(वैधानिक चेतावनी :- ये लेख मैं लिखता नही लेकिन सुरेश चिपलूनकर जी के एक लेख के वजह से मुझे ये लिखना पड रहा है। ये लेख कोई साम्प्रदायिक्ता बढाने वाला लेख नही है. मैं इस लेख के माध्यम से लोगों के दिमाग पर पडी मिट्टी हटाना चाहता हूं )
इस साल १९ सितम्बर से नवरात्रे शुरु हुऐ थे.....२१ सितम्बर हो ईद थी। मैं आगरा के नाई की मण्डी श्रेत्र में रहता हूं और नाई की मण्डी में बी.एस.एन.एल की फ़ोन लाईन आगरा फ़ोर्ट और बिजलीघर की तरफ़ से आती है। ये लाईन बिजलीघर से चल कर मंटोला होती हुई सदर भट्टी होती हुई सीधे नालबंद चौराहे को निकल जाती है।
हर साल तीसरे या चौथे नवरात्रे को सदरभटटी चौराहे के पास खोजा हवेली पर पंडाल लगाकर पुरा रास्ता बंद कर दिया जाता है और वहां देवी की पुजा की जाती है और आजतक किसी ने इस पर ऐतराज़ नही किया हालंकि इससे जुता कारीगरों और व्यापारियों को परेशानी होती उनको बहुत घुम कर हींग की मण्डी जाना पडता है लेकिन ये बात सिर्फ़ एक-दो दिन की होती है इसलिये कोई कुछ नही कहता है।
धर्म, जात - पात को एक तरफ़ रख कर हिन्दुस्तान को एक सूत्र के पिरोने की कोशिश....
देशभक्त लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
देशभक्त लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
मंगलवार, 2 जून 2009
हमें नही चाहियें ऎसा राष्ट्ध्रम और ऎसी देशभक्ती..!!
मैं काफ़ी दिनों से देख रहा हू की इस हिन्दी ब्लोगिंग जगत को कुछ तुच्छ मानसिकता वाले हिन्दी ब्लोग्गर दो हिस्सो मे बाटनें मे लगे हुए हैं। इनके ब्लोग पर आपको हमेशा हिन्दुत्व के सम्बन्ध मे, भाजपा और संघ की तारीफ करती हुई पोस्ट मिलेगीं। मुझे उनके भाजपा या किसी और तारिफ़ करने से कुछ परेशानी नही हैं, परेशानी मुझे इस बात से है कि इनका हर लेख काग्रेंस, इस्लाम और मुस्लिम समुदाय की बुराई से शुरू होता है और सघं, भाजपा, और हिन्दुत्व की तारिफ पे खत्म होता है। इन सब के ब्लोग्स पर Comment Moderation लगा हुआ है, जो टिप्पणी इनको प्रकाशित करनी होती है उसे प्रकाशित करते है वर्ना जो टिप्पणी कुछ ज़्यादा ही इनके खिलाफ होती उसे ये पी जाते है, इनके लेख पढेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे की आप भाजपा या सघं के किसी नेता का भाषण सुन रहें है।
मैं काफ़ी दिनॊं से चुप था लेकिन अब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैने ये लेख लिखा है। इन ब्लोग्गर्स मे से प्रमुख है :- सुरेश चिपलूनकर जी, त्यागी जी, अरुन उर्फ पन्गेबाज़ जी। और इनके ब्लोग पर आपको जो इनकी हौसला अफ़ज़ाई करते मिलेगें उनमे प्रमुख है :- संजय बेंगाणी, ताऊ रामपुरिया, दिनेशराय द्विवेदी, अजित वडनेरकर, संजीव कुमार सिन्हा, शिव कुमार मिश्रा, महाशक्ति, ऋषभ कृष्ण, राज भाटिया, आदि। आपको किसी ब्लोग पर हिन्दुत्व की तारिफ करती या इस्लाम और कांग्रेस की बुराई करती कोई पोस्ट मिलेगी तो आपको उस पर इन लोगो की टिप्पणी ज़रूर मिलेगीं।
ये लोग अपने आप को देशभक्त और राष्ट-धर्म का पालन करने वाला बताते है और अगर इनहे सम्प्रदायिक कह दो तो इनको बहुत - बहुत बुरा लगता है। ये दुसरे लोगो यानी कांग्रेस और मुसलमानो को सेकुलर इस अन्दाज़ से कहते है जैसे गाली दे रहे हो, लेकिन मै इन "कथित" देशभक्तो से मै एक सवाल करना चाह्ता हू की देशभक्त कौन होता है? जो एक देश की बात करता है या जो सिर्फ़ एक धर्म या जाति विशेष के लोगो कि बात करता है। यह लोग इतने बेवकुफ तो नही है कि इन्हे पता न हो की ये हिन्दु राष्ट नही है, या की कितने बरसो से कितने धर्मों और सभ्यताओ के मानने वाले लोग हमारे इस देश रह्ते आ रहे हैं।
क्या आप लोग मेरे कुछ सवालो के जवाब देगें?
देशभक्त कौन होता है?
राष्ट-धर्म क्या होता है?
साम्प्रदायिक कौन होता है?
सेकुलर कौन होता है?
चलिये मै ही दे देता हु देशभक्त वो होता है जो हर हाल मे अपने देश और देशवासियों का भला चाह्ता है। हर हाल मे हर मुसीबत से अपने देश को बचाने कि हर सम्भव कोशिश करता है। राष्ट-धर्म भी यही कह्ता है की तुम्हारा राष्ट ही सर्वोपरी है बाकी सब बाद का है लेकिन इन लोगो को तो किसी चीज़ से कोई मतलब नही है।
साम्प्रदायिक उस शख्स या संस्था को कह्ते है जो सिर्फ एक धर्म या जाति की बात करती है चाहे वो कोई भी हो।
सेकुलर वो होता है जो हर जाति और धर्म के लोगो के भले के लिये काम करें।
मैने इन सबकी परिभाषा इसलिये बतायी है क्यौंकि ये जितने ब्लोगगर हैं वो सब ३५ वर्ष से ऊपर के हैं तो मुझे लगा शायद भूल गये हो इसलिये उनको याद करा दिया।
मेरी इन सब लोगो से गुज़ारिश है की महरबानी करके ये सब बन्द कर दें, इस ब्लोगिंग जगत और हमारे देश को दो हिस्सो मे ना बाटें। आज के युवा को सारी बीती बातें भूलकर आगे अपना भविष्य बनाने दें अगर वो इस तरफ लग गया तो फिर कुछ नही कर पायेगा।
इसलिये आज के युवा ने काग्रेंस को वोट किया था क्यौंकी वो विकास की बात कर रहें है राम-मन्दिर की नही।
अगर अब भी आप अपनी विचारधारा को सही मानते है तो फिर हमें ऐसा देशप्रेम और राष्ट-ध्रम नही चाहिये.......!!
मैं काफ़ी दिनॊं से चुप था लेकिन अब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैने ये लेख लिखा है। इन ब्लोग्गर्स मे से प्रमुख है :- सुरेश चिपलूनकर जी, त्यागी जी, अरुन उर्फ पन्गेबाज़ जी। और इनके ब्लोग पर आपको जो इनकी हौसला अफ़ज़ाई करते मिलेगें उनमे प्रमुख है :- संजय बेंगाणी, ताऊ रामपुरिया, दिनेशराय द्विवेदी, अजित वडनेरकर, संजीव कुमार सिन्हा, शिव कुमार मिश्रा, महाशक्ति, ऋषभ कृष्ण, राज भाटिया, आदि। आपको किसी ब्लोग पर हिन्दुत्व की तारिफ करती या इस्लाम और कांग्रेस की बुराई करती कोई पोस्ट मिलेगी तो आपको उस पर इन लोगो की टिप्पणी ज़रूर मिलेगीं।
ये लोग अपने आप को देशभक्त और राष्ट-धर्म का पालन करने वाला बताते है और अगर इनहे सम्प्रदायिक कह दो तो इनको बहुत - बहुत बुरा लगता है। ये दुसरे लोगो यानी कांग्रेस और मुसलमानो को सेकुलर इस अन्दाज़ से कहते है जैसे गाली दे रहे हो, लेकिन मै इन "कथित" देशभक्तो से मै एक सवाल करना चाह्ता हू की देशभक्त कौन होता है? जो एक देश की बात करता है या जो सिर्फ़ एक धर्म या जाति विशेष के लोगो कि बात करता है। यह लोग इतने बेवकुफ तो नही है कि इन्हे पता न हो की ये हिन्दु राष्ट नही है, या की कितने बरसो से कितने धर्मों और सभ्यताओ के मानने वाले लोग हमारे इस देश रह्ते आ रहे हैं।
क्या आप लोग मेरे कुछ सवालो के जवाब देगें?
देशभक्त कौन होता है?
राष्ट-धर्म क्या होता है?
साम्प्रदायिक कौन होता है?
सेकुलर कौन होता है?
चलिये मै ही दे देता हु देशभक्त वो होता है जो हर हाल मे अपने देश और देशवासियों का भला चाह्ता है। हर हाल मे हर मुसीबत से अपने देश को बचाने कि हर सम्भव कोशिश करता है। राष्ट-धर्म भी यही कह्ता है की तुम्हारा राष्ट ही सर्वोपरी है बाकी सब बाद का है लेकिन इन लोगो को तो किसी चीज़ से कोई मतलब नही है।
साम्प्रदायिक उस शख्स या संस्था को कह्ते है जो सिर्फ एक धर्म या जाति की बात करती है चाहे वो कोई भी हो।
सेकुलर वो होता है जो हर जाति और धर्म के लोगो के भले के लिये काम करें।
मैने इन सबकी परिभाषा इसलिये बतायी है क्यौंकि ये जितने ब्लोगगर हैं वो सब ३५ वर्ष से ऊपर के हैं तो मुझे लगा शायद भूल गये हो इसलिये उनको याद करा दिया।
मेरी इन सब लोगो से गुज़ारिश है की महरबानी करके ये सब बन्द कर दें, इस ब्लोगिंग जगत और हमारे देश को दो हिस्सो मे ना बाटें। आज के युवा को सारी बीती बातें भूलकर आगे अपना भविष्य बनाने दें अगर वो इस तरफ लग गया तो फिर कुछ नही कर पायेगा।
इसलिये आज के युवा ने काग्रेंस को वोट किया था क्यौंकी वो विकास की बात कर रहें है राम-मन्दिर की नही।
अगर अब भी आप अपनी विचारधारा को सही मानते है तो फिर हमें ऐसा देशप्रेम और राष्ट-ध्रम नही चाहिये.......!!
सदस्यता लें
संदेश (Atom)