दीवाली के दिन मैने पिछ्ली पोस्ट लिखी थी...तब से छुट्टी पर चल रहे है! पहले दिल्ली के रास्ते बांम्बे...!!!! (अरे गलती हो गयी माफ़ी चाहता हूं राज ठाकरे जी) मुम्बंई फ़िर महाब्लेश्वर होते हुये गोवा और अब बैगंलौर में हूं। यहां आकर इंट्र्नेट इस्तेमाल करने का मौका मिला है तो आज अपना लेख लिखने बैठ गये। १८ अक्टुबर को सुबह पांच बजे दिल्ली से बांबे की फ़्लाइट थी तो सुबह ही आगरा से दिल्ली निकल गये थे।हम लोगों को सुबह जल्दी बांबे पहुचंना था इसलिये सबसे पहली जो फ़्लाइट थी उसमें बुकिंग करा ली थी। बांबे में हमारे दो दोस्त नौकरी करते है तो हमें उनके पास जाना था।
दिल्ली में थोडी-सी खरीदारी करने के बाद रात को बारह बजे एयरपोर्ट पहुंच गये मैं और मेरे तीन दोस्त वहां पर तीन बजे तक इन्तेज़ार किया फ़िर बोर्डिंग पास लिया और फ़्लाइट का इन्तेज़ार करने लगे। मैं पहले सफ़र कर चुका हुं लेकिन मेरे तीनों दोस्त पहली बार प्लेन से सफ़र कर रहे थे खैर जैसे-तैसे वक्त काटा और फ़िर बौर्डिग के लिये अनांउंसमेंट हुआ और हम लोग प्लेन में पहुंचे ठीक पांच बजे प्लेन ने उडांन भरी! रात भर का जागा हुआ था तो नींद आना लाज़मी था तो मैं सो गया तो थोडी देर बाद मेरे दोस्त ने मुझे जगाया और बाहर का नज़ारा देखने को बोला जैसे ही मैनें खिड्की के बाहर झांका तो बहुत खुबसुरत नज़ारा देखने को मिला जो आज तक कभी देखा और शायद ही कभी देखने को मिले!