दीवाली के दिन मैने पिछ्ली पोस्ट लिखी थी...तब से छुट्टी पर चल रहे है! पहले दिल्ली के रास्ते बांम्बे...!!!! (अरे गलती हो गयी माफ़ी चाहता हूं राज ठाकरे जी) मुम्बंई फ़िर महाब्लेश्वर होते हुये गोवा और अब बैगंलौर में हूं। यहां आकर इंट्र्नेट इस्तेमाल करने का मौका मिला है तो आज अपना लेख लिखने बैठ गये। १८ अक्टुबर को सुबह पांच बजे दिल्ली से बांबे की फ़्लाइट थी तो सुबह ही आगरा से दिल्ली निकल गये थे।हम लोगों को सुबह जल्दी बांबे पहुचंना था इसलिये सबसे पहली जो फ़्लाइट थी उसमें बुकिंग करा ली थी। बांबे में हमारे दो दोस्त नौकरी करते है तो हमें उनके पास जाना था।
दिल्ली में थोडी-सी खरीदारी करने के बाद रात को बारह बजे एयरपोर्ट पहुंच गये मैं और मेरे तीन दोस्त वहां पर तीन बजे तक इन्तेज़ार किया फ़िर बोर्डिंग पास लिया और फ़्लाइट का इन्तेज़ार करने लगे। मैं पहले सफ़र कर चुका हुं लेकिन मेरे तीनों दोस्त पहली बार प्लेन से सफ़र कर रहे थे खैर जैसे-तैसे वक्त काटा और फ़िर बौर्डिग के लिये अनांउंसमेंट हुआ और हम लोग प्लेन में पहुंचे ठीक पांच बजे प्लेन ने उडांन भरी! रात भर का जागा हुआ था तो नींद आना लाज़मी था तो मैं सो गया तो थोडी देर बाद मेरे दोस्त ने मुझे जगाया और बाहर का नज़ारा देखने को बोला जैसे ही मैनें खिड्की के बाहर झांका तो बहुत खुबसुरत नज़ारा देखने को मिला जो आज तक कभी देखा और शायद ही कभी देखने को मिले!
धर्म, जात - पात को एक तरफ़ रख कर हिन्दुस्तान को एक सूत्र के पिरोने की कोशिश....
गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009
बाद्लों के ऊपर से सुर्य उदय का नज़ारा..मेरे कैमरे से!! Sunrise Pictures Above Clouds From My Camera
शनिवार, 17 अक्टूबर 2009
दीपावली क्या है?? सारे हिन्दी ब्लोग्गर्स को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें...!! What Is Deepawali??? A Very Happy Deepawali To All Hindi Blogger's..!!
आज "दीपावली" है। दीपावली का अर्थ है दीपों की पंक्ति। दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लासपूर्ण था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए । कार्तिक मास की घनघोर काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। अधिकतर यह पर्व ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्तूबर या नवंबर महीने में पड़ती है। दीपावली दीपों का त्योहार है। इसे दीवाली या दीपावली भी कहते हैं। दिवाली अन्धेरे से रोशनी में जाने का प्रतीक है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दिवाली यही चरितार्थ करती है - असतो माऽ सद्गमय , तमसो माऽ ज्योतिर्गमय।
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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009
सारे भारतवासियों से अपील अपना विरोध दर्ज करायें... जुते पर गणेश, कृष्ण, बोद्ध के चित्र और अल्लाह, लिखा है.. One Appeal To All Indian Register Your Complain.. Photos Of Ganesh, Buddh, Krishana And Allah Written On Shoes
आज से दो दिन पहले बेरोज़गार ने एक लेख लिखा था जूते पर गणेश जी,कृष्ण,ॐ,बुद्ध,मदर टेरेसा के चित्र !! कोई इस्लामिक चिह्न क्यों नहीं? फ़िर उन्होने एक लेख और लिखा मैं ग़लत था, इस वेबसाईट पर इस्लामिक प्रतीक भी हैं। अब तो हिंदू मुस्लिम एक हो जाओ !!! इन दोनों लेखों मे उन्होने एक ZAZZLE
नामक वेबसाइट का ज़िक्र किया है इस वेबसाइट पर कुछ जुते बिक रहे है इन जुतों पर गणेश जी,कृष्ण,ॐ,बुद्ध,मदर टेरेसा के चित्र, और अल्लाह लिखा हुआ है। उन तस्वीरों में से कुछ यहां पर देखिये
नामक वेबसाइट का ज़िक्र किया है इस वेबसाइट पर कुछ जुते बिक रहे है इन जुतों पर गणेश जी,कृष्ण,ॐ,बुद्ध,मदर टेरेसा के चित्र, और अल्लाह लिखा हुआ है। उन तस्वीरों में से कुछ यहां पर देखिये
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रविवार, 4 अक्टूबर 2009
बदलती भारतीय सभ्यता... टी-शर्ट पर अश्लील और व्यस्क सन्देश... सही या गलत?? Adult And Porn Messages On T-Shirt's... Indian Culture Is Changing... Right Or Wrong??
(वैधानिक चेतावनी :- इस लेख की भाषा को देखकर विचलित ना हो, और इस लेख भाषा को नज़रअंदाज़ करते हुये इसके विषय को समझे..!!! मैं ये नही चाहता की एक बार फ़िर मुझ पर पोर्न परोसने का इल्ज़ाम लगें... इस लेख का विषय ही ऐसा है की इन शब्दों के बिना इस बात की गम्भीरता का अन्दाज़ा नही होगा.. फ़िर भी ऐसे शब्दों के लिये माफ़ी चाहता हूं)
टी-शर्ट आज के दौर का सबसे सस्ता, सबसे आरामदायक, सबसे ज़्यादा वैरायटी में मिलने वाला परिधान है, ये वो परिधान है जिसमें ज़रा सा बदलाव करते ही ये बिल्कुल अलग दिखने लगता है। इस परिधान का भारत में आने का सही वक्त तो नही पता लेकिन जब से ये परिधान भारत में आया है युवाओं को बहुत पसंद रहा है ये खासतौर से युवाओं के लिये ही बनता है।
पहले टी-शर्ट को भारत में लडकीयां नही पहनती थी लेकिन अब ये आम हो गया है...पहले ये बिल्कुल सादी और एक रंग में हुआ करती थी, फ़िर इसके रंग बदले, पिछ्ले कुछ सालो से इसका इस्तेमाल सन्देश लिखने के लिये लोग और कम्पनियां कर रही हैं। पहले पहल बहुत अच्छे अच्छे सन्देश लिखे गये जैसा इस तस्वीर में दिख रहा है, ये सन्देश खासतौर पर जागरुकता के सन्देश हुआ करते थे।
टी-शर्ट आज के दौर का सबसे सस्ता, सबसे आरामदायक, सबसे ज़्यादा वैरायटी में मिलने वाला परिधान है, ये वो परिधान है जिसमें ज़रा सा बदलाव करते ही ये बिल्कुल अलग दिखने लगता है। इस परिधान का भारत में आने का सही वक्त तो नही पता लेकिन जब से ये परिधान भारत में आया है युवाओं को बहुत पसंद रहा है ये खासतौर से युवाओं के लिये ही बनता है।
पहले टी-शर्ट को भारत में लडकीयां नही पहनती थी लेकिन अब ये आम हो गया है...पहले ये बिल्कुल सादी और एक रंग में हुआ करती थी, फ़िर इसके रंग बदले, पिछ्ले कुछ सालो से इसका इस्तेमाल सन्देश लिखने के लिये लोग और कम्पनियां कर रही हैं। पहले पहल बहुत अच्छे अच्छे सन्देश लिखे गये जैसा इस तस्वीर में दिख रहा है, ये सन्देश खासतौर पर जागरुकता के सन्देश हुआ करते थे।
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
नवरात्रों में देवी के भेंट चढें मेरे साथ २००-२५० लैंडलाईन कनेक्शन... 200-250 Landline Connection Was Destroyed On Navratra
(वैधानिक चेतावनी :- ये लेख मैं लिखता नही लेकिन सुरेश चिपलूनकर जी के एक लेख के वजह से मुझे ये लिखना पड रहा है। ये लेख कोई साम्प्रदायिक्ता बढाने वाला लेख नही है. मैं इस लेख के माध्यम से लोगों के दिमाग पर पडी मिट्टी हटाना चाहता हूं )
इस साल १९ सितम्बर से नवरात्रे शुरु हुऐ थे.....२१ सितम्बर हो ईद थी। मैं आगरा के नाई की मण्डी श्रेत्र में रहता हूं और नाई की मण्डी में बी.एस.एन.एल की फ़ोन लाईन आगरा फ़ोर्ट और बिजलीघर की तरफ़ से आती है। ये लाईन बिजलीघर से चल कर मंटोला होती हुई सदर भट्टी होती हुई सीधे नालबंद चौराहे को निकल जाती है।
हर साल तीसरे या चौथे नवरात्रे को सदरभटटी चौराहे के पास खोजा हवेली पर पंडाल लगाकर पुरा रास्ता बंद कर दिया जाता है और वहां देवी की पुजा की जाती है और आजतक किसी ने इस पर ऐतराज़ नही किया हालंकि इससे जुता कारीगरों और व्यापारियों को परेशानी होती उनको बहुत घुम कर हींग की मण्डी जाना पडता है लेकिन ये बात सिर्फ़ एक-दो दिन की होती है इसलिये कोई कुछ नही कहता है।
इस साल १९ सितम्बर से नवरात्रे शुरु हुऐ थे.....२१ सितम्बर हो ईद थी। मैं आगरा के नाई की मण्डी श्रेत्र में रहता हूं और नाई की मण्डी में बी.एस.एन.एल की फ़ोन लाईन आगरा फ़ोर्ट और बिजलीघर की तरफ़ से आती है। ये लाईन बिजलीघर से चल कर मंटोला होती हुई सदर भट्टी होती हुई सीधे नालबंद चौराहे को निकल जाती है।
हर साल तीसरे या चौथे नवरात्रे को सदरभटटी चौराहे के पास खोजा हवेली पर पंडाल लगाकर पुरा रास्ता बंद कर दिया जाता है और वहां देवी की पुजा की जाती है और आजतक किसी ने इस पर ऐतराज़ नही किया हालंकि इससे जुता कारीगरों और व्यापारियों को परेशानी होती उनको बहुत घुम कर हींग की मण्डी जाना पडता है लेकिन ये बात सिर्फ़ एक-दो दिन की होती है इसलिये कोई कुछ नही कहता है।
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