शनिवार, 17 अक्टूबर 2009

दीपावली क्या है?? सारे हिन्दी ब्लोग्गर्स को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...!! What Is Deepawali??? A Very Happy Deepawali To All Hindi Blogger's..!!

 आज "दीपावली" है। दीपावली का अर्थ है दीपों की पंक्ति। दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लासपूर्ण था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए । कार्तिक मास की घनघोर काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। अधिकतर यह पर्व ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्तूबर या नवंबर महीने में पड़ती है। दीपावली दीपों का त्योहार है। इसे दीवाली या दीपावली भी कहते हैं। दिवाली अन्धेरे से रोशनी में जाने का प्रतीक है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दिवाली यही चरितार्थ करती है - असतो माऽ सद्गमय , तमसो माऽ ज्योतिर्गमय
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती है। लोग अपने घरों , दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन,सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता हैं। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा का सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।

 धार्मिक संदर्भ

दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियाँ हैं।

राम भक्तों के अनुसार दीवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध कर के अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी मे आज भी लोग यह पर्व मनाते है।  

कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए।  
एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए।

जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है।

सिक्खों के लिए भी दिवाली महत्वपूर्ण है क्यों कि इसी दिन ही अमृतसर में १५७७ में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। और इसके अलावा १६१९ में दिवाली के दिन सिक्खों के छ्टे गुरु हरगोबिन्द सिंघ जी को जेल से रिहा किया गया था।

नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्यों कि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शरू होता है।

पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली।

महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की।

दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे।

मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते थे।

शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लाल किले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।

पर्वों का समूह दीपावली


रंगोली
दीपावली के दिन भारत में विभिन्न स्थानों पर मेले लगते हैं। दीपावली एक दिन का पर्व नहीं अपितु पर्वों का समूह है। दशहरे के पश्चात ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती है। लोग नए-नए वस्त्र सिलवाते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का त्योहार आता है। इस दिन बाज़ारों में चारों तरफ़ जनसमूह उमड़ पड़ता है। बरतनों की दुकानों पर विशेष साज-सज्जा व भीड़ दिखाई देती है। धनतेरस के दिन बरतन खरीदना शुभ माना जाता है अतैव प्रत्येक परिवार अपनी-अपनी आवश्यकता अनुसार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। इस दिन तुलसी या घर के द्वार पर एक दीपक जलाया जाता है। इससे अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली होती है। इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं। अगले दिन दीपावली आती है। इस दिन घरों में सुबह से ही तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बाज़ारों में खील-बताशे , मिठाइयाँ ,खांड़ के खिलौने , लक्ष्मी-गणेश आदि की मूर्तियाँ बिकने लगती हैं । स्थान-स्थान पर आतिशबाजियों और पटाखों की दुकानें सजी होती हैं। सुबह से ही लोग रिश्तेदारों, मित्रों, सगे-संबंधियों के घर मिठाइयाँ व उपहार बाँटने लगते हैं। दीपमालादीपावली की शाम लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद लोग अपने-अपने घरों के बाहर दीपक व मोमबत्तियाँ जलाकर रखते हैं। चारों ओर चमकते दीपक अत्यंत सुंदर दिखाई देते हैं। रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों से बाज़ार व गलियाँ जगमगा उठते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखों व आतिशबाज़ियों का आनंद लेते हैं। रंग-बिरंगी फुलझड़ियाँ , आतिशबाज़ियाँ व अनारों के जलने का आनंद प्रत्येक आयु के लोग लेते हैं। देर रात तक कार्तिक की अँधेरी रात पूर्णिमा से भी से भी अधिक प्रकाशयुक्त दिखाई पड़ती है। दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पर्वत अपनी अँगुली पर उठाकर इंद्र के कोप से डूबते ब्रजवासियों को बनाया था। इसी दिन लोग अपने गाय-बैलों को सजाते हैं तथा गोबर का पर्वत बनाकर पूजा करते हैं। अगले दिन भाई दूज का पर्व होता है। दीपावली के दूसरे दिन व्यापारी अपने पुराने बहीखाते बदल देते हैं। वे दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की उन पर विशेष अनुकंपा रहेगी। कृषक वर्ग के लिये इस पर्व का विशेष महत्त्व है। खरीफ़ की फसल पक कर तैया हो जाने से कृषकों के खलिहान समृद्ध हो जाते हैं। कृषक समाज अपनी समृद्धि का यह पर्व उल्लासपूर्वक मनाता हैं।

परंपरा

अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दिवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं। सब मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनायी जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है। बड़े छोटे सभी इस त्योहार में भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दिवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं; नये कपड़े पहनते हैं। सब मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनायी जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है। बड़े छोटे सभी इस त्योहार में भाग लेते हैं।





आज जब ये लेख प्रकाशित होगा तब मैं आगरा से मुम्बई के लिये निकल चुका हुंगा। दिवाली के बाद आगरा में जुते का कारोबार हफ़्ते-दस दिन के लिये बिल्कुल बन्द हो जाता है तो थोडा छुट्टी मनाने के लिये मुम्बई-गोवा का प्रोग्राम बनाया है। दस - बारह दिन का प्रोग्राम बनाया है इंन्शाल्लाह आप लोगों के सम्पर्क में रहने की कोशिश करेंगे फ़िर भी हो सकता है कोई जवाब देने में देर हो जायें।

आप सब भारत वासियों और सभी हिन्दी ब्लोग्गर्स को मेरी तरह दिपावली और नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।


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14 टिप्‍पणियां:

  1. समझ का जलाएं दीप
    संवेदना की बाती से
    सहयोग के घृत में भिगो आओ ,
    हम सभी मनाएं उत्सव रौशनी का । * * * * * * * * * * * * * * * * * * जय हो , शुभ हो । - जसएकला

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  2. एक संशोधन! यह केवल हिन्दुओं का त्योहार ही नहीं, अपितु भारतीय त्यौहार है। संपूर्ण भारत इस से अछूता नहीं है। त्यौहार वैसे भी किसी धर्म विशेष के न होकर संपूर्ण मानवता के लिए हैं इन्हें किसी धर्म,जाति और संप्रदाय के लिए सीमित रखा जाना उचित नहीं!
    आप को दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  3. सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल 'समीर'

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  4. दीपोत्सव का यह पावन पर्व आपके जीवन को धन-धान्य-सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करे!!!

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  5. बहुत ज्ञानवर्द्धक आलेख रहा !!
    पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
    जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

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  6. बहुत ख़ूब कहा........

    आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की

    हार्दिक बधाइयां

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  7. आपको दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई.
    दीपक भारतदीप

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  8. बहुत बढिया ज्ञानवर्धक पोस्ट है।आभार।
    दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं

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  9. दीपावली के अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं.

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  10. दीपावली से जुड़ी हुई बहुत सी नई जानकारियाँ मिली...उनके लिए धन्यवाद...


    आपकी यात्रा मँगलमय हो... वहाँ से काजू लाएँ तो दो-चार मेरे नाम के भी खा लें :-)

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  11. इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए

    जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए

    हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए

    सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए

    चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए

    और सारे गिले-शिकवे भूल जाए

    सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई

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  12. आप सब मेरे ब्लोग पर आये उसका बहुत-बहुत शुक्रिया

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  13. दीपावली का त्यौहार, मुख्य रूप से उत्तर भारतीयों का त्यौहार है तथा उत्तर भारतीयों द्वारा ही धूम धाम से मनाया जाता है ।
    पश्चिमी भारतीयों द्वारा, खास तौर से गुजरातियों द्वारा दीपावली का त्यौहार मनाया तो जाता है, परंतु गुजरातियों के लिए, शारदीय नवरात्रों में, 9 दिनों तक तड़क भड़क एवं धूम धाम से गरबे खेल कर, इसे ज्यादा महत्व दिया जाता है ।
    इसी प्रकार, महाराष्ट्र में भी दीपावली का त्यौहार मनाया तो जाता है, परंतु गणेश पूजा को महाराष्ट्र में अधिक महत्व दिया जाता है ।
    बंगाल तथा पूर्वी भारत में भी दीपावली मनाई जाती है, परंतु वहां दुर्गा पूजा मुख्य त्यौहार है ।
    दक्षिण भारतीय लोगों के लिए, दीपावली कोई खास नहीं है । उन लोगों के अपने अपने त्यौहार हैं ।
    केरलवासियों में तो, दीपावली तथा किसी भी उत्तर भारतीय त्यौहार आदि मनाने की कोई प्रथा ही नहीं है ।

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काशिफ आरिफ

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