लगता । यदि आप सचमुच ही एक जागरूक इन्सान है तो सबसे पहले विरोध तो उस व्यक्ति का करना चाहिए......जब अपने घर/गली-मौहल्ले में आकर कोई व्यक्ति अभद्र व्यवहार कर रहा है तो पहले विरोध तो उसी का करना चाहिए....देश,धर्म तो बाद की बात है।
आशा करता हूँ कि आप इस पर अवश्य विचार करेंगे........
हम राकेश और पंडित जी से सहमत है.
जवाब देंहटाएंभाई कोई नहीं आयेगा,वह बेरोजगार तक नहीं आया,जिसने यह खेल शुरू किया, जो यह भी नहीं कह सकता कि काम पर गया हुआ था, इन कुप्रचारियों आता भी नहीं कुछ ढंग का करना, लो करलो हमारा विरोध दर्ज, यह जूते जब तक इन्हें अपने प्रतीक चिन्हों के दिखाई दे रहे थे तो इनका खून खौल रहा था, जब बेरोजगार की डायरी के अगले पन्ने पर मैंने इस्लाम के प्रतीक चिन्ह भी लगवा दिये तो यह झाग बन गये, उस नियम पे चलकर कि हमारी बेइज्जती हो रही है तो मुसलमानों की भी हो रही है, शाबाश धर्मवीरो,
जवाब देंहटाएंहम और तुम एक और ग्यारह, करते हैं कुछ, कुछ ना कर सके तो दुआ हम करेंगें,
uturn:
इस वत्स नामी पण्डित जी ने मुझे एक बार लम्पट कहा था, तब मैंने इनके लेख पर 9 तारीख 9वां महीना 2009 को को 9 बजे 9 कमेंटस किये थे, जिन्हें इन्होंने धन्यवाद सहित कबूल किये थे, फिर अपने शागिर्दों के कहने पर उन्हें हटा दिया, तब से पगलाये हुये हैं दिन में 9 बार मुझे याद करते हैं, ऐसा लगता है अगले 99 साल तक अगर जिये तो कैरानवी को नहीं भूलेंगे और आगे से किसी को लम्पट भी नहीं कहेंगे,
यह राकेश सिंह को अब तो यही कह सकते हैं कि बामियान के समय में और आप ब्लागिंग में नहीं थे होते तो अनुचित कार्यवाही को रोकने का प्रयत्न करते,
@ राकेश जी,
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लोग पर आये और अपनी टिप्पणी दी उसका बहुत-बहुत शुक्रिया!
मैं अंग्रेज़ी में ब्लोगिंग पिछले छ्ह: साल से कर रहा हूं...हिन्दी ब्लोगिंग में मेरा आना अभी पिछले साल ही हुआ है...
कई बार मैं हिन्दी ब्लोंगिंग से दुरी बना चुका हूं वक्त और बिजली की कमी, इन्ट्र्नेट कनेक्शन खराबी की वजह से...... अभी पिछले कुछ महीनों से मैं लगातार सक्रिय हूं लेकिन वो भी सिर्फ़ अपने ब्लोग्स पर....
एक-दो ब्लोग्स ही ऐसे हैं जिन पर आपको मेरी टिप्पणी मिलेगी इन सब के पिछे वही वजह है ....वक्त और बिजली की कमी, इन्ट्र्नेट कनेक्शन खराबी,
अब जब हम ब्लोगिंग मे थे ही नही तो आपको क्या पता हमने विरोध किया या नही?????
मैंने एक चीज़ का विरोध किया तो आप इस विरोध में मेरा साथ देने के बजाय ये पुछ रहे की मैनें उन चीज़ो का विरोध क्यौं नही किया???????
ये तो वही बात हो गयी कि "अगर मैं विरोध नही करता तो कहते क्यौं नही किया??? क्या सो रहे थे???
अब किया है तो साथ देने के बजाय पहले का हिसाब मांग रहे है कि तब क्यौं नही किया????
शर्मा जी और राजीव....आप मेरे ब्लोग पर आये और अपनी टिप्पणी दी उसका बहुत-बहुत शुक्रिया! आप राकेश जी से सहमत है तो आपको भी मैं वही कहना चाहुंगा जो मैने राकेश जी को कहा है....
जवाब देंहटाएंजिन शख्स की बात आप कर रहे है वो मेरी बहुत इज़्ज़त करते है और मेरा कहा मानते है....मैं उनसे कई बार कह चुका हूं की पहले अपना घर साफ़ करो बाद में किसी और के बारे में सोचना....
पहले मुस्लमानों को "सच्चा मुसलमान" बना दो "काफ़िर खुद मुसलमान हो जायेंगे"....मैनें कह दिया और समझा दिया...
"मेरा काम खत्म हो गया"
@ काशिफ़ जी हमने तो किसी मुसलमान भाई को बामियान मैं बुद्ध मूर्ति तोडे जाने का विरोध तो नहीं देखा | पैगम्बर साहब का कार्टून बनाया था तो पूरा इस्लाम जगत सड़कों पे आ गया था ... M.F.हुसैन ने तो कार्टून से भी नीची हरकत की है .... कहाँ है इस्लाम जगत ? और M.F.हुसैन किसी और धर्म को नहीं बल्कि इस्लाम को मानता है | M.F. Hussain के against एक भी फतवा नहीं .... .... क्यूँ?
जवाब देंहटाएंचलिए कुछ देर के लिए आपकी बात पे भरोसा कर लिया | भुत काल को थोडी देर के लिए background मैं रखते हैं और वर्त्तमान पे आते हैं | आप जानते ही होंगे की जाकिर नायक ने किस तरह fake शंकराचार्य से इस्लाम का प्रचार करवा रहे हैं | नहीं जानते हैं तो यहाँ देख लीजिये : http://raksingh.blogspot.com/2009/10/blog-post_07.html . आपके भाई जी सलीम खान रोज हिन्दू ग्रन्थ का मजाक उडा रहा है ... उसे संस्कृत एक लाइन नहीं आती पर अपने आपको हिन्दू ग्रंथों का विद्वान् साबित करता है ... पूरा हिंदी ब्लॉग जगत परेसान है उससे ..... उनकी गन्दी करतूतों पे रोज दो-चार पोस्ट लिखे जा रहे हैं |
आपके लेवल का विरोध कीजये इन सलीम खान और जाकिर नायक का .... लेकिन ये भी आप नहीं करेंगे ... हिम्मत है तो खुले आम विरोध कीजिये सलीम खान और जाकिर नायक का ...
@ राकेश सिंह जी,
जवाब देंहटाएंये विडियों मेरे पास भी है.... आपने ये तो देख लिया कि शंकराचार्य ने क्या कहा लेकिन बाद में उनके बयान पर डां. ज़ाकिर नाइक ने क्या टिप्पणी की वो नही देखा.... मेरे पास इसका पुरा विडियों है वो मैं आपको भेजुंगा तब देखियेगा.... ज़ाकिर नाइक ने शंकराचार्य की कही हर बात को सही नही कहा है.... कुछ बातें है जिन्हे सही कहा है बाकी बातों में कमीं भी निकाली है............ये विडियो एक पब्लिक लेक्चर की है कहीं स्टुडियों में शुट नही की गयी है.......अगर आप कह रहे हो की ये शंकराचार्य नकली है तो आप इस बात को साबित करो........निकाल कर लाओं उस मठ का पता...
डां.ज़ाकिर नाइक से आप भी पुछों.....और मैं भी पुछुंगा.... उनकी वेबसाइट का पता है और नीचे उनके ई-मेल ऐड्रेस है जो मुझे उनकी वेबसाइट से मिले हैं...
www.irf.net
iis@irf.net
zakir@irf.net
अगर आपको कोई जवाब मिले तो मुझे बताइये अगर मुझे मिला तो आपको बताऊंगां
@ राकेश जी, मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि हिन्दुस्तान में कितने मठ है और एक वक्त में एक मठ में कितने शंकराचार्य है..???
जवाब देंहटाएंये विडियो तकरीबन 7-8 साल पुरानी है...अब पता कीजिये की सात-आठ साल पहले किस मठ में कौन-शंकराचार्य थे...
और अगर आप कह रहे है की कई लोगों ने ज़ाकिर नाइक से पुछा और कोई जवाब नही मिला लेकिन आपने कैसे यकीन कर लिया की किसी ने उनसे पुछा भी था या नहीं????
जहां तक मैं ज़ाकिर नाइक को जानता हूं वो हर सवाल का जवाब देते है...मैं आपको सारी डिटेल देता हूं आप उनसे खुद संम्पर्क कीजिये और मैं भी करता हूं देखते है कि जवाब आता है या नही...
IRF का पता :- 56/58 Tandel Street (North), Dongri, Mumbai :- 400 009
Phone No. :- (022) 23736875
Fax No.:- (022) 23730689
Website :- www.irf.net
E-mail Addresses :-
iis@irf.net
zakir@irf.net
islam@irf.net
आप यहां अपने ब्लोग पर हज़ार-दो हज़ार हिन्दुओं की चिंता कर रहे हो तो उनको बचाने के लिये हज़ार-दो हज़ार कोशिश कर लो या जानकारी करने के लिये हज़ार-दो हज़ार रुपये खर्च कर लो....
अगर आपको कोई जवाब मिले तो मुझे बताइये अगर मुझे मिला तो आपको बताऊंगां
आपकी बात सही है मैं आपकी बात से सहमत हूं.....
जवाब देंहटाएंTo,
ZAZZLE.COM
Please Remove This Shoes From Your Website it's Hurting Our Emotions
This is not the way the things should be.......Gods are meant to be love and their place always lies in our heart.
जवाब देंहटाएंWe should stand together at this moment of redemption and ensure that acts like this should be protested.
These people are stigma on the society and therefore these bastered should be taught a lesson for their lifetime.
JAI HIND.
सही कहा काशिफ़ आपने हम आपके साथ है....
जवाब देंहटाएंइस तरह की हरकतों से विश्व भाई चारे को ख़राब करने वाले लोग इंसानियत के दुश्मन हैं |
जवाब देंहटाएंऐसे लोग अपना " दीन -ओ-दुनियां " दोनों ख़राब कर रहे हैं |
डॉ. ग़ुलाम मुर्तजा शरीफ (अमेरिका)