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शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010

दहशतगर्द कौन और गिरफ्तारियां किन की, अब तो सोचो......! अज़ीज़ बर्नी Rss, Terrisiom, Jihad, Aziz Burney

पेश-ए-खिदमत है रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा के सम्पादक अज़ीज़ बर्नी जी का लेख......

 रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा केवल एक समाचारपत्र नहीं, बल्कि इस युग का इतिहास लिखने जा रहा है। हमने तो यह उसी समय तय कर लिया था, जब इस मिशन का आरंभ किया था, लेकिन प्रसन्नता तथा संतोष की बात यह है कि आज हमारे पाठक भी इस सच्चाई को महसूस करने लगे है और उनकी दुआयें हर क्षण हमारे साथ रहती हैं, हम जानते और मानते हैं कि यह उन्ही की दुआओं, प्रोत्साहन की ताकत है कि हम लगातार इस दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं और निस्तर तथ्य सामने आते चले जा रहे हैं। साथ ही एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही जा सकती है कि पूर्ण रूप से न सही, परन्तु एक हद तक तो हम उस निराशाजनक दौर से निकल आयें हैं, जब सरकारों से यह आशा ही नहीं की जा सकती थी कि उनकी जांच का रूख मुसलमानों से हटकर किसी और दिशा में भी आगे बढ़ सकता है। अगर आरंभ में ही यह कदम उठा लिये जाते तो देश को जिन आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा, शायद उनसे बच जाते। बहरहाल आज के इस संक्षिप्त लेख में मैं अपने पाठकों तथा भारत सरकार के सामने थोड़े शब्दों में वे घटनायें सामने रखना चाहता हूं , जिन से बार-बार हमारे देश को जूझना पड़ा। अभी चर्चा केवल उनकी जिनकी जांच का निष्कर्ष सामने आ गया है या आता जा रहा है। हो सकता है शेष घटनाओं की भी नये सिरे से छान बीन हो तो ऐसा ही कुछ सामने आये। यह कुछ मिसाले इसलिए कि हमारी सरकारी और खुफिया एजेंसियां अंदाजा कर सकें कि हमने उन बम धमाकों के बाद किन लोगों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और जब सच सामने आया तो किनके चेहरे सामने आये।

मालेगांव धमाके 

सोमवार, 28 दिसंबर 2009

6 दिसम्बर 92 से पहले जनसत्ता अखबार ने की कारसेवा. Karsewa Of Jansatta Before 6 December 92


मेरी बाबरी सिरीज़ मे मैंने आप लोगो के सामने काफी चीज़े रखी, काफी पहलु रखे. बाबरी विध्वंस मे कारसेवको (उप्दार्वियौं) की भूमिका के बारे मे सबको जानकारी है लेकिन इतने लोगो को जमा करना, उनको ट्रेनिंग देना ये सब तो साधू-संतो के जिम्मे था लेकिन मीडिया ने भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, खासकर "जनसत्ता" अखबार ने।

जनसत्ता ने भी कारसेवा की थी तथा कारसेवको के अन्दर ऊर्जा भरने का काम किया था।

      भागलपुर दंगे, मेरठ के मलियाना कांड, जयपुर दंगे, दिवराला सती कांड, मंडल विरोधी आंदोलन और मंदिर के आंदोलन के दौरान जनसत्ता की भूमिका पर आज गर्व कर पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। जनसत्ता ही क्यों, इस दौरान मीडिया के काफी बड़े हिस्से की भूमिका बेहद बुरी थी। ये भी बेहद महत्वपूर्ण है कि मीडिया के पक्षपात में शिकार लगभग हमेशा अल्पसंख्यक, महिलाएं, दलित और पिछड़े ही बनते हैं। मिसाल के तौर पर आरक्षण के बारे में कभी भी कोई रिपोर्ट सवर्णों के खिलाफ पक्षपात नहीं करती।

बुधवार, 23 दिसंबर 2009

बाबरी विध्वंस विडियों भाग - 2 (हिन्दु समर्पित) Babri Demolition Video Part - 2

          मैनें अपनी बाबरी सिरिज़ में एक लेख में बाबरी विध्वंस विडियों...   का ज़िक्र किया था वो विडियों T.V. Tuner से रिकार्ड किया गया था। उस विडियों में बाबरी विध्वंस का पुरा तयशुदा कार्यक्रम नही था। मुझे एक नया विडियो मिला जो बाकायदा एक कम्पनी द्वारा सी.डी. के रुप में हिन्दु बहुल इलाको में बेचा जा रहा है।

         इस वीडियो में पहली बार ऐसा सबुत मिला है जिसमें विहिप के नेताओं को कारसेवकों (उपद्रवियों) को कन्ट्रोल करता हुआ देखा गया है (ये नोटंकी भी अच्छी लगी) बरहाल इस विडियो में साफ़-साफ़ दिखाया गया है कि किस तरह से बाबरी मस्जिद को गिराया गया।

         इस सी.डी. की विडियो में हर लिहाज़ से कोशिश की गयी है भाजपा, विहिप और संघ को बेकुसुर साबित करने की और संघ, भाजपा और विहिप के नेताओं के बयानों के अनुसार ये साबित करने की कोशिश की गयी है बाबरी विध्वंस भावनाओं का बहाव था।

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं... भाग - 2 Atal Bihari Vajpayee Is Also Guilty Of Babri Demolition Part - 2 (Video)

बाबरी विध्वंस के लेखों की सीरिज़ में मैनें सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं...  था इस लेख में मैनें अटल जी के लखनऊ में दिये गये भाषण का ज़िक्र किया था। अब मुझे उस भाषण की विडियो मिल गया है। इस विडियो में आप अटल बिहारी जी का एक अलग रुप देखेंगे... बहुत से लोग उन्हे गम्भीर नेता समझते है (उनमें मैं भी शामिल हूं) इस विडियो में वो जिस तरह से भाषण दे रहे है वो रवैया बहुत चौंकाने वाला है....



आप लोग भी देखें.....










शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

बाबरी विध्वंस विडियों... Babri Masjid Demolition, Ram Mandir, Ayoudya,

6 दिसम्बंर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन इस घिनोनें काम के साजिशकर्ताओं ने सम्पर्क के सारे साधन काट दिये थे, पत्रकारों को उस इलाके से दुर कर दिया गया था, फ़ोन लाइन्स काट दी गयी थी, सम्पर्क के सारे साधन खत्म कर दिये गये थे। इस सब के बाद सिर्फ़ कुछ ही पत्रकारों द्वारा मकानों की छतों तथा दुर से लिये गये फ़ुटेज और कुछ ही तस्वीरे ही बाकी बची है। उन्ही फ़ुटेज में से एक फ़ुटेज यहां पेश कर रहा हूं........





बुधवार, 9 दिसंबर 2009

देवराहा बाबा बाबरी विध्वंस के नही षंडयन्त्र के दोषी है... Devraha Baba Was Guilty For Conspiracy Not For Babri Demolition

                  लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद से संघ, भाजपा तथा अन्य लोगों ने दोषियों की लिस्ट पर सवाल उठाया है, सबसे पहला ऐतराज़ अटल बिहारी वाजपेयी जी पर उठाया तो उसका जवाब तो मैंने अपने लेख में अटल बिहारी वाजपेयी बाबरी विध्वंस के दोषी हैं में दे दिया। दुसरा ऐतराज़ पी.वी. नरसिम्हा राव को बेकुसुर कहने पर था उसका जवाब मैं अपने लेख पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... में दे चुका हूं। तीसरा और सबसे बडा ऐतराज़ देवराहा बाबा के दोषी करार दिये जाने पर है आज हम इस विषय पर बात करेंगे। 


               ये तो जगज़ाहिर है हिन्दु धर्म में साधु-संतों का ओहदा कितना बडा है इसी ओह्दे का इस्तेमाल बाबरी विध्वंस के लिये किया गया था। बाबरी को गिराने का षडंयन्त्र बहुत पहले बना लिया गया था और इसके लिये हिन्दु नौजवानों को तैयार करने का ज़िम्मा साधु-संतों के कंधों पर था।

सोमवार, 7 दिसंबर 2009

बाबरी विध्वंस मिनट दर मिनट... Babri Demolition Minute By Minute

ये रिपोर्ट बाबरी विध्वंस के बाद 31 दिसम्बर 1992 को इंडिया टुडे में छपी थी। यहां इस रिपोर्ट को तस्वीरों के साथ स्कैन कर के पेश रहा हूं...ये रिपोर्ट दिलीप अवस्थी जी ने लिखी है।







रविवार, 6 दिसंबर 2009

पी.वी. नरसिम्हा राव और कांग्रेस सरकार भी दोषी है बाबरी विध्वंस के... P.V. Narsimha Rao & Congress Was Also Guilty Of Babri Demolition

        लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट में भाजपा और संघ के लोगों को दोषी माना है बाबरी विध्वंस का लेकिन क्यौंकि ये रिपोर्ट कांग्रेस शासन में आयी है तो इस लिहाज़ से इसका असर उस पर पडना लाज़मी था और पडा भी. जस्टिस लिब्राहन ने अपनी लगभग एक हज़ार पेज की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव जी को निर्दोष माना है जोकि गलत है क्यौंकि पी.वी. नरसिम्हा राव जी को सब कुछ पता था और वो इस साजिश में दिली तौर पर शामिल थे।


उन दिनों केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी और पी.वी. नरसिम्हा राव जी प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री जी और केन्द्र सरकार बाबरी को बचाने के लिये कितना गंभीर था इसके बारे में फ़ैज़ाबाद के वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह जी बता रहें है उनके अनुसार, "उन्होने इस संबंध में 27 नवंबर 1992  को ही प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह को बता दिया था कि बाबरी मस्जिद गिराने की पूरी योजना तैयार हो गई है। तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने जब पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार से इस्तीफ़ा दिया था, तो तीसरा मुद्दा इसे भी बनाया था कि मैंने फ़ैक्स ग्रह मंत्री को भेज दिया था, लेकिन सुरक्षा के लिये सरकार ने कोई कदम नही उठाया।"

बुधवार, 25 नवंबर 2009

अटल बिहारी वाजपेयी भी बाबरी विध्वंस के दोषी है... Atal Bihari Vajpayee Is Also Guilty Of Babri Demolition

कल लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट को सदन में पेश किया गया था जिसमें कुछ नया नही है सब पुरानी बातें जो हर हिन्दुस्तानी को पता है, कौन दोषी है?? किसने किया???? कौन था जिसने लोगों की भावनाओं को भडकाया?? कौन था जिसने ये सब प्लान किया?? बरहाल लिब्रहान आयोग नें आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी रितम्भरा, मुरली मनोहर जोशी प्रमोद महाजन, विनय कटियार, अशोक सिंहल और प्रवीण तोगड़िया सहित पर्दे के पीछे से इन सभी को 'हांकने' वाले संघ नेतृत्व को दोषी ठहराया है।


रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा ने अट्ल बिहारी वाजपेयी जी को दोषी ठहराने पर विरोध किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी भी दोषी है, अटल जी की छवि भारत में संघ द्वारा कुछ इस तरह की बनाई गई थी जिनके चेहरे पर एक मुखोटा लगा हुआ था जो कहता कुछ और था और करता कुछ और था।

अटल जी को सब कुछ पता था की 6 दिसम्बर 1992 को वहां क्या होने वाला है क्यौंकि वो भी संघ के इशारे पर काम करने वालों में से थे...इसका बयान उन्होने खुद अमेरिका में विहिप के कार्यकर्ताओं के सामने अपने आपको संघ का निष्ठावान कार्यकर्ता बताकर किया था।

सोमवार, 10 अगस्त 2009

दुसरों को गरियाओं और मशहुर हो जाओं...!!! Abuse Other's And Get Famous...!!!

(वैधानिक चेतावनीइन दोनों उदाहरणों में पात्र घटनायें वास्तविक हैं, इनका जीवित व्यक्तियों से सम्बन्ध है, हिन्दी ब्लॉग जगत से तो बिलकुल है…)

दुसरों को गरियाओं और मशहुर हो जाओं..!!! आज के दौर का सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला तरीका....या ये कहें की हर दौर का मशहुर होने का सबसे आसान तरीका.....

विवादित बयान से पहले किसी को वरूण गांधी का नाम मालुम था??

विवादित टिप्पणी से पहले कोई रीता बहुगुंणा को जानता था????...... इस बात पर एक शायर की कही एक लाईन याद आ रही है...

सोमवार, 7 जुलाई 2008

हिन्दू - मुस्लिम के झगडे से हम दूर रहे तो ही अच्छा है....

सुनील डोगरा जी ने एक जुलाई को एक पोस्ट लिखी थी काश ! मैं मुसलमान होता... वो उन्होंने बहुत अच्छा लिखा था और उनकी प्रश्न भी सही था लेकिन उस पोस्ट पर सुरेश चंद्र गुप्ता जी ने जो टिप्पणी दी मैं उससे बिल्कुल भी सहमत नही हूँ ।

सुरेश जी जो ६१ वर्ष के हैं उनसे ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नही थी.....

शायद उनको काफिर का मतलब नही पता है ठीक है तो मैं उनको बताता हूँ क्यूंकि मैंने मुसलमानों को बहुत करीब से देखा है.
काफिर का मतलब होता है :- इन्कारी . जो अल्लाह के वजूद से इनकार करता है और जो हर हिंदू करता है तो मेरे हिसाब से किसी हिंदू को काफिर कहने में कोई बुराई नही है और रही बात हिंदूं पर हमला करने की तो मैं आपको बता दूँ इस्लाम या दुनिया के किसी भी धर्म में यह नही सिखाया गया है किसी दुसरे धर्म के लोगो की जान लो....

बल्कि हर धर्म में यह बताया गया है की सब के साथ मिल कर रहो और अगर तुम्हारे ऊपर कोई हमला करता है तो उससे अपने धर्म और अपने लोगो की रक्षा करो....जो हर आदमी करता है...

सुरेश चंद्र जी ने अपनी प्रोफाइल में इंटेरेस्ट कालम में लिखा है की Let us take our country on path to top तो क्या हमारा इंडिया ऐसे टॉप पर जायेगा जब हम हिंदू - मुस्लिम के झगडे में पड़े रहेंगे तो कहाँ से तरक्की करेंगे???
हम लोग फिर वही गलती कर रहे हैं जो हमारे बडों ने की तभी तो वो अँगरेज़ हमारे ऊपर २०० - २५० साल तक राज करके चले गए अगर इसी तरह से यह सब चलता रहा तो फिर कोई हमारे ऊपर राज करने लगेगा.....

अरे हमेशा से मुसलमान यहाँ रहते आ रहे है तो फिर क्या परेशानी है वो हमारे भाई है और भाई से हमेशा मोहब्बत की जाती उससे लड़ा नहीं जाता है क्यूंकि भाई से लड़ने में हमेशा नुक्सान ही होता है...

तो अगर हम सब अपने हिन्दुस्तान को टॉप पर देखना चाहते है तो हमें सब धर्म के लोगो को साथ लेकर चलना होगा जब सब लोग हाथ में हाथ लेकर चलेंगे तभी हमारा देश एक नयी ऊंचाई पर पहुचेगा
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